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Saturday, February 14, 2015

#Yummy Maja Aa Gaya Ati Swadisht, Lo Aap Bhee Lo :) :D

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Saturday, December 14, 2013

Best Fun / Humor / Joke / Entertainment : आम आदमी

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आम आदमी 

हम जनता को आम आदमी क्यों कहा गया? आपको पता है नहीं। मैं बताता हूँ।।

हमें इसलिये आम आदमी कहा गया क्योंकि हम लोगों को ही VIP लोग आम की तरह use करते है।। चुस कर गुठली फ़ेक दिया।


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एक अमीर—

जब बच्चा था:— मोम मुझे साइकिल चाहिये।।

कुछ साल बाद:— मुझे नया gear वाला साइकिल चाहिये।।

कुछ साल बाद फिर:— मुझे pulsur 220 चाहिये।।

और फिर:- मुझे ferrari car चाहिये।।

लेकिन एक गरीब—

बच्चा में:— चलो पैदल चलते है, भाड़ा नहीं है।

कुछ साल बाद:— चलो पैदल चलते है, भाड़ा नहीं है।

फिर अंतिम तक भी यही कहता है:— चलो पैदल चलते है, भाड़ा नहीं है।

लेकिन गरीब खुश है क्योंकि वो जानता है साइकिल तो खरीदने की औकात नहीं गाड़ी की बात ही छोड़ो और अमीर हमेशा चिड़चिड़ापन में रहता है कि वो हमसे आगे कैसे निकल गया।।।
 

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The English and we Indians always Contradict...

English: The sooner the better...
Hindi: Jaldi ka kaam shaitaan ka hota hai... 😈

English: Think of the devil, and the devil is here...
Hindi: Badi lambi umar hai tumhari, abhi tumhe hi yaad kar rahe the...

English: Don't wait, fight for your rights...
Hindi: Sabr ka fal meetha hota hai... 😅

English: Rain rain go away
Marathi: Yere yere pawsa...

...and the most striking of all,
English: As wise as an owl...
Hindi: Ullu ka Pattha... 😛

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  एक युवक क़रीब 20 साल के बाद विदेश से अपने शहर लौटा था !
बाज़ार में घुमते हुए सहसा उसकी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक बूढे पर जा टिकीं !
बहुत कोशिश के बावजूद भी युवक उसको पहचान नहीं पा रहा था !
लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग रहा था की वो उसे बड़ी अच्छी तरह से जनता है !
उत्सुकता उस बूढ़े से भी छुपी न रही,
उसके चेहरे पर आई अचानक मुस्कान से मैं समझ गया था कि उसने युवक को पहचान लिया था !
काफी देर की जेहनी कशमकश के बाद जब युवक ने उसे पहचाना तो उसके पाँव के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गई !
जब युवक विदेश गया था तो उनकी एक बड़ी आटा मिल हुआ करती थी,
घर में नौकर चाकर कIम किया करते थे !
धर्म कर्म, दान पुण्य में सब से अग्रणी इस दानवीर पुरुष को युवक ताऊजी कह कर बुलाया करता था !
वही आटा मिल का मालिक और आज सब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर .. ?
युवक से रहा नहीं गया और वो उसके पास जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधे गले से पूछा : "ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया ...?"
भरी ऑंखें से बूढ़े ने युवक के कंधे पर हाथ रख उत्तर दिया :
"बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा" !!

Saturday, December 1, 2012

मेरे जन्मदिन पर by shailjapathak


मेरे जन्मदिन पर  by shailjapathak



अम्मा ने बताया था 
आज के दिन नैनीताल 
के रानीखेत में 
जन्म हुआ मेरा
सबने मेरे होने की 
बधाई की जगह 
आ कर दी थी 
सहानुभूति.. की 
सांवली लड़की हुई

मेरे बड़े और गोरे 
रंग वाले भाई बहन ने 
मुझे मुस्कराकर देखा था

सबसे ज्यादा खुश 
वो दाइ जी हुई थी 
जिसने अम्मा को 
अपने पहाड़ी नुस्खों से 
मुझे गोरा बना देने का 
भरोसा दिया था

खूब सफ़ेद बरफ गिरती थी 
अम्मा कहती वो मुझे 
शाल में लपेट कर रखती 
और कोट पैंट पहने हुए 
मेरे भाई बहन 
कभी कभी छूते मुझे

मैं पहाड़ी गाना सुन 
कर मालिश करावा लेती 
बरफ गिरने को 
टुकटुक कर देखती 
अम्मा के आँख में 
दूसरी लडकी होने की 
मायूसी को भी 
समझती

अम्मा बताती है 
कई बार जब रातें ठिठुरा देती 
मैं आखिरी बार हाथ उठाती 
जरा सी आँख खोल 
अम्मा को एकदम आखिरी बार 
देखती और मैं 
मरते मरते जी जाती

मुझे लगता है मेरे 
अंदर पहाड जीना चाहते थे 
नदियाँ झरने मुझमे 
बहते थे और मैं 
जीना चाहती थी 
ये जिंदगी अपनी 
कविताओं को जिंदा करने 
के लिए ………


Source : Shailja Pathak's Poem

Best Hindi Dohe - Raheem

Best Hindi Dohe - Raheem



बड़ा हुआ तो क्या हुआ,जैसे पेड़ खजूर,
पंथी को छाया नहीं,फल लागे अत्ती दूर.



शब्द बराबर धन नहीं, जो कोई जाने बोल |
हीरा तो दामो मिले, शब्द मोल न टोल ||



Best एक दिन ऐसा आएगा


एक दिन ऐसा आएगा

माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय । 
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥


चारु चंद्र की चंचल किरणें

चारु चंद्र की चंचल किरणें


चारु चंद्र की चंचल किरणें,

खेल रहीं थीं जल थल में।

स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई थी,

अवनि और अम्बर तल में।

पुलक प्रकट करती थी धरती,

हरित तृणों की नोकों से।

मानो झूम रहे हों तरु भी,

मन्द पवन के झोंकों से।

पंचवटी की छाया में है,

सुन्दर पर्ण कुटीर बना।

जिसके बाहर स्वच्छ शिला पर,

धीर वीर निर्भीक मना।

जाग रहा है कौन धनुर्धर,

जब कि भुवन भर सोता है।

भोगी अनुगामी योगी सा,

बना दृष्टिगत होता है।

बना हुआ है प्रहरी जिसका,

उस कुटिया में क्या धन है।

जिसकी सेवा में रत इसका,

तन है, मन है, जीवन है