बन्दर को सँभालता हूँ
एक स्त्री अपने बच्चे के साथ बस पर चढ़ती है। बस ड्राईवर उन्हें देखता है और कहता है, “छि: मैंने आजतक इतना घिनौना बच्चा नहीं देखा!”
गुस्से से भरी स्त्री भाड़ा देकर बस की पिछली सीट पर बैठ जाती है। एक व्यक्ति उसके पास बैठा होता है, जो उसे काफी गुस्से में पाता है, वह उससे पूछता है कि क्या बात है।
“बस के ड्राईवर ने मुझे अपमानित किया!” वह फुँफकारती हुई कहती है।”
“यह तो सरासर ग़लत बात है!” व्यक्ति कहता है। “वह तो जनता का नौकर है और वह इस तरह से किसी सवारी से गलत बात नहीं कह सकता है।”
“ये सही रहेगा,” आदमी कहता है। “तबतक मैं आपके इस बन्दर को सँभालता हूँ।”
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