#News : मोदी ने टेक गुरुओं को दिया 'क्लाउड लॉकर' का आइडिया
Modi Ne Kaha Hai Ki : 'क्या आपके दिल में यह सवाल नहीं उठता कि गूगल हमारे देश में हो?' हाइवे जितना आइवे (इन्फर्मेशन वे) भी जरूरी
नैस्कॉम के समारोह को संबोधित करते पीएम मोदी।
नई दिल्ली
गूगल गुरु, क्लाउड गोडाउन, क्लाउड लॉकर... ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को टेक गुरुओं को यह फ्यूचर मंत्र दिया। टेक्नॉलजी को लेकर आने वाले सालों में दुनिया और देश की क्या जरूरतें होंगी, रविवार को इस पर उन्होंने अपना व्यापक नजरिया सामने रखा। प्रधानमंत्री ने नैस्कॉम के 25 साल पूरे होने के मौके पर बोलते हुए आने वाले दिनों में शिक्षा, सुरक्षा, शासन, भ्रष्टाचार पर वार से लेकर टूरिजम तक के विकास में टेक्नॉलजी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। पेश हैं पीएम के संबोधन के कुछ प्रमुख अंश।
प्रधानमंत्री ने महज 25 सालों में नैस्कॉम के शानदार विस्तार पर बधाई देते हुए कहा कि इसके विस्तार के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि इसमें सरकार का कहीं से कोई रोल नहीं है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि हम जितना दूर रहें, उतना अच्छा। यह सारा करिश्मा नौजावानों ने किया है।
पीएम ने कहा, 'आईटी के कारण पूरी दुनिया को भारत की तरफ देखने की जरूरत पड़ रही है। पहले दुनिया की नजर में पिछड़े, गंदे, सांप-संपेरे वाले देश की छवि थी। लेकिन, हमारे नौजवानों ने कम्प्यूटर पर उंगलियां घुमाते-घुमाते दुनिया का दिमाग बदल दिया।'
-आज की तारीख में बच्चों का एक ही गुरू है, गूगल गुरु। मोदी ने कहा, मोबाइल आज कहां पहुंच गया, कोई अंदाजा नहीं लगा सकता।
पीएम ने समारोह में शामिल लोगों से पूछा, 'क्या आपके दिल में यह सवाल नहीं उठता कि गूगल हमारे देश में हो?' हाइवे जितना आइवे (इन्फर्मेशन वे) भी जरूरी।डिजिटल इंडिया पर काम चल रहा है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
पीएम ने विरोधियों और आलोचकों पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि लोग हर काम की आलोचना करते हैं, लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि आप अच्छा करते हैं, इसलिए आपसे ज्यादा अपेक्षा भी होती है।
साइबर सिक्यॉरिटी को लेकर सारी दुनिया परेशान है। क्या मेरे देश का कोई भी नौजवान दुनिया को इस परेशानी से पीछा छुड़ा सकता है? उन्होंने आशंका जताई कि अगर हम यह सिक्यॉरिटी नहीं ला पाएंगे तो बहुत बड़ा वर्ग मोबाइल छूने से दूर ही रहेगा। उसे लगेगा कि पता नहीं इससे हमारी बात या हमारे दस्तावेज कहां से कहां पहुंच जाएंगे।
ऐसे दिन में आएंगे तो आपको क्लाउड गोडाउन खोलने होंगे। आने वाले दिनों में क्लाउड लॉकर की मांग होगी। बैंक से लेकर सरकारें तक क्लाउड लॉकर में गोपनीय दस्तावेज जमा करवाकर सुरक्षित महसूस करेंगे। यहां तक कि गोल्ड बॉन्ड लेने के बाद बहुत लोग इसे क्लाउड लॉकर में रखना चाहेंगे। क्लाउड गोडाउन और क्लाउड लॉकर का मार्केट इतना बड़ा बनने जा रहा है कि हम सोच नहीं सकते।
मैं शायद पहला पॉलिटिशन हूं जो साउंड क्लाउड का उपयोग करता हूं। मुझे इसका बहुत लाभ हुआ।
आने वाले दिनों में डिजिटल डिवाइड से अमीरी-गरीबी के बीच खाई नापी जा सकती है। डिजिटल डिवाइड का मौका नहीं आना चाहिए।
किसी भी लैंग्वेज को किसी भी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करने की सुविधा है। क्या सरकारों के पास जो रॉ डाटा पड़े हैं, उन्हें सिंक्रोनाइज करने, उन्हें नए फॉर्मेट में डालने की सुविधा हो सकती है?
पीएम ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार समाप्त करने में भी टेक्नॉलजी के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में टेक्नॉलजी बहुत बड़ा रोल निभा सकती है। पीएम ने कहा, 'टेक्नॉलजी की वजह से 10 फीसदी गैस लिकेज तो रोक ही दिया, जिससे सरकार को हजारों करोड़ का फायदा हो रहा है।'
यूपीए सरकार में कोल ब्लॉक आवंटन पर पीएम ने कहा, 'आपको पता है एक जगह से चिट्ठी जाती थी, किसी को भी कोल ब्लॉक मिल जाते थे। जब एक लाख 86 करोड़ का घोटाला सामने आया तो हम भी पॉलिटकली तो बोल देते थे, लेकिन मन ही मन सोचते थे कि इतना बड़ा घोटाला हो सकता है क्या?'
पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन 204 कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द किए, उनमें सिर्फ 19 की ई-ऑक्शन हुई। इसके तहत एक लाख 10 हजार करोड़ की बोली लग चुकी है, जबकि सीएजी ने सभी 204 कोल ब्लॉक्स में एक लाख 86 करोड़ का घोटाला बताया था।'
मोदी ने भारत में टूरिज्म के विकास पर जोर देते हुए कहा, 'क्या हम टूरिजम के क्षेत्र में भारत की मार्केटिंग कर दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं?' उन्होंने दावा कि यह गरीब से गरीब लोगों को रोजगार दे सकता है।
पीएम ने कहा कि दुनिया का हरेक देश अपनी विरासत को म्यूजिअम में संभालकर रखता है। लेकिन, हमारे पास उतने पैसे नहीं हैं कि इतने बड़े पैमाने पर म्यूजिअम बना सकें। इसलिए, देश में 50 हेरिटेज सिटीज में वर्चुअल म्यूजिअम तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल म्यूजिअम का बहुत बड़ा मार्केट खड़ा किया जा सकता है। अगर, कोई खड़ा करे तो भारत सरकार खरदीने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, 'मुझे बताया गया कि आपकी संस्था में 1800 सदस्य हैं। अगर आपमें से हरेक व्यक्ति जहां कहीं भी, जिस किसी भी स्कूल में पढ़ा है, वहां एक ई-लाइब्रेरी खोल सके तो मेरा दावा है कि आने वाले दिनों में यह वायरल हो जाएगा और इस तरह स्कूलों में ज्ञान की गंगा बहने लगेगी।'
पीएम ने ई-कचरे के निबटान पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नैस्कॉम को अवेयरनेस कैंपेन चलाना चाहिए, ई-वेस्ट के सॉल्यूशन खोजे जाने चाहिए।
News Sabhar : नवभारतटाइम्स.कॉम| Mar 1, 2015, 07.30PM IST
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नई दिल्ली
गूगल गुरु, क्लाउड गोडाउन, क्लाउड लॉकर... ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को टेक गुरुओं को यह फ्यूचर मंत्र दिया। टेक्नॉलजी को लेकर आने वाले सालों में दुनिया और देश की क्या जरूरतें होंगी, रविवार को इस पर उन्होंने अपना व्यापक नजरिया सामने रखा। प्रधानमंत्री ने नैस्कॉम के 25 साल पूरे होने के मौके पर बोलते हुए आने वाले दिनों में शिक्षा, सुरक्षा, शासन, भ्रष्टाचार पर वार से लेकर टूरिजम तक के विकास में टेक्नॉलजी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। पेश हैं पीएम के संबोधन के कुछ प्रमुख अंश।
प्रधानमंत्री ने महज 25 सालों में नैस्कॉम के शानदार विस्तार पर बधाई देते हुए कहा कि इसके विस्तार के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि इसमें सरकार का कहीं से कोई रोल नहीं है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि हम जितना दूर रहें, उतना अच्छा। यह सारा करिश्मा नौजावानों ने किया है।
पीएम ने कहा, 'आईटी के कारण पूरी दुनिया को भारत की तरफ देखने की जरूरत पड़ रही है। पहले दुनिया की नजर में पिछड़े, गंदे, सांप-संपेरे वाले देश की छवि थी। लेकिन, हमारे नौजवानों ने कम्प्यूटर पर उंगलियां घुमाते-घुमाते दुनिया का दिमाग बदल दिया।'
-आज की तारीख में बच्चों का एक ही गुरू है, गूगल गुरु। मोदी ने कहा, मोबाइल आज कहां पहुंच गया, कोई अंदाजा नहीं लगा सकता।
पीएम ने समारोह में शामिल लोगों से पूछा, 'क्या आपके दिल में यह सवाल नहीं उठता कि गूगल हमारे देश में हो?' हाइवे जितना आइवे (इन्फर्मेशन वे) भी जरूरी।डिजिटल इंडिया पर काम चल रहा है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
पीएम ने विरोधियों और आलोचकों पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि लोग हर काम की आलोचना करते हैं, लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि आप अच्छा करते हैं, इसलिए आपसे ज्यादा अपेक्षा भी होती है।
साइबर सिक्यॉरिटी को लेकर सारी दुनिया परेशान है। क्या मेरे देश का कोई भी नौजवान दुनिया को इस परेशानी से पीछा छुड़ा सकता है? उन्होंने आशंका जताई कि अगर हम यह सिक्यॉरिटी नहीं ला पाएंगे तो बहुत बड़ा वर्ग मोबाइल छूने से दूर ही रहेगा। उसे लगेगा कि पता नहीं इससे हमारी बात या हमारे दस्तावेज कहां से कहां पहुंच जाएंगे।
ऐसे दिन में आएंगे तो आपको क्लाउड गोडाउन खोलने होंगे। आने वाले दिनों में क्लाउड लॉकर की मांग होगी। बैंक से लेकर सरकारें तक क्लाउड लॉकर में गोपनीय दस्तावेज जमा करवाकर सुरक्षित महसूस करेंगे। यहां तक कि गोल्ड बॉन्ड लेने के बाद बहुत लोग इसे क्लाउड लॉकर में रखना चाहेंगे। क्लाउड गोडाउन और क्लाउड लॉकर का मार्केट इतना बड़ा बनने जा रहा है कि हम सोच नहीं सकते।
मैं शायद पहला पॉलिटिशन हूं जो साउंड क्लाउड का उपयोग करता हूं। मुझे इसका बहुत लाभ हुआ।
आने वाले दिनों में डिजिटल डिवाइड से अमीरी-गरीबी के बीच खाई नापी जा सकती है। डिजिटल डिवाइड का मौका नहीं आना चाहिए।
किसी भी लैंग्वेज को किसी भी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करने की सुविधा है। क्या सरकारों के पास जो रॉ डाटा पड़े हैं, उन्हें सिंक्रोनाइज करने, उन्हें नए फॉर्मेट में डालने की सुविधा हो सकती है?
पीएम ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार समाप्त करने में भी टेक्नॉलजी के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में टेक्नॉलजी बहुत बड़ा रोल निभा सकती है। पीएम ने कहा, 'टेक्नॉलजी की वजह से 10 फीसदी गैस लिकेज तो रोक ही दिया, जिससे सरकार को हजारों करोड़ का फायदा हो रहा है।'
यूपीए सरकार में कोल ब्लॉक आवंटन पर पीएम ने कहा, 'आपको पता है एक जगह से चिट्ठी जाती थी, किसी को भी कोल ब्लॉक मिल जाते थे। जब एक लाख 86 करोड़ का घोटाला सामने आया तो हम भी पॉलिटकली तो बोल देते थे, लेकिन मन ही मन सोचते थे कि इतना बड़ा घोटाला हो सकता है क्या?'
पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन 204 कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द किए, उनमें सिर्फ 19 की ई-ऑक्शन हुई। इसके तहत एक लाख 10 हजार करोड़ की बोली लग चुकी है, जबकि सीएजी ने सभी 204 कोल ब्लॉक्स में एक लाख 86 करोड़ का घोटाला बताया था।'
मोदी ने भारत में टूरिज्म के विकास पर जोर देते हुए कहा, 'क्या हम टूरिजम के क्षेत्र में भारत की मार्केटिंग कर दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं?' उन्होंने दावा कि यह गरीब से गरीब लोगों को रोजगार दे सकता है।
पीएम ने कहा कि दुनिया का हरेक देश अपनी विरासत को म्यूजिअम में संभालकर रखता है। लेकिन, हमारे पास उतने पैसे नहीं हैं कि इतने बड़े पैमाने पर म्यूजिअम बना सकें। इसलिए, देश में 50 हेरिटेज सिटीज में वर्चुअल म्यूजिअम तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल म्यूजिअम का बहुत बड़ा मार्केट खड़ा किया जा सकता है। अगर, कोई खड़ा करे तो भारत सरकार खरदीने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, 'मुझे बताया गया कि आपकी संस्था में 1800 सदस्य हैं। अगर आपमें से हरेक व्यक्ति जहां कहीं भी, जिस किसी भी स्कूल में पढ़ा है, वहां एक ई-लाइब्रेरी खोल सके तो मेरा दावा है कि आने वाले दिनों में यह वायरल हो जाएगा और इस तरह स्कूलों में ज्ञान की गंगा बहने लगेगी।'
पीएम ने ई-कचरे के निबटान पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नैस्कॉम को अवेयरनेस कैंपेन चलाना चाहिए, ई-वेस्ट के सॉल्यूशन खोजे जाने चाहिए।
News Sabhar : नवभारतटाइम्स.कॉम| Mar 1, 2015, 07.30PM IST
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