Ayurvedik Health Benefits : जाने त्रिफला क्या है? और उसके प्रयोग
त्रिफला का अर्थ है तीन फल का मिश्रण। हरड़, बहेड़ा और आंवला ये तीन फल के मिश्रण को त्रिफला कहते हैं। जब ये तीन फल मिल कर जब त्रिफला बनता है इस को आयुर्वेद में एक रसायन के रूप में माना जाता है। यदि त्रिफला का सेवन विधि पूर्वक तथा प्रतिदिन किया जाये तो अचूक से अचूक रोगों से लड़ने की क्षमता आती है तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता की भी भड़ोत्री होती है।
» मधुमेह (Diabetes) में उपयोगी - त्रिफला चूर्ण पॅनक्रियास (pancreas) को प्रभावित कर इन्सुलिन (insulin) के स्तर को बढ़ाता है तथा रक्त (blood) मे शुगर (insulin) की मात्रा को संतुलित रखता है।
» त्रिफला कफ, पित्त, नेत्रों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक , अग्नि प्रदीप्त करने वाला, रुचिवर्धक और ज्वार नासक होता है।
» 2 से 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण 120 मिली लौह भस्म में मिलकर सुबह और शाम सेवन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हे।
» 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात्रि को ठन्डे पानी में भिगोकर प्रातः उस जल से नेत्र को धोने से नेत्र के रोग मिट जाते हैं।
» रात्रि में सोते समय एक चम्मच त्रफला चूर्ण का सेवन गुनगुने जल के साथ करने से कब्ज मिट जाती है।
त्रफला का क्वाथ बनाकर 20 मिली मात्रा में पानी से विषम ज्वार का शमन होता है।
» 1 चम्मच त्रफला चूर्ण को रात्रि में 200 मिली पानी में भिगोकर रखें। प्रातः गर्म करें आधा शेष रहने पर छान लें, इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। कुछ ही दिन के सेवन से कई किलो वजन कम हो जाता है
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