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Saturday, August 27, 2011

childhood, flash back of childhood, Hindi Poems, बचपन, हिंदी कविताएँ

Hindi Poems, हिंदी कविताएँ

मानस पटल पर हमेशा अंकित - अच्छी कविता / सुन्दर बचपन


आजकल की चकाचौंध में कुछ भूले बिसरे पल
- सुन्दर सी चीज़ें
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बड़े सवेरे मुर्गा बोला,चिड़ियों ने अपना मुँह खोला,
आसमान में लगा चमकने ,लाल-सोने का गोला लाल,
ठंडी हवा बही सुखदायी
सब बोले दिन निकला भाई.
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निश्चय रहा अब मेरा
आदर्श विद्यार्थी बनूंगा सब लोगों का प्यारा बनकर
मैं प्यार सभी को दूँगा
हिस्से की जिम्मेदारियाँ
मैं हमेशा निभाऊंगा
हो जाने पर ही पूरा
काम मैं दम लूंगा
समय की कद्र करना
मैं कभी नहीं भूलूंगा
सब लोगों का प्यारा बनकर
मैं प्यार सभी को दूँगा
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हिन्दुस्तान
हाथों में गीता रखेंगे, सीनों में कुरआन रखेंगे,
मेल बढ़ाए जो आपस में, वही धर्म ईमान रखेंगे
शंख बजे भाईचारे का, अमन की एक अज़ान रखेंगे,
काबा और काशी भी होगा, पहले हिन्दुस्तान रखेंगे..

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