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Sunday, November 29, 2015

प्रशंसा से पिंघलना मत आलोचना से उबलना मत🍂

प्रशंसा से पिंघलना मत
आलोचना से उबलना मत🍂
🍂 निस्वार्थ भाव से कर्म कर क्योंकि
इस धरा का
इस धरा पर
सब धरा रह जाऐगा🍂




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