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Sunday, March 10, 2013

कठपुतली~~ भवानीप्रसाद मिश्र~~~


कठपुतली~~ भवानीप्रसाद मिश्र~~~ 
          
कठपुतली
गुस्से से उबली
बोली - ये धागे
क्यों हैं मेरे पीछे आगे ?


तब तक दूसरी कठपुतलियां
बोलीं कि हां हां हां
क्यों हैं ये धागे
हमारे पीछे-आगे ?
हमें अपने पांवों पर छोड दो,
इन सारे धागों को तोड दो !


बेचारा बाज़ीगर
हक्का-बक्का रह गया सुन कर
फिर सोचा अगर डर गया
तो ये भी मर गयीं मैं भी मर गया
और उसने बिना कुछ परवाह किए
जोर जोर धागे खींचे
उन्हें नचाया !


कठपुतलियों की भी समझ में आया
कि हम तो कोरे काठ की हैं
जब तक धागे हैं,बाजीगर है
तब तक ठाट की हैं
और हमें ठाट में रहना है
याने कोरे काठ की रहना है~~ 


जय सांई राम~~~

क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं ?


क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं ? 

ॐ सांई राम~~~

क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं? 

अगणित उन्मादों के क्षण हैं,
अगणित अवसादों के क्षण हैं,
रजनी की सूनी की घडियों को किन-किन से आबाद करूं मैं!
क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं!

याद सुखों की आसूं लाती,
दुख की, दिल भारी कर जाती,
दोष किसे दूं जब अपने से, अपने दिन बर्बाद करूं मैं!
क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं!

दोनो करके पछताता हूं,
सोच नहीं, पर मैं पाता हूं,
सुधियों के बंधन से कैसे अपने को आबाद करूं मैं!
क्या भूलूं, क्या याद करूं मैं!

~~हरिवंशराय बच्चन

जय सांई राम~~

उफ् ये पढ़ाई !!!


ॐ सांई राम~~~

उफ् ये पढ़ाई !!!

उफ् ये पढ़ाई,किसने बनाई,
कहाँ से ये जन्मी,कहाँ से आई ??
पापा कहते पढ़ो केमेस्ट्री,
याद करो इक्वेशन ।
मम्मी कहती पढ़्प् हिस्ट्री,
रटो सिविलाईज़ेशन ।
भैया कहते पढ़ो मैथ्स,
शीखो कैलक्युलेशन ।
आ रहे है एग्ज़ामिनेशन,
खत्म हो इम्तिहान का मौसम,
और करूं सैलिब्रेशन ।

बाबा तुम हमको शक्ति देना,
डर को मन से तुम हर लेना,
हमारी मेहनत सफल कर देना,
हन को पास ज़रूर कर देना~~~

जय सांई राम~~~

पढ़ाई~~~


पढ़ाई~~~

पढ़ाई पढ़ाई पढ़ाई।
हाय! यह कैसी बला जो
हमारी समझ में न आयी।
तब हमारे माता पिता ने ही
इसकी महत्ता बताई
वे कहते है
अगर तुम न करोगे पढ़ाई,
तो तुम नहीं कर सकोगे कमाई,
पढ़ाई ही तुम्हारा मान है,
इसने बढ़ाई कई लोगों की शान है।
पढ़ाई के बिना नहीं चलते कारखाने,
इसके बिना नहीं हो सकते बङे-बङे कारनामे।
पढ़ाई के बिना तुम्हारा जीवन है अधूरा,
इसलिए तुम्हें उस उद्देश्य को करना है पूरा~~~



बच्चे कुछ बर्बाद करेंगे~~~

बच्चे कुछ बर्बाद करेंगे~~~


बच्चे कुछ बर्बाद करेंगे,
फिर उसको आबाद करेंगे।
भागेंगे तितली के पीछे,
चिङिया से संवाद करेंगे।
उअनको पाकर चहक उठेंगे,
जो उअनको आज़ाद करेंगे।
पत्थर से वे टकराएंगे,
खूलों से फरियाद करेंगे।
सपनों में जो साथ रहेंगा,
उनको हरदम याद करेंगे~~~




सुन्दर प्यारा देश हमारा


सुन्दर प्यारा देश हमारा




सुन्दर प्यारा
देश हमारा
बहे यहाँ
गंगा की धारा ।
शीश हिमालय
छूता अम्बर
धोता है पग
इसके सागर ।
है सबकी –
आँखों का तारा ।
इस पर अपने
प्राण लुटाएँ
हम सब इसका
मान बढ़ाएँ ।
‘भारत की जय !
‘भारत की जय’ !
अपना नारा।




कहां रहेगी चिड़िया / महादेवी वर्मा

कहां रहेगी चिड़िया / महादेवी वर्मा



ॐ सांई राम~~~

कहां रहेगी चिड़िया / महादेवी वर्मा
               
कहां रहेगी चिड़िया ?
आंधी आई जोर शोर से
डाली टूटी है झकोर से
उड़ा घोंसला बेचारी का
किससे अपनी बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ
कैसे यह घोंसला बनाएँ
कैसे फूटे अंडे जोड़ें
किससे यह सब बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?