रूस पर प्रतबंधित केमिकल सफ़ेद फॉस्फोरस द्वारा आई एस आई एस के गढ़ रक्का पर हमला करने का इल्जाम लगा
Russia is accused of possible war crimes for using white phosphorus on targets in areas populated with civilians – a direct breach of the Geneva Conventions.
White phosphorus, or WP, is a chemical weapon used to illuminate combat areas at night or create smoke screens to cover ground forces.
A highly toxic and flammable substance, WP can burn through skin and bone and has been known to cause long-term problems for vital organs and death in extreme cases of exposure
रूस पर प्रतबंधित केमिकल सफ़ेद फॉस्फोरस द्वारा आई एस आई एस के गढ़ रक्का पर हमला करने का इल्जाम लगा है
इंडिया टी वी के अनुसार डेली मेल ने बारे में एक वीडियो दिखाई है , हालाँकि मीडिया (इंडिया टी वी ) के अनुसार वीडियो की प्रमाणिकता की कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही इसकी पुष्टि डेलीमेल ने की है ।
मीडिया (इंडिया टी वी ) के अनुसार यह रूस को बदनाम करने की साजिस भी हो सकती है ,
फ़िलहाल रूस की तरफ से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है
ख़बरों के अनुसार रूस ने ISIS की राजधानी रक्का पर रासायनिक हथियार ‘सफ़ेद फास्फोरस’ से हमला किया है। हालाँकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि रासायनिक हमला रूस ने ही किया है। ख़बरों के अनुसार रूस कई महीनों से सीरिया में हवाई हमले कर रहा है लेकिन सफ़ेद फास्फोरस से हमला करेगा इस बात पर लोग शंका कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि सफेद फास्फोरस जेनेवा में हुई संधि के अनुसार अमानवीय हथियार है और युद्ध में इसका उपयोग प्रतिबंधित है।
जानकारी के अनुसार सफ़ेद फास्फोरस बेहद खतरनाक रसायन है और इसकी चपेट में आने से शरीर का मांस और हड्डियाँ भी जल जाती हैं। यही नहीं बमबारी वाले स्थान पर कई वर्षों तक लोग शारीरिक रूप से अपंग पैदा हो सकते हैं। यही नहीं इसकी चपेट में आने के तुरंत बाद किडनी, लीवर और और ह्रदय ख़राब हो जाते हैं
सफ़ेद फास्फोरस का उपयोग रात में रोशनी फैलाकर टारगेट वाली जगह पर हमला करने और तय क्षेत्र में आग बरसाने के लिए किया जाता है। बमबारी के बार पूरे आसमान में रोशनी हो जाती है और नीचे गिरते गिरते पूरे क्षेत्र में आग लग जाती है।
ख़बरों के अनुसार ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की गयी है जिसमे इस्लामिक स्टेट की राजधानी रक्का के आसमान में सफ़ेद फास्फोरस बरसाते दिखाया गया है। इस्लामिक स्टेट ने रूस का नाम लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे कमजोर करने की कोशिश भी की है क्यूंकि बैन होने पर भी इस रसायन का इस्तिमाल अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इस्लामिक स्टेट साजिश के तहत रूस को युद्ध में कमजोर करना चाहता है।
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रूस पर प्रतबंधित केमिकल सफ़ेद फॉस्फोरस द्वारा आई एस आई एस के गढ़ रक्का पर हमला करने का इल्जाम लगा है
इंडिया टी वी के अनुसार डेली मेल ने बारे में एक वीडियो दिखाई है , हालाँकि मीडिया (इंडिया टी वी ) के अनुसार वीडियो की प्रमाणिकता की कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही इसकी पुष्टि डेलीमेल ने की है ।
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फ़िलहाल रूस की तरफ से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की है
ख़बरों के अनुसार रूस ने ISIS की राजधानी रक्का पर रासायनिक हथियार ‘सफ़ेद फास्फोरस’ से हमला किया है। हालाँकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि रासायनिक हमला रूस ने ही किया है। ख़बरों के अनुसार रूस कई महीनों से सीरिया में हवाई हमले कर रहा है लेकिन सफ़ेद फास्फोरस से हमला करेगा इस बात पर लोग शंका कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि सफेद फास्फोरस जेनेवा में हुई संधि के अनुसार अमानवीय हथियार है और युद्ध में इसका उपयोग प्रतिबंधित है।
जानकारी के अनुसार सफ़ेद फास्फोरस बेहद खतरनाक रसायन है और इसकी चपेट में आने से शरीर का मांस और हड्डियाँ भी जल जाती हैं। यही नहीं बमबारी वाले स्थान पर कई वर्षों तक लोग शारीरिक रूप से अपंग पैदा हो सकते हैं। यही नहीं इसकी चपेट में आने के तुरंत बाद किडनी, लीवर और और ह्रदय ख़राब हो जाते हैं
सफ़ेद फास्फोरस का उपयोग रात में रोशनी फैलाकर टारगेट वाली जगह पर हमला करने और तय क्षेत्र में आग बरसाने के लिए किया जाता है। बमबारी के बार पूरे आसमान में रोशनी हो जाती है और नीचे गिरते गिरते पूरे क्षेत्र में आग लग जाती है।
ख़बरों के अनुसार ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की गयी है जिसमे इस्लामिक स्टेट की राजधानी रक्का के आसमान में सफ़ेद फास्फोरस बरसाते दिखाया गया है। इस्लामिक स्टेट ने रूस का नाम लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे कमजोर करने की कोशिश भी की है क्यूंकि बैन होने पर भी इस रसायन का इस्तिमाल अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इस्लामिक स्टेट साजिश के तहत रूस को युद्ध में कमजोर करना चाहता है।
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