क्यों इस देश में सरकारी नौकरियों में होने वाले साक्षात्कार पर लोगों का भरोसा कम है ?
Why Interview System for Government Jobs in India is Faulty ??
हिंदुस्तान में इंटरव्यू सिस्टम पर लोगो का भरोसा बहुत कम है
हो भी कैसे हर पोलिटिकल पार्टी के बॉसेस अपने अपने आदमी को सिस्टम में उच्च पदों पर बैठा देते हैं ।
हर जाति , धर्म वाला आदमी सिर्फ अपने आदमी की भलाई के बारे में सोचता है , अगर इंटरव्यू में इसके सगे सम्बन्धी , परिचित , जाति , धर्म
का आदमी आता है तो वे उसे कैसे भी चयनित कर डालते हैं ।
इंटरव्यू में पैसा चलने की बात भी आती है ।
इंटरव्यू में धांधली बाजी हिंदुस्तान की रीड ( जो भी नेता आता है वो सारे सिस्टम अपने लोगो को भर देता है ) में बस चुकी है ,
जो भी पार्टी सत्ता में आती है , वह बस अपने लोगो को सरकारी सिस्टम में भर देती है , और फिर सिलसिला अनवरत चालू हो जाता है ,
बेहतर होगा की हिदुस्तान में नौकरियों में साक्षात्कार की प्रणाली बदली जाए और एक पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की जाये
२-३ चरणो की लिखित परीक्षा प्रणाली बेहद उत्तम है , लेकिन अगर इंटरवियु बेहद जरूरी है तो फिर पारदर्शी व्यवस्था बेहद जरूरी है ।
पूरे देश में एक चयन बोर्ड हो , जिसका कार्य सिर्फ चयन करने का हो ,
वह इंटरव्यू में वीडियो ग्राफी की प्रणाली रखे
कोशिश की जानी चाहिए की सभी उम्मीदवारों से एक ही तरह का प्रश्न पुछा जाए , और जो उस प्रश्न का सबसे बेहतर जवाब दे उसको चयन में मौका मिले
( मिस यूनिवर्स के कम्पटीशन में सभी फ़ाइनल राउंड के उम्मीदवार से एक ही प्रश्न एक एक करके पुछा जाता है )
और भी अच्छे विकल्प अपनाये जा सकते हैं
अगर इंटरवियु के लिए अच्छे प्रणालियां विकसित होंगी तो युवाओं में जोश भी आएगा , मनोबल बढ़ेगा और उनका चयन व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा
ये लिखने की जरूरत क्यों पडी -
अभी हाल में सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने बोला की आरक्षण जरूरी है , क्यूंकि उच्च पदों पर ऊंची कास्ट वाले लोग बैठे है , और वह नीची कास्ट वालों को ऊपर नहीं आने देते ,
इन सबके अलावा हमारे देश में पैसे आदि के दम पर सरकार के उच्च पद भी खरीदे जाते हैं ( रेलवे का बहु चर्चित घोटाला याद ही होगा जिसमे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल को अपनी गंवानी पड़ी थी क्यूंकि महेश कुमार को रिश्वत के दम पर रेलवे में मेंबर इलेक्ट्रिकल बोर्ड बनाना था , इंटरविउ फिक्स था )
देश में सबका साथ सबका विकास करना है तो एक बेहतर पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने के जरूरत है ।
कुछ साल पहले मायावती ने उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा के माध्यम से भर्ती करने की जो व्यवस्था की थी , वह बेहतरीन चयन व्यवस्थाओं में से एक थी ।
क्यों बेहतरीन थी -
1. परीक्षा में बॉल पॉइंट पेन से सबको ओ एम आर शीट में उत्तर भरने थे , और एक बार बाल पॉइंट पेन से भरने के बाद इसको फर्जीवाङा एजेंसी वाले लोग बदल नहीं सकते थे
2. पेपर ज्यादा कठिन नहीं था और समय ठीक था । अब पेपर सरल है तो जाहिर सी बात है , कैंडिडेट उसको सॉल्व करके ओ एम आर भरेगा ही , मतलब ओ एम आर खाली नहीं छोड़ेगा और इस प्रकार फर्जीवाङा एजेंसी वाले लोग बाद में सही आन्सवर पर गोला निशान नहीं लगा सकते ।
३. ओ एम आर की तीन कार्बन कॉपियां बनी , जिसमे एक कॉपी कैंडिडेट को दी , एक कॉपी जांच एजेंसी को दी गयी और एक बोर्ड के पास सुरक्षित रखने के लिये दी गयी
4. आन्सवर की वेब साईट पर ऑनलाइन कर दी गयी , और सभी परीक्षार्थियों को आपत्ति दर्ज करने का पूरा मौका दिया गया
5. कुछेक गलत प्रश्नो पर लोग कोर्ट भी गए , और कोर्ट ने उन प्रश्नो पर सभी को बोनस मार्क्स देने का ऑर्डर भी दिया
6 . किसी भी केंद्र पर या कोई भी अभ्यर्थी के किसी भी प्रकार के धांधली में लिप्त होने के बात की पुष्टि हुई
कुल मिलाकर इतने बड़े पैमाने पर यह परीक्षा एक आदर्श परीक्षा साबित हुई , ऐसी चयन प्रणाली सम्पूर्ण देश के लिए एक उदहारण है
Facebook Par Kisee Ne Yeh Likha Thaa -
Lekin Log In Sabko Hal karne Ke Leeye Aarakshan Ki Baat Likhe Hain,
Chot Per Mein Ho To Gala Kaat Do Yeh Sahee nahin hai.
Chot Ka Ilaaj Kiya Jana Chahiye.
Agar Selection Process Faulty hai to Use Sudhara Jaana Chahiye.
Naye Hal Nikaale Jaane Chahiye, Jis se Aapsee Vemanasya na Ho.
Sadeeyon se System Par Kuch Logo Ka Kabjaa Raha Ye Baat Sahee Hai
करिया मुंडा रिपोर्ट - 2000
18 राज्यों की हाईकोर्ट में OBC SC ST जजों की संख्या
1) दिल्ली - कुल जज 27 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-27 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
2) पटना - कुल जज 32 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-32 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
3) इलाहाबाद - कुल जज 49 ( (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-47 जज ,ओबीसी - 1 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
4) आंध्रप्रदेश - कुल जज 31 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-25 जज ,ओबीसी - 4 जज SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
5)गुवाहाटी - कुल जज 15 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-12 जज ,ओबीसी - 1 जज SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
६) गुजरात -कुल जज 33 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-30 जज ,ओबीसी - 2 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
7)केरल -कुल जज 24 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 13 जज ,ओबीसी - 9 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
8) चेन्नई -कुल जज 36 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 17 जज ,ओबीसी -16 जज SC- 3 जज ,ST- 0 जज )
9) जम्मू कश्मीर -कुल जज 12 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 11 जज ,ओबीसी - जज SC- जज ,ST- 1 जज )
10) कर्णाटक -कुल जज 34 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- जज 32 ,ओबीसी - जज SC- 2 जज ,ST- जज )
11) ओरिसा कुल -13 जज (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 12 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
12) पंजाब- हरियाणा -कुल 26 जज (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 24 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
13)कलकत्ता - कुल जज 37 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 37 जज ,ओबीसी -0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
१४) हिमांचल प्रदेश -कुल जज 6 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 6 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
15)राजस्थान -कुल जज 24 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 24 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
16)मध्यप्रदेश -कुल जज 30 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 30 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
17)सिक्किम -कुल जज 2 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 2 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
18)मुंबई -कुल जज 50 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 45 जज ,ओबीसी - 3 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
कुल TOTAL= 481 जज में से ,विदेशी ब्राह्मण-बनिया 426 जज , ओबीसी जात के 35 जज ,SC जात के 15 जज ,ST जात के 5 जज
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हर जाति , धर्म वाला आदमी सिर्फ अपने आदमी की भलाई के बारे में सोचता है , अगर इंटरव्यू में इसके सगे सम्बन्धी , परिचित , जाति , धर्म
का आदमी आता है तो वे उसे कैसे भी चयनित कर डालते हैं ।
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इंटरव्यू में धांधली बाजी हिंदुस्तान की रीड ( जो भी नेता आता है वो सारे सिस्टम अपने लोगो को भर देता है ) में बस चुकी है ,
जो भी पार्टी सत्ता में आती है , वह बस अपने लोगो को सरकारी सिस्टम में भर देती है , और फिर सिलसिला अनवरत चालू हो जाता है ,
बेहतर होगा की हिदुस्तान में नौकरियों में साक्षात्कार की प्रणाली बदली जाए और एक पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की जाये
२-३ चरणो की लिखित परीक्षा प्रणाली बेहद उत्तम है , लेकिन अगर इंटरवियु बेहद जरूरी है तो फिर पारदर्शी व्यवस्था बेहद जरूरी है ।
पूरे देश में एक चयन बोर्ड हो , जिसका कार्य सिर्फ चयन करने का हो ,
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इन सबके अलावा हमारे देश में पैसे आदि के दम पर सरकार के उच्च पद भी खरीदे जाते हैं ( रेलवे का बहु चर्चित घोटाला याद ही होगा जिसमे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल को अपनी गंवानी पड़ी थी क्यूंकि महेश कुमार को रिश्वत के दम पर रेलवे में मेंबर इलेक्ट्रिकल बोर्ड बनाना था , इंटरविउ फिक्स था )
देश में सबका साथ सबका विकास करना है तो एक बेहतर पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने के जरूरत है ।
कुछ साल पहले मायावती ने उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा के माध्यम से भर्ती करने की जो व्यवस्था की थी , वह बेहतरीन चयन व्यवस्थाओं में से एक थी ।
क्यों बेहतरीन थी -
1. परीक्षा में बॉल पॉइंट पेन से सबको ओ एम आर शीट में उत्तर भरने थे , और एक बार बाल पॉइंट पेन से भरने के बाद इसको फर्जीवाङा एजेंसी वाले लोग बदल नहीं सकते थे
2. पेपर ज्यादा कठिन नहीं था और समय ठीक था । अब पेपर सरल है तो जाहिर सी बात है , कैंडिडेट उसको सॉल्व करके ओ एम आर भरेगा ही , मतलब ओ एम आर खाली नहीं छोड़ेगा और इस प्रकार फर्जीवाङा एजेंसी वाले लोग बाद में सही आन्सवर पर गोला निशान नहीं लगा सकते ।
३. ओ एम आर की तीन कार्बन कॉपियां बनी , जिसमे एक कॉपी कैंडिडेट को दी , एक कॉपी जांच एजेंसी को दी गयी और एक बोर्ड के पास सुरक्षित रखने के लिये दी गयी
4. आन्सवर की वेब साईट पर ऑनलाइन कर दी गयी , और सभी परीक्षार्थियों को आपत्ति दर्ज करने का पूरा मौका दिया गया
5. कुछेक गलत प्रश्नो पर लोग कोर्ट भी गए , और कोर्ट ने उन प्रश्नो पर सभी को बोनस मार्क्स देने का ऑर्डर भी दिया
6 . किसी भी केंद्र पर या कोई भी अभ्यर्थी के किसी भी प्रकार के धांधली में लिप्त होने के बात की पुष्टि हुई
कुल मिलाकर इतने बड़े पैमाने पर यह परीक्षा एक आदर्श परीक्षा साबित हुई , ऐसी चयन प्रणाली सम्पूर्ण देश के लिए एक उदहारण है
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Chot Ka Ilaaj Kiya Jana Chahiye.
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Naye Hal Nikaale Jaane Chahiye, Jis se Aapsee Vemanasya na Ho.
Sadeeyon se System Par Kuch Logo Ka Kabjaa Raha Ye Baat Sahee Hai
करिया मुंडा रिपोर्ट - 2000
18 राज्यों की हाईकोर्ट में OBC SC ST जजों की संख्या
1) दिल्ली - कुल जज 27 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-27 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
2) पटना - कुल जज 32 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-32 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
3) इलाहाबाद - कुल जज 49 ( (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-47 जज ,ओबीसी - 1 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
4) आंध्रप्रदेश - कुल जज 31 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-25 जज ,ओबीसी - 4 जज SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
5)गुवाहाटी - कुल जज 15 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-12 जज ,ओबीसी - 1 जज SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
६) गुजरात -कुल जज 33 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया-30 जज ,ओबीसी - 2 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
7)केरल -कुल जज 24 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 13 जज ,ओबीसी - 9 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
8) चेन्नई -कुल जज 36 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 17 जज ,ओबीसी -16 जज SC- 3 जज ,ST- 0 जज )
9) जम्मू कश्मीर -कुल जज 12 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 11 जज ,ओबीसी - जज SC- जज ,ST- 1 जज )
10) कर्णाटक -कुल जज 34 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- जज 32 ,ओबीसी - जज SC- 2 जज ,ST- जज )
11) ओरिसा कुल -13 जज (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 12 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
12) पंजाब- हरियाणा -कुल 26 जज (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 24 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
13)कलकत्ता - कुल जज 37 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 37 जज ,ओबीसी -0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
१४) हिमांचल प्रदेश -कुल जज 6 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 6 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
15)राजस्थान -कुल जज 24 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 24 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
16)मध्यप्रदेश -कुल जज 30 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 30 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
17)सिक्किम -कुल जज 2 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 2 जज ,ओबीसी - 0 जज SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
18)मुंबई -कुल जज 50 (विदेशी ब्राह्मण-बनिया- 45 जज ,ओबीसी - 3 जज SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
कुल TOTAL= 481 जज में से ,विदेशी ब्राह्मण-बनिया 426 जज , ओबीसी जात के 35 जज ,SC जात के 15 जज ,ST जात के 5 जज
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