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हाईकोर्ट ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है. साथ ही शव को पद्रंह दिनों के अंदर अंतिम संस्कार करने का भी आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने यह फैसला आशुतोष महाराज की मौत से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दी. हाईकोर्ट ने आशुतोष महाराज की समाधि या मौत मामले में अपना फैसला 28 अक्टूबर को सुरक्षित रख लिया था.
हाईकोर्ट में एक याचिका आशुतोष महाराज के ड्राइवर होने का दावा करने वाले पूर्ण सिंह नामक व्यक्ति ने दायर की थी. उसने मांग की थी कि महाराज की मेडिकल जांच कर उनका अंतिम संस्कार किया जाए.
वहीं दूसरी याचिका उनका बेटा होने का दावा करने वाले दिलीप झा ने की थी. उन्होंने पुत्र होने के नाते महाराज का दाह संस्कार करने का अधिकार मांगा था. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की थी कि कोर्ट सरकार को निर्देश दें कि उनका डीएनए टेस्ट किया जाए. डीएनए टेस्ट के बाद सकबुछ सामने आ जाएगा कि वह वास्तव में उनके पुत्र हैं या नहीं. यह उनका अधिकार है कि वे महाराज का अंतिम संस्कार करे.
उन्होंने डेरा के लोगों की दलील को भी खारिज कर दिया था कि महाराज जीवित हैं और समाधि में हैं. हाईकोर्ट ने इन दोनों याचिका पर 29 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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आशुतोष महाराज का 15 दिन में अंतिम संस्कार करने का आदेश : हाईकोर्ट
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने मृत आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया है.
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने मृत आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया है.
हाईकोर्ट ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है. साथ ही शव को पद्रंह दिनों के अंदर अंतिम संस्कार करने का भी आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने यह फैसला आशुतोष महाराज की मौत से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दी. हाईकोर्ट ने आशुतोष महाराज की समाधि या मौत मामले में अपना फैसला 28 अक्टूबर को सुरक्षित रख लिया था.
हाईकोर्ट में एक याचिका आशुतोष महाराज के ड्राइवर होने का दावा करने वाले पूर्ण सिंह नामक व्यक्ति ने दायर की थी. उसने मांग की थी कि महाराज की मेडिकल जांच कर उनका अंतिम संस्कार किया जाए.
वहीं दूसरी याचिका उनका बेटा होने का दावा करने वाले दिलीप झा ने की थी. उन्होंने पुत्र होने के नाते महाराज का दाह संस्कार करने का अधिकार मांगा था. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की थी कि कोर्ट सरकार को निर्देश दें कि उनका डीएनए टेस्ट किया जाए. डीएनए टेस्ट के बाद सकबुछ सामने आ जाएगा कि वह वास्तव में उनके पुत्र हैं या नहीं. यह उनका अधिकार है कि वे महाराज का अंतिम संस्कार करे.
उन्होंने डेरा के लोगों की दलील को भी खारिज कर दिया था कि महाराज जीवित हैं और समाधि में हैं. हाईकोर्ट ने इन दोनों याचिका पर 29 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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