वसीयत का बंटवारा
बहुत पुरानी कहानी है। किसी गांव में एक चतुर किसान रहता था। मरते समय वह अपनी वसीयत का बंटवारा निम्न प्रकार कर गया। बड़े बेटे को उसकी सम्पति का आधा हिस्सा मिले, मंझले बेटे को एक चैथाई व उसकी सम्पति का छठाँ भाग सबसे छोटे बेटे को मिले। किसान की कुल जमा पूंजी उसकी ग्यारह गायंे थी। उसके मरने पर बंटवारे का चक्कर पड़ गया। गायों का बंटवारा 1/2, 1/4, 1/6, कैसे करें।
अन्त में गंाव के एक समझदार व्यक्ति ने कहा कि उसकी पूंजी में मेरी एक गाय मिला लो, फिर उसका बंटवारा कर दो। अब तो बात बहुत साफ हो गई। बड़े बेटे को बारह की आधी यानी छः गायें दे दी गई। मझले बेटे को बारह की चैथाई यानी तीन गायंे बांटी गई। छोटे बेटे को बारह का छठा हिस्सा दो गायें दे दी गई।इस प्रकार छः योग तीन योग दो कुल मिलाकर ग्यारह गायें तीनों बेटो में बांट दी गई। बची शेष गाय गांव के समझदार व्यक्ति को पुनः सोंप दी गई।
यह गाय शब्द है जो आपके भावों को जगा सके। यह मेरी गाय संकेत करती है आपको जगाने हेतु, आपकी पूंजी को प्राप्त करने में। अगर प्राप्त कर सके तो यह लेखक आभारी रहेगा।
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