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Friday, September 23, 2016

चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में मोबाइल नहीं थे..

चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने
अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

*पत्नी* : पर ठीक पाँच बजकर पचपन
मिनट पर मैं पानी का ग्लास लेकर
दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते..

*पति* : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की
पर आज तक मैं ये नहीं समझ
पाया कि मैं आता इसलिए तुम
पानी लाती थी या तुम पानी लेकर
आती थी इसलिये मैं आता था..

*पत्नी* : हाँ.. और याद है.. तुम्हारे
रिटायर होने से पहले जब तुम्हें
डायबीटीज़ नहीं थी और मैं तुम्हारी
मनपसन्द खीर बनाती तब तुम कहते
कि आज दोपहर में ही ख़याल आया
कि खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा
आ जाए..

*पति* : हाँ.. सच में.. ऑफ़िस से
निकलते वक़्त जो भी सोचता, घर पर
आकर देखता कि तुमने वही बनाया है..

*पत्नी* : और तुम्हें याद है जब पहली
डिलीवरी के वक़्त मैं मैके गई थी और
जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश..
तुम मेरे पास होते.. और घंटे भर में तो
जैसे कोई ख़्वाब हो, तुम मेरे पास थे..

*पति* : हाँ.. उस दिन यूँ ही ख़याल
आया कि ज़रा देख लूँ तुम्हें !!

*पत्नी* : और जब तुम मेरी आँखों में
आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते..

*पति* : हाँ और तुम शर्मा के पलकें झुका
देती और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता !!

*पत्नी* : और हाँ जब दोपहर को चाय
बनाते वक़्त मैं थोड़ा जल गई थी और
उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब अपनी
ज़ेब से निकाल कर बोले, इसे अलमारी
में रख दो..

*पति* : हाँ.. पिछले दिन ही मैंने देखा था
कि ट्यूब ख़त्म हो गई है,पता नहीं कब
ज़रूरत पड़ जाए, यही सोच कर मैं
ट्यूब ले आया था !!

*पत्नी* : तुम कहते आज ऑफ़िस के
बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे
और खाना भी बाहर खा लेंगे..

*पति* : और जब तुम आती तो जो
मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी
पहन कर आती..

फिर नज़दीक जा कर उसका हाथ
थाम कर कहा : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

पर..

"हम दोनों थे !!"

*पत्नी* : आज बेटा और उसकी बहू
साथ तो होते हैं पर..
बातें नहीं व्हाट्सएप होता है..
लगाव नहीं टैग होता है..
केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है..
लव नहीं लाइक होता है..
मीठी नोकझोंक नहीं अनफ़्रेन्ड होता है..

उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश सागा,
टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए..

*पति* : छोड़ो ये सब बातें..
हम अब वायब्रंट मोड पे हैं
हमारी बैटरी भी 1 लाइन पे है..

अरे..!! कहाँ चली..?

*पत्नी* : चाय बनाने..

*पति* : अरे मैं कहने ही वाला था
कि चाय बना दो ना..

*पत्नी* : पता है.. मैं अभी भी कवरेज
में हूँ और मैसेज भी आते हैं..

दोनों हँस पड़े..

*पति* : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..!!

😊🙏😊🙏😊🙏😊🙏
To every lovely couple.




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