मेरे जन्मदिन पर by shailjapathak
अम्मा ने बताया था
आज के दिन नैनीताल
के रानीखेत में
जन्म हुआ मेरा
सबने मेरे होने की
बधाई की जगह
आ कर दी थी
सहानुभूति.. की
सांवली लड़की हुई
मेरे बड़े और गोरे
रंग वाले भाई बहन ने
मुझे मुस्कराकर देखा था
सबसे ज्यादा खुश
वो दाइ जी हुई थी
जिसने अम्मा को
अपने पहाड़ी नुस्खों से
मुझे गोरा बना देने का
भरोसा दिया था
खूब सफ़ेद बरफ गिरती थी
अम्मा कहती वो मुझे
शाल में लपेट कर रखती
और कोट पैंट पहने हुए
मेरे भाई बहन
कभी कभी छूते मुझे
मैं पहाड़ी गाना सुन
कर मालिश करावा लेती
बरफ गिरने को
टुकटुक कर देखती
अम्मा के आँख में
दूसरी लडकी होने की
मायूसी को भी
समझती
अम्मा बताती है
कई बार जब रातें ठिठुरा देती
मैं आखिरी बार हाथ उठाती
जरा सी आँख खोल
अम्मा को एकदम आखिरी बार
देखती और मैं
मरते मरते जी जाती
मुझे लगता है मेरे
अंदर पहाड जीना चाहते थे
नदियाँ झरने मुझमे
बहते थे और मैं
जीना चाहती थी
ये जिंदगी अपनी
कविताओं को जिंदा करने
के लिए ………
Source : Shailja Pathak's Poem
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