चटोर लड़का घर के सबलोगो की नाक मेँ दम करके रखता था..
.
रोज नये नये पकवान की डिमांड से घर वाले परेशान थे..
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..घर का बना सादा खाना उससे खाया नहीँ जाता था..
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..चटोर लड़के के बाप की, उस राज्य के राजा से अच्छी जान-पहचान थी..
.
..उसके बाप की सिफारिश पे लड़के को राजा के रसोईघर मेँ नौकरी मिल गई।
..
लड़के का काम था,
..राजा के रसोई मेँ बनने वाले सभी पकवानो को चखना और उसमेँ नमक मसालोँ की मात्रा देखना..
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..चटोर काफी प्रसन्न हो गया।
..मनचाहा काम उसे मिल गया..
..रोज पकवान खाने को मिलने लगे।
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..लेकिन उस लड़के को राजा की रसोई के बाहर का खाना खाने की मनाही थी।
..
क्योंकी बाहर का खाना खाकर..
... उसकी जीभ और स्वाद पहचानने की क्षमता खराब ना हो।
..
..समय बितता चला गया।
..लड़के को अब इस काम से उकताहट हो गई..
..पकवान चख चख के वो उकता गया।
.
..उसे घर की सादी रोटी खाने की ईच्छा हुई..
..पर पहरेदार उसे खाने नहीँ देते।
.
एक दिन बेचैनी की हालत मेँ वो रसोई से भागा ..
.
और भागकर जंगल मेँ चला गया..
.
..एक घर से रोटी की भीनी भीनी खुशबु आई।
..
एक बुढ़ीया मिट्टी के चुल्हे पे रोटी सेंक रही थी..
.
..वो लड़का नजर बचा के दो रोटी चुरा लिया।
..
.पर बुढ़ीया देख के चोर चोर चिल्लाई।
..
..राजा के सैनिक आवाज सुनके लड़के को पकड़ के राजा के सम्मुख पेश किये..
..
..सारी कहानी सुनके राजा मुस्कराया
..
और बोला,
..पहले तुम्हे जो काम अच्छा लगता था..
..वही काम आज सजा के रूप मेँ मिलेगा...
...एक हफ्ते तुम्हे रसोई मेँ पकवान चखने की सजा दी जाती है।
..
.लड़के को घर के खाने और रोटी का महत्व समझ आ चुका था
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रोज नये नये पकवान की डिमांड से घर वाले परेशान थे..
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..घर का बना सादा खाना उससे खाया नहीँ जाता था..
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..चटोर लड़के के बाप की, उस राज्य के राजा से अच्छी जान-पहचान थी..
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..उसके बाप की सिफारिश पे लड़के को राजा के रसोईघर मेँ नौकरी मिल गई।
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लड़के का काम था,
..राजा के रसोई मेँ बनने वाले सभी पकवानो को चखना और उसमेँ नमक मसालोँ की मात्रा देखना..
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..चटोर काफी प्रसन्न हो गया।
..मनचाहा काम उसे मिल गया..
..रोज पकवान खाने को मिलने लगे।
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..लेकिन उस लड़के को राजा की रसोई के बाहर का खाना खाने की मनाही थी।
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क्योंकी बाहर का खाना खाकर..
... उसकी जीभ और स्वाद पहचानने की क्षमता खराब ना हो।
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..समय बितता चला गया।
..लड़के को अब इस काम से उकताहट हो गई..
..पकवान चख चख के वो उकता गया।
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..उसे घर की सादी रोटी खाने की ईच्छा हुई..
..पर पहरेदार उसे खाने नहीँ देते।
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एक दिन बेचैनी की हालत मेँ वो रसोई से भागा ..
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और भागकर जंगल मेँ चला गया..
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..एक घर से रोटी की भीनी भीनी खुशबु आई।
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एक बुढ़ीया मिट्टी के चुल्हे पे रोटी सेंक रही थी..
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..वो लड़का नजर बचा के दो रोटी चुरा लिया।
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.पर बुढ़ीया देख के चोर चोर चिल्लाई।
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..राजा के सैनिक आवाज सुनके लड़के को पकड़ के राजा के सम्मुख पेश किये..
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..सारी कहानी सुनके राजा मुस्कराया
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और बोला,
..पहले तुम्हे जो काम अच्छा लगता था..
..वही काम आज सजा के रूप मेँ मिलेगा...
...एक हफ्ते तुम्हे रसोई मेँ पकवान चखने की सजा दी जाती है।
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