Breaking News :तय करें आतंकवाद पर कौन साथ है और कौन खिलाफ: मोदी
केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है
पेरिस में हुए बर्बर आतंकवादी हमले को ‘मानवता पर हमला’ बताते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मांग की कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे दुनिया यह जान सके कि कौन आतंक का समर्थन कर रहा है और कौन उसके खिलाफ है.
150 से अधिक लोगों की जान लेने वाले पेरिस आतंकी हमले की निंदा करते हुए मोदी ने कहा, ‘पेरिस में कल जो हुआ, वह मानवता पर हमला है और दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह केवल पेरिस पर हमला नहीं है, केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है.’
मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए
12वीं शताब्दी के भारत के महान दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मानवतावादी सिद्धांतों पर हमला है, इसलिए मानवता में जो भी ताकतें विश्वास रखती है, उन्हें एकसाथ आकर ऐसे हमलों की निंदा करनी चाहिए. मानवता विरोधी शक्तिओं को शिकस्त देने के लिए सभी मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए.’
मोदी ने कहा कि जब भी दुष्ट ताकतें सिर उठाती है, बसवेश्वर जैसे लोग उनके खिलाफ मुख्य भूमिका में सामने आ जाते हैं. ब्रिटेन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसे समय में बसवेश्वर की प्रतिमा का आनावरण कर रहा हूं. जब मेरा हृदय सदमे में हैं.’ मोदी ने मांग की कि इससे पहले बहुत देर हो जाये, संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन इस बुराई से लड़ रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को मंजूरी देने की अपील की .
समय न गंवाएं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि अपनी 70वीं वषर्गांठ मनाते समय संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने को लेकर और समय न गंवाएं. प्रस्ताव उसके समक्ष है. जिससे कि हमें यह पता लग सके कि कौन आतंकवाद के साथ है, कौन आतंकवाद की मदद कर रहा है, कौन आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और कौन आतंकवाद का शिकार है, कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन मानवतावाद के साथ रहकर कुर्बानी देने को तैयार है.’ उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, दुनिया की मानवता समर्थक शक्तियां एकजुट हो जायें और ये एकजुट होकर ऐसी रणनीति बनाये जो मानवता विरोधी शक्तियों को परास्त कर दें.
इस आतंकी हमले पर मोदी ने जारी एक अलग बयान में कहा, ‘पेरिस में हुए इस बर्बर आतंकी हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. 100 से अधिक लोग उस समय मारे गए जो क्षण उनके बेहद प्रिय थे या जिन क्षणों को वे अपने प्रियजनों के साथ बिता रहे थे.’
मोदी ने कहा कि बसवेश्वर (1134-1168) के विचार और मूल्य लोगों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में ही महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगाई थी । भारतीय प्रधानमंत्री को ‘मैग्नाकार्टा’ की एक प्रति भेंट की गई है। उन्होंने ‘मैग्नाकार्टा’ का उललेख करते हुए बताया कि इस महान दस्तावेज में जिन अधिकारों और सिद्धांतों की बात की गयी है, उन सभी अधिकारों और सिद्धांतों को बसवेश्वर बहुत पहले ही लिख गए। बसवेश्वर को लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का पैरोकार बताते हुए मोदी ने कहा,‘‘ जब भी हम नागरिकों के समानता के अधिकार की बात करते हैं तो सबसे पहले अब्राहम लिंकन का नाम याद आता है लेकिन बसवेश्वर ने 700 वर्ष पहले ही इन सिद्धातों की स्थापना की थी। ’’
महान भारतीय दार्शनिक की प्रतिमा की स्थापना को भारत के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों को लोकतांत्रिक सिद्धातों के प्रति आकर्षित भी करेगी। बसवेश्वर ने अछूतों के प्रति अपनाये जाने वाले भेदभावपूर्ण रवैये का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां समय समय पर कई समाज सुधारक सामने आये। इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ नीरज पाटिल भी उपस्थित थे
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केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है
पेरिस में हुए बर्बर आतंकवादी हमले को ‘मानवता पर हमला’ बताते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मांग की कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे दुनिया यह जान सके कि कौन आतंक का समर्थन कर रहा है और कौन उसके खिलाफ है.
150 से अधिक लोगों की जान लेने वाले पेरिस आतंकी हमले की निंदा करते हुए मोदी ने कहा, ‘पेरिस में कल जो हुआ, वह मानवता पर हमला है और दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह केवल पेरिस पर हमला नहीं है, केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है.’
मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए
12वीं शताब्दी के भारत के महान दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मानवतावादी सिद्धांतों पर हमला है, इसलिए मानवता में जो भी ताकतें विश्वास रखती है, उन्हें एकसाथ आकर ऐसे हमलों की निंदा करनी चाहिए. मानवता विरोधी शक्तिओं को शिकस्त देने के लिए सभी मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए.’
मोदी ने कहा कि जब भी दुष्ट ताकतें सिर उठाती है, बसवेश्वर जैसे लोग उनके खिलाफ मुख्य भूमिका में सामने आ जाते हैं. ब्रिटेन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसे समय में बसवेश्वर की प्रतिमा का आनावरण कर रहा हूं. जब मेरा हृदय सदमे में हैं.’ मोदी ने मांग की कि इससे पहले बहुत देर हो जाये, संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन इस बुराई से लड़ रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को मंजूरी देने की अपील की .
समय न गंवाएं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि अपनी 70वीं वषर्गांठ मनाते समय संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने को लेकर और समय न गंवाएं. प्रस्ताव उसके समक्ष है. जिससे कि हमें यह पता लग सके कि कौन आतंकवाद के साथ है, कौन आतंकवाद की मदद कर रहा है, कौन आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और कौन आतंकवाद का शिकार है, कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन मानवतावाद के साथ रहकर कुर्बानी देने को तैयार है.’ उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, दुनिया की मानवता समर्थक शक्तियां एकजुट हो जायें और ये एकजुट होकर ऐसी रणनीति बनाये जो मानवता विरोधी शक्तियों को परास्त कर दें.
इस आतंकी हमले पर मोदी ने जारी एक अलग बयान में कहा, ‘पेरिस में हुए इस बर्बर आतंकी हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. 100 से अधिक लोग उस समय मारे गए जो क्षण उनके बेहद प्रिय थे या जिन क्षणों को वे अपने प्रियजनों के साथ बिता रहे थे.’
मोदी ने कहा कि बसवेश्वर (1134-1168) के विचार और मूल्य लोगों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में ही महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगाई थी । भारतीय प्रधानमंत्री को ‘मैग्नाकार्टा’ की एक प्रति भेंट की गई है। उन्होंने ‘मैग्नाकार्टा’ का उललेख करते हुए बताया कि इस महान दस्तावेज में जिन अधिकारों और सिद्धांतों की बात की गयी है, उन सभी अधिकारों और सिद्धांतों को बसवेश्वर बहुत पहले ही लिख गए। बसवेश्वर को लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का पैरोकार बताते हुए मोदी ने कहा,‘‘ जब भी हम नागरिकों के समानता के अधिकार की बात करते हैं तो सबसे पहले अब्राहम लिंकन का नाम याद आता है लेकिन बसवेश्वर ने 700 वर्ष पहले ही इन सिद्धातों की स्थापना की थी। ’’
महान भारतीय दार्शनिक की प्रतिमा की स्थापना को भारत के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों को लोकतांत्रिक सिद्धातों के प्रति आकर्षित भी करेगी। बसवेश्वर ने अछूतों के प्रति अपनाये जाने वाले भेदभावपूर्ण रवैये का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां समय समय पर कई समाज सुधारक सामने आये। इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ नीरज पाटिल भी उपस्थित थे
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