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Wednesday, September 21, 2011

Hindi Poem - ज़िन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती

Hindi Poem - ज़िन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है। 

 
ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो,आफिस में खुश रहो, घर में खुश रहो....
आज पनीर नही है, दाल में खुश रहो,आज जिम जाने का समय नही, दो कदम चलके ही खुश रहो...
 
आज दोस्तों का साथ नही, टी०वी० देख के ही खुश रहो...
 
घर जा नही सकते तो फोन करके ही खुश रहो,आज कोई नाराज़ है, उसके इस अन्दाज़ में खुश रहो...
जिसे देख नही सकते उसकी आवाज़ में खुश रहो
जिस पा नही सकते उसकी याद में खुश रहो.....
बीता हुआ कल जो जा चुका है, उससे मीठी यादें है, उनमें ही खुश रहो.....
 
आने वाले पल का पता नही।।सपनों मे ही खुश रहो
ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो.....
यह मत सोचो कि ज़िन्दगी मे कितने पल है ये सोचो कि....हर पल में कितनी ज़िन्दगी है......

Hindi Poem- आदर्श विद्यार्थी (Adarsh Vidyarthi / Ideal Student)

Hindi Poem- आदर्श विद्यार्थी (Adarsh Vidyarthi / Ideal Student)

निश्चय रहा अब मेरा
आदर्श विद्यार्थी बनूंगा
सब लोगों का प्यारा बनकर
मैं प्यार सभी को दूँगा

हिस्से की जिम्मेदारियाँ
मैं हमेशा निभाऊंगा
हो जाने पर ही पूरा
काम मैं दम लूंगा

समय की कद्र करना
मैं कभी नहीं भूलूंगा
सब लोगों का प्यारा बनकर
मैं प्यार सभी को दूँगा


Hindi - Gandhiji Ke Bander Teen

गाँधीजी के बन्दर तीन (Gandhiji Ke Bander Teen)

गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल।

बुरा दिखे तो दो मत ध्यान,
बुरी बात पर दो मत कान,
कभी न बोलो कड़वे बोल।
याद रखोगे यदि यह बात ,
कभी नहीं खाओगे मात,
कभी न होगे डाँवाडोल ।

गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल।

Hindi Poem ( Chaha Nahin Ki Mein Surbala ke Gehnon Mein Guntha Jaoon)

Hindi Poem ( Chaha Nahin Ki Mein Surbala ke Gehnon Mein Guntha Jaoon)


चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ,
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली!उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पर जावें वीर अनेक

- माखनलाल चतुर्वेदी ( Makhanlal Chaturvedi)