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Saturday, August 24, 2013

Must Read : हमारा देश पीछे क्योँ है क्योंकि यहाँ . . .

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Must Read  : हमारा देश पीछे क्योँ है क्योंकि यहाँ . . .  


1. कैटरीना और आलिया भट्ट का फोटो 1 घंटे मेँ 10000 लाईक पाता है और हमारे शहीद 1 दिन मेँ 500

2. क्रिकेटर के शतक और अभिनेताओ के बुखार के लिए लोग दुआ करते हैँ पर हमारे अन्नदाता मरते हुए किसान के लिए कोई नही

3. युवा अपनी अय्याशी मेँ लगे हैँ और बुड्ढे देश चला रहे हैँ

4. अध्यापक जो कक्षा मेँ बैठकर पढ़ाता है और अपने परिवार के साथ रहता है 40,000 पाता है और देश के रक्षक सैनिक हर मौसम मेँ सीमा पर अपने घर से 10 माह दूर होकर 20,000 पाते हैँ

5. देश और समाज की बातेँ करने वाले बेवकूफ लगते हैँ और Roadies और बिगबॉस की बात करने वाला चालाक

6. प्यार, मोहब्बत और शायरी वाले स्टेटस पर लोग आँख बंद करके लाईक दबाते हैं पर देश और समाज की बातोँ को पढ़कर भी लोग मुँह फिरा लेते हैँ।

मेरा भारत महान्..
ये है हिंदुस्तान मेरी जान..



Mother Child Story

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Mother Child Story


हैलो माँ... मैँ रवि बोल रहा हूँ...
कैसी हो माँ....?
मैं.... मैं…ठीक हूँ बेटे.....,ये बताओ तुम और बहू
दोनों कैसे हो?
हम दोनों ठीक है माँ...आपकी बहुत याद
आती है…,...अच्छा सुनो माँ, में अगले महीने
इंडिया आ रहा हूँ..... तुम्हें लेने।
क्या...?
हाँ माँ....,अब हम सब साथ ही रहेंगे....,नीतू कह
रही थी माँ को अमेरिका ले आओ वहाँ अकेली बहुत
परेशान हो रही होंगी।
हैलो ....सुन रही हो माँ...?
“हाँ...हाँ बेटे...“,बूढ़ी आंखो से
खुशी की अँश्रुधारा बह निकली, बेटे और बहू
का प्यार नस नस में दौड़ने लगा।
जीवन के सत्तर साल गुजार चुकी सावित्री ने
जल्दी से अपने पल्लू से आँसू पोंछे और बेटे से
बात करने लगी।
पूरे दो साल बाद बेटा घर आ रहा था।
बूढ़ी सावित्री ने मोहल्ले भर मे दौड़ दौड़ कर ये
खबर सबको सुना दी।
सभी खुश थे की चलो बुढ़ापा चैन से बेटे और बहू
के साथ गुजर जाएगा।
रवि अकेला आया था, उसने कहा की माँ हमे
जल्दी ही वापिस जाना है इसलिए
जो भी रुपया पैसा किसी से लेना है वो लेकर रख
लों और तब तक मे किसी प्रोपेर्टी डीलर से
मकान की बात करता हूँ।
“मकान...?”,माँ ने पूछा।
हाँ माँ, अब ये मकान बेचना पड़ेगा वरना कौन
इसकी देखभाल करेगा। हम सब तो अब
अमेरिका मे ही रहेंगे।
बूढ़ी आंखो ने मकान के कोने कोने को ऐसे
निहारा जैसे किसी अबोध बच्चे
को सहला रही हो।
आनन फानन और औने-पौने दाम मे रवि ने मकान
बेच दिया। सावित्री देवी ने वो जरूरी सामान
समेटा जिस से उनको बहुत ज्यादा लगाव था।
रवि टैक्सी मँगवा चुका था।
एयरपोर्ट पहुँचकर रवि ने कहा,”माँ तुम
यहाँ बैठो मे अंदर जाकर सामान की जांच और
बोर्डिंग और विजा का काम निपटा लेता हूँ। “
“ठीक है बेटे। “,सावित्री देवी वही पास की बेंच
पर बैठ गई।
काफी समय बीत चुका था। बाहर
बैठी सावित्री देवी बार बार उस दरवाजे की तरफ
देख रही थी जिसमे रवि गया था लेकिन अभी तक
बाहर नहीं आया।
‘शायद अंदर बहुत भीड़ होगी...’,सोचकर
बूढ़ी आंखे फिर से टकटकी लगाए देखने लगती।
अंधेरा हो चुका था। एयरपोर्ट के बाहर
गहमागहमी कम हो चुकी थी।
“माजी...,किस से मिलना है?”,एक कर्मचारी ने
वृद्धा से पूछा ।
“मेरा बेटा अंदर गया था..... टिकिट लेने, वो मुझे
अमेरिका लेकर जा रहा है....”,सावित्री देबी ने
घबराकर कहा।
“लेकिन अंदर तो कोई पैसेंजर नहीं है,
अमेरिका जाने वाली फ्लाइट तो दोपहर मे
ही चली गई।
क्या नाम था आपके बेटे का?”,कर्मचारी ने सवाल
किया।
“र....रवि....”,सावित्री के चेहरे पे
चिंता की लकीरें उभर आई। कर्मचारी अंदर
गया और कुछ देर बाद बाहर आकर
बोला,“माजी....
आपका बेटा रवि तो अमेरिका जाने वाली फ्लाइट
से कब का जा चुका...।”
“क्या.....”,वृद्धा की आंखो से गरम आँसुओं
का सैलाब फुट पड़ा। बूढ़ी माँ का रोम रोम कांप
उठा।
किसी तरह वापिस घर पहुंची जो अब बिक
चुका था।
रात में घर के बाहर चबूतरे पर ही सो गई।
सुबह हुई तो दयालु मकान मालिक ने एक
कमरा रहने को दे दिया। पति की पेंशन से घर
का किराया और खाने का काम चलने लगा। समय
गुजरने लगा। एक दिन मकान मालिक ने वृद्धा से
पूछा।
“माजी... क्यों नही आप अपने किसी रिश्तेदार
के यहाँ चली जाए, अब आपकी उम्र भी बहुत
हो गई, अकेली कब तक रह पाएँगी।“
“हाँ, चली तो जाऊँ, लेकिन कल
को मेरा बेटा आया तो..? यहाँ फिर कौन
उसका ख्याल रखेगा ?“




Husband Wife Joke

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Husband Wife Joke


Doctor: Aapki Biwi ab sirf do dino ki mehman
hai.
I'm so sorry...

Husband: Isme sorry ki kya baat hai Dr. Saab. ???
.
.
.
Nikaal lenge ye do din bhi Jaise-Taise... 




Must Read Joke : Papa, Mama and Beta

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Must Read Joke : Papa, Mama and Beta


Papa: Whom u like more mama or papa?

Kid: Both..

Papa: No tell me 1..??

Kid: Both.

Papa: If i go to America
& Ur mother go to Paris Where will u go??

Kid: Paris.

Papa: It means u like ur mother??

Kid: No, bcoz paris is beautiful than America..

Papa: If i go to paris & Ur mother goes to america
so Where will u go.?? 

Kid: America!

Papa: why?

Kid: Paris toh ghoom aaye na papa...  
Papa: Bada kamina hai tu........lolz....




Joke : बोलना मत

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Joke :  बोलना मत



माँ अपने तोतले बेटे से बोली:
बेटा आज हम जहाँ लड़की देखने जा रहे हैं तुम वहां बोलना मत, वरना ये लोग भी मना कर देंगे।
बेटा: थीत है।
लड़की वालों के घर जब लड़की चाय लेकर आई तो लड़का चाय पीते ही बोला, "दलम है दलम है।

लड़की तुरंत बोली,
"ओये फूत माल, फूत माल



Sardar Jokes : जोक सरदारों पर क्यूँ बनते हैं

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Sardar Jokes : जोक सरदारों पर क्यूँ बनते हैं ? 



टीचर : सारे जोक सरदारों पर
क्यूँ बनते हैं ? 
एक सिख स्टूडेंट : एक तो जब देश में
मुगलों का शासन था तो उनसे
अपनी बहु बेटियों और धर्म
बचाने की ज़रूरत थी।
तो सिखों ने अपनी और अपने
परिवारों की कुर्बानियां देकर बचाया। फिर अंग्रेजों से देश
की आज़ादी के लिए सिखों ने
कुर्बानियां दी। आज़ादी मिल गई अब
समस्या भूख की आई देश में
तो सिखों ने 90% अनाज
पैदा करके भूख की समस्या ख़त्म
की। भूख मिटी तो देश
हँसना चाहता था तो ९०%
जोक्स भी सरदारों पर व्यंग
बने.......यानि
सरदार है तो इज्ज़त है,
सरदार है तो सुरक्षा है,
सरदार है तो खाना है,
सरदार है तो घरों मंदिरों मे
पूजा है, 
सरदार है तो देश की सीमाएं
सुरक्षित हैं,
ये सरदार हैं तो ज़िन्दगी आसान
है, 
और ये सरदार देश की शान हैं।




हरियाणवी कहावते

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Funny हरियाणवी कहावते 

1. फूहड़ चालै सारा घऱ हालै

2. पैसा नहीं पास मेला लागे उदास...

3. फूफा कहे त कोए फुकनी ना दे ' अर काका कहे ते कोई काकडी ना दे...

4. बकरी दूध तै दे.. पर मींगण कर-कै

5. बटेऊ खांड-मांडे खा, कुतिया की जीभ जळै

6. बढिया मिल गया तो म्हारी के भाग ना तो मरियो नाई बाह्मन (पुराने टेम मे नाई और ब्राह्मन ही रिश्ते करवते थे)

7. बहुआं हाथ चोर मरावै, चोर बहू का भाई

8. बोहड़िया का भाई, गाम का साळा

9. बहू आई रीमो-झीमो, बहू आई स्याणी भोत - आवतीं-हें न्यारी हो-गी, पाथणे ना आवैं चौथ !

10. ब्याह में गाये गीत सारे साची ना होते

11. बाप नै ना मारी मींडकी, बेटा तीरंदाज

12. बावला या तो गाम जावे ना, जावे तो फेर आवे ना

13. बावळी गादड़ी के पकड़े कान - ना छोडे जां, ना पकड़े राखे जां

14. बारह बरस में तो कुरड़ी के भी भाग बाहवड़ आया करैं

15. बिटोड़े में तै गोस्से ए लिकड़ैंगे

16. बिन फेरयां का खसम...

17. बुलध ना ब्यावै तै के बूढ़ा-ए ना हो ?

18. भांग मांगै भूगड़ा, सुल्फा मांगै घी - दारू मांगै खोंसड़ा (जूता), थारी खुशी पड़ै तै पी

19. भीड़ मै डळा फद्दू कै-ए लाग्या करै

20. “भुस में आग ला कै दमालो दूर खड़ी”

21. भूखे की बाहवड़ जाया करै पर झूठे की ना बाहवड़्या करती

22. बूआ जाऊं-जाऊं करै थी, फूफा लेण आ-ग्या !

23. भोळा बूझै भोळी नै – के रांधैगी होळी नै - मोठ बाजरा सब दिन रन्धैं सक्कर चावळ होळी नै

24. भैंस आपणे रंग नै ना देखै, छतरी नै देख कै बिदकै

25. भादवे का घाम अर साझे का काम देहि तोडा करे

26. भीत में आला अर, घर में साला ठीक ना होते

27. मर-गी रांड खटाई बिना !

28. मारते माणस का हाथ पकड़ ले...बोलते की जुबान ना पकड़ी जा

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खेत किसके

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 खेत किसके


एक साहब गुडगाँव रेलवे स्टेशन से बहार आये और टैक्सी वाले को कहा की “जयपुर जाना है, चलोगे?”
टैक्सी वाला : क्यों नही!
साहब : कितनी दूर है वैसे?
टैक्सी वाला : ज्यादा नही, बस 8 खेत छोड़ के ही तो है.
साहब टैक्सी में बैठ गये. टैक्सी हवा से बातें करने लगी.
आधा घंटा हुआ... फिर एक घंटा... टैक्सी दौड़ती ही जा रही थी!
साहब ने टैक्सी वाले को टोका, “भाई तूम तो कह रहे थे की बस 8 खेत छोड़ के है?”

टैक्सी वाला हंसने लगा, “अरे साहब आपको नही मालूम की ये खेत किसके है... राबर्ट वाड्रा के." 



गुंडा सेविंग और हेयर कटिंग के लिये सैलुन में गया

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गुंडा सेविंग और हेयर कटिंग के लिये सैलुन में गया


एक गुंडा सेविंग और हेयर कटिंग के लिये सैलुन में गया।
नाई से बोला की अगर मेरी सेविंग ठिक से बिना कटे छंटे की तो मुहमाँगा दाम दूँगा।
अगर कहीं भी कट गया तो गर्दन उड़ा दूगा।
सभी नाईयो ने डर के मारे मना कर दिया।
अंत में वो गुंडा गाँव के नाई के पास पहुँचा।
काफी कम उम्र का लड़का था।
उसने कहा ठिक है बैठो मैं बनाता हूँ।
उस लड़के ने काफी बढ़ीया तरीके से गुंडे की सेविंग और हेयर कटिंग कर दी।
गुंडे ने खुश होकर लड़के को दस हजार रूपया दे दिया।
और पूछा-
तुझे अपनी जान जाने का डर नहीं था क्या?
लड़के ने कहा-
डर ? डर कैसा?
पहल तो मेरे हाथ में थी।
गुंडे ने कहा- 'पहल तुम्हारे हाथ में थी' का मतलब नहीँ समझा।

लड़के ने हँसते हुये कहा,
उस्तरा तो मेरे हाथ में थी।
अगर आपको खरोंच भी लगती तो आपकी गर्दन तुरंत काट देता। 

बेचारा गुंडा!
ये जवाब सुनकर पसीने से लथपथ हो गया।

नोट- डर के आगे ही जीत है। 



Tuesday, August 13, 2013

Ayurvedik Health Benefits : सेहत के लिए जानें प्रकृति के संके‍त

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Ayurvedik Health Benefits : सेहत के लिए जानें प्रकृति के संके‍त

1. अखरोट की रचना सिर की तरह होती है तथा उसके अंदर भरा हुआ गूदा मस्तिष्क की तरह होता है। यही गूदा पर्याप्त मात्रा में नियमित सेवन करने से सिर संबंधी समस्याओं पर कंट्रोल होता है तथा मस्तिष्क की कार्य क्षमता एवं क्रिया प्रणाली में पॉजीटिव प्रभाव नजर आने लगता है।

2. पिस्ता आँख की भाँति दिखाई देता है। पिस्ते के अंदर का खाया जाने वाला हरे रंग का हिस्सा आँख की तरह प्रतीत होता है, इसलिए यह नेत्रों के लिए लाभदायक होता है। नेत्र लाभ के लिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या यूँ कहें कि नेत्र रोगों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है।

3. जिन्होंने किडनी को देखा है या जो उसके आकार से परिचित हैं, वे यह कह सकते हैं कि काजू, सोयाबीन तथा किडनी बीन जैसे कुछ मेवे तथा फली वाले अनाज वगैरह किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।

4. किशमिश या अंगूर की रचना पित्ताशय (गाल ब्लैडर) से बहुत कुछ 'मैच' करती है, इसीलिए पित्ताशय को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए किशमिश या अंगूर का सेवन लाभदायक हो सकता है।

5. बादाम का आकार जहाँ एक ओर नेत्रों की तरह होता है, वहीं दूसरी ओर उसकी समानता मस्तिष्क से भी की जा सकती है। बादाम का नियमित सेवन नेत्र तथा मस्तिष्क दोनों ही के लिए प्रभावी होता है।

6. अनार के दानों का रंग रक्त के समान होने से अनारदानों का रस रक्त शोधक (खून की सफाई करने वाला) एवं रक्तर्द्धक (खून बढ़ाने वाला) होता है।



7. सेवफल का आकार और रंग भी बहुत कुछ हृदय के समान होता है, इसलिए सेवफल का नियमित सेवन हृदय के लिए विशेष लाभदायक होता है।

8. नारंगी की फाँकें किडनी और आँत से मेल खाती हैं, इसीलिए इसका नियमित सेवन किडनी तथा आँत के लिए फायदेमंद है।

9. गिलकी या घिया और तोरई आँत के एक भाग की तरह दिखाई देती है, इसलिए आँत की क्रिया प्रणाली को व्यवस्थित करने में इसका जवाब नहीं।

10. लम्बी-पतली ककड़ी तो मानो आँत ही हो। इसका सेवन कब्ज दूर करता है और आँत क्रिया प्रणाली को नियमित करता है। ऐसे अनेक प्राकृतिक संकेत या संदेश वनस्पति के पदार्थों में छिपे हुए हैं, जिनको समझकर स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है



Ayurvedik Health Benefits

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Ayurvedik Health Benefits 

घर मे मुख्य रूप से ये 4 पोधे होने चाहिये।

1-नीम का पेड
2-घृत कुमारी(ऐलोयोविरा)
3-ग्लोय की बेल
4-तुलसी



Ayurvedik Health Benefits of Garlic : गुणों का भंडार है लहसुन

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Ayurvedik Health Benefits : गुणों का भंडार है लहसुन


लहसुन दैनिक प्रयोग में आने वाला एक मसाला है। यह अपनी औषधीय क्षमता के लिए विख्यात है। आयुर्वेद ने तो इसकी महिमा मुक्त कंठ से गाई है-
‘लंशति छिंनति रोगान लशुनम।’
अर्थात् जो रोगों का नाश करें, वह लहसुन है।
लहसुन का बोटेनिकल नाम ‘एलियन सेटाइवा गालिक’ है। कहीं-कहीं बोलचाल की भाषा में लोग इसे रोगन भी कहते हैं।
लहसुन देखने में कुछ-कुछ प्याज से मिलता जुलता है। इसके पौधे की ऊंचाई 30-60 सेमी. तक होती है। पत्तियां चपटी व पतली होती है। इसे मसलने पर एक उग्र तीखी गंध आती है। इसका कंद श्वेत या हल्का गुलाबी रहता है। आवरण को हटाने पर 12-15 छोटे-छोटे मटर आकार के कन्द निकलते हैं। इन्हें भी कुचलने या खाने पर तीखी गंध आती है।
सूखे एवं स्वच्छ स्थानों पर लहसुन को छ: माह तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसका बाह्य और अंत: दोनों प्रयोग होता है। आइए इनके उपयोग के बारे में कुछ हम भी जानें।
- लहसुन के तेल लगाने से कड़ी से कड़ी गांठ भी गल जाती है। वात रोग व लकवे में तो इसका प्रयोग रामबाण के समान लाभदायक है। इस बीमारी में लहसुन के तेल की मालिश से जहां मांसपेशियों को पुनर्जीवित होने का मौका मिलता है, वहीं इसके एक-दो जौ के प्रतिदिन प्रात: सेवन से शरीर में आंतरिक गर्मी पैदा होती है।
- लहसुन पीसकर पुल्टिस बांधने से दमा, गठिया, सायटिका तथा अनेक प्रकार के चर्मरोग दूर हो जाते हैं। इसकी पुल्टिस जहां चोट लगे या सूजे भाग की सृजन व दर्द भगाती है, वहीं उसमें कुष्ठ रोग तक को दूर कर देने की क्षमता होती है।
- आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार पेशाब रूकने पर पेट के निचले भाग में लहसुन की पुल्टिस बांधने से मूत्राशय की निष्क्रियता दूर होती है। फलत: पेशाब खुलकर आता है।
- ‘मेडिसिनल प्लान्ट्स आफ इण्डिया’ के अनुसार लहसुन में ‘एलीन’ नामक जैव-सक्रिय पदार्थ पाया जाता है, जो प्रचण्ड जीवाणुनाशक होता है। इसकी जीवाणुनाशक क्षमता कार्बोलिक एसिड से भी दुगुनी होती है।
- लहसुन के लेप से जहां फोड़े-फुंसी शीघ्र पककर ठीक हो जाते हैं, वहां दाद-खुजली भी मिटती है।
- प्रतिदिन प्रात: एक या दो जौ लहसुन खाने वाले को कभी भी कब्जियत नहीं होती।
- जाड़े के मौसम में तो लहसुन का प्रयोग अंत: और बाह्य दोनों (खाने तथा तेल में पका कर मालिश करने) दृष्टि से अतीव उपयोगी है।
लहसुन में अनेक औषधीय गुण भरे पड़े हैं किन्तु इसका अत्यधिक प्रयोग फिर भी वर्जित हैं। अधिक प्रयोग से आंत्रशोध तथा अन्य बीमारियां हो सकती है। तामसी प्रवृत्ति के होने के कारण साधनादि करने वालों के लिए भी इसका प्रयोग वर्जित है





Ayurvedik Health Benefits : श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया)

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Ayurvedik Health Benefits : श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया)

1. आंवला: आंवले को सुखाकर अच्छी तरह से पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी बने चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा को लगभग 1 महीने तक रोज सुबह-शाम को पीने से स्त्रियों को होने वाला श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट हो जाता है।
2. झरबेरी: झरबेरी के बेरों को सुखाकर रख लें। इसे बारीक चूर्ण बनाकर लगभग 3 से 4 ग्राम की मात्रा में चीनी (शक्कर) और शहद के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम को प्रयोग करने से श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया का आना समाप्त हो जाता है।
3. नागकेशर: नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
4. रोहितक: रोहितक की जड़ को पीसकर पानी के साथ लेने से श्वेतप्रदर के रोग में लाभ मिलता है।
5. केला: 2 पके हुए केले को चीनी के साथ कुछ दिनों तक रोज खाने से स्त्रियों को होने वाला प्रदर (ल्यूकोरिया) में आराम मिलता है।
6. गुलाब: गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।
7. मुलहठी: मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।
8. शिरीष: शिरीष की छाल का चूर्ण 1 ग्राम को देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।
9. बला: बला की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ 3 ग्राम की मात्रा में दूध में मिलाकर सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ प्राप्त होता है।
10. बड़ी इलायची: बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
11. ककड़ी: ककड़ी के बीज, कमल, ककड़ी, जीरा और चीनी (शक्कर) को बराबर मात्रा में लेकर 2 ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।
12. जीरा: जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।
13. चना: सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) गिरना बंद हो जाता है।
14. जामुन: छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।
15. धाय :स्त्रियों के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में धातकी (धाय) के फूलों का चूर्ण 2 चम्मच लगभग 3 ग्राम शहद के साथ सुबह खाली पेट व सायंकाल भोजन से एक घंटा पहले सेवन करने से लाभ होता है।
*धातकी के फूलों का चूर्ण और मिश्री 1-1 चम्मच की मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से दूध या जल के साथ कुछ समय तक सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।
16. दूधी: 2 ग्राम दूधी की जड़ को पीसकर और छानकर दिन में 3 बार पिलाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) और रक्तप्रदर नष्ट होता है।
17. फिटकरी: चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें। 18. ककड़ी: ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।
19. गाजर: गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रस को पीने से स्त्रियों के गर्भाशय की सूजन समाप्त हो जाती है और श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग भी ठीक हो जाता है।
20. मेथी:मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है।
रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है और आराम मिलता है।
*मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है।
*गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है।

21. ईसबगोल: ईसबगोल को दूध में देर तक उबालकर, उसमें मिश्री मिलाकर खाने से श्वेत प्रदर में बहुत लाभ होता है।
22. सफेद पेठा: औरतों के श्वेत प्रदर (जरायु से पीले, मटमैले या सफेद पानी जैसा तरल या गाढ़े स्राव के बहने को) रोग (ल्यूकोरिया), अधिक मासिक का स्राव (बहना), खून की कमी आदि रोगों में पेठे का साग घी में भूनकर खाने या उसके रस में चीनी को मिलाकर सुबह-शाम आधा-आधा गिलास पीने से आराम मिलता है।
23. गूलर:रोजाना दिन में 3-4 बार गूलर के पके हुए फल 1-1 करके सेवन करने से लाभ श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में मिलता है
*मासिक-धर्म में खून ज्यादा जाने और गर्भाशय में पांच पके हुए गूलरों पर चीनी डालकर रोजाना खाने से लाभ मिलता है।
*गूलर का रस 5 से 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर महिलाओं को नाभि के निचले हिस्से में पूरे पेट पर लेप करने से महिलाओं के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में आराम आता है।
*1 किलो कच्चे गूलर लेकर इसके 3 भाग कर लें। एक भाग कच्चे गूलर उबाल लें। उनको पीसकर एक चम्मच सरसों के तेल में फ्राई कर लें तथा उसकी रोटी बना लें। रात को सोते समय रोटी को नाभि के ऊपर रखकर कपड़ा बांध लें। इस प्रकार शेष 2 भाग दो दिन तक और बांधने से श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

24. गुलाब: श्वेतप्रदर, पेशाब में जलन हो तो गुलाब के ताजे फूल और 50 ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर, आधा गिलास पानी में मिलाकर रोजाना 10 दिनों तक पीने से लाभ मिलता है।
25. कुलथी: श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में 100 ग्राम कुलथी 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर बचे पानी छानकर पीने से लाभ मिलेगा।
26. नीम:
नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चौथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम को सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ मिलता है।
*कफज रक्तप्रदर (खूनी प्रदर) पर 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें।
27. लोध: लोध और वट के पेड़ की छाल मिलाकर काढ़ा बना लें। 2 चम्मच की मात्रा में यह काढ़ा रोजाना सुबह-शाम कुछ दिनों तक पीने से श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में लाभ होता है।
28. बबूल:बबूल की 10 ग्राम छाल को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब यह 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इस काढ़े को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने से और इस काढे़ में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर योनि में पिचकारी देने से योनिमार्ग शुद्ध होकर निरोगी बनेगा और योनि सशक्त पेशियों वाली और तंग होगी।
*बबूल की 10 ग्राम छाल को लेकर उसे 100 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगोकर उस पानी को उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर बोतल में भर लें। लघुशंका के बाद इस पानी से योनि को धोने से प्रदर दूर होता है एवं योनि टाईट हो जाती है।
29. बकायन: बकायन के बीज और श्वेतचन्दन समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर उसमें बराबर मात्रा में बूरा मिलाकर 6 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में लाभ मिलता है।
30. अर्जुन की छाल: महिलाओं में होने वाले श्वेतप्रदर और पेशाब की जलन को ठीक करने के लिए अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण का सेवन करना चाहिए