Labels

Saturday, November 15, 2014

1984 Vs 2014

Visit of Amazing / Funny Information - http://7joke.blogspot.com

1984 Vs 2014

माँ बनाती थी रोटी
पहली गाय की ,
आखरी कुत्ते की
एक बामणी दादी की
एक मेथरानी बाई
हर सुबह सांड आ जाता था
दरवाज़े पर गुड़ की डली के लिए
कबूतर का चुग्गा
किडियो का आटा
ग्यारस, अमावस, पूर्णिमा का सीधा
डाकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड़ का सीरा
सब कुछ निकल आता था
उस घर से ,
जिसमें विलासिता के नाम पर एक टेबल पंखा था...
आज सामान से भरे घर में
कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय लड़ने की कर्कश आवाजों के.......
....
मकान चाहे कच्चे थे
लेकिन रिश्ते सारे सच्चे थे...
चारपाई पर बैठते थे
पास पास रहते थे...
सोफे और डबल बेड आ गए
दूरियां हमारी बढा गए....
छतों पर अब न सोते हैं
बात बतंगड अब न होते हैं..
आंगन में वृक्ष थे
सांझे सुख दुख थे...
दरवाजा खुला रहता था
राही भी आ बैठता था...
कौवे भी कांवते थे
मेहमान आते जाते थे...
इक साइकिल ही पास था
फिर भी मेल जोल था...
रिश्ते निभाते थे
रूठते मनाते थे...
पैसा चाहे कम था
माथे पे ना गम था...
मकान चाहे कच्चे थे
रिश्ते सारे सच्चे थे...
अब शायद कुछ पा लिया है
पर लगता है कि कुछ गंवा दिया






मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

No comments:

Post a Comment