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Saturday, June 7, 2014

धर्मशास्त्रों के अनुसार बर्थ-डे पर क्या और क्यों नहीं करना चाहिए?

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धर्मशास्त्रों के अनुसार बर्थ-डे पर क्या और क्यों नहीं करना चाहिए?

जन्मदिन हर व्यक्ति के जीवन का बहुत ही विशेष दिन होता है। इसीलिए सभी लोग चाहे वो आम हो या खास अपने बर्थ-डे को विशेष तरह से मनाना पसंद करते हैं। कुछ लोग इस दिन अपने घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान करना पसंद करते हैं तो कुछ अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ पार्टी करना पसंद करते हैं। जन्मदिन चाहे कैसे भी मनाएं। मतलब सिर्फ अपनी खुशियों और खास लम्हों को अपनों के साथ बांटने से है या कहें सेलीब्रेशन से है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार यदि हम अपना जन्मदिन मनाएं तो हमारे शास्त्रों के अनुसार जन्मदिन के दिन  


कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें करना शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। ये कार्य इस प्रकार है :-
जन्मदिन पर नाखून एवं बाल काटना, वाहन से यात्रा करना, कलह, हिंसाकर्म, अभक्ष्यभक्षण (न खाने योग्य पदार्थ खाना), अपेयपान (न पीने योग्य पदार्थ पीना), स्त्रीसंपर्क से प्रयत्नपूर्वक बचना चाहिए। इसी तरह दीपक का बुझना आकस्मिक मृत्यु, अर्थात् अपमृत्युसे संबंधित है। इसे अशुभ माना गया है। इसीलिए मोमबत्ती जलाकर जन्मदिन नहीं मनाना चाहिए। हिंदू संस्कृति के अनुसार दिन सूर्योदयसे आरंभ होता है। यह समय ऋषि-मुनियोंकी साधना का समय है, इसलिए वातावरणमें सात्त्विकता अधिक होती है और सूर्योदयके पश्चात् दी गई शुभकामनाएं फलदायी सिद्ध होती हैं। इसलिए रात के समय जन्मदिन की बधाई देने से बचना चाहिए।



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