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Saturday, November 15, 2014

Eye Donation

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Eye Donation

ऐश्वर्या राय 1 नवंबर 1973 (आयु 40)

ऐश्वर्या राय इस संसार से विदाई लेने के साथ अपनी आँखे दान करके जाएंगी
क्या आप भी अपने अंग संसार को देकर जाने का ख्याल रखते हैं ???




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Useful Information

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Useful Information

कैंसर" निवारण के लिये राजस्थान के जालोर जिले "उमरगाम" मे निशुल्क आयुर्वेदिक दवा दी जाती है ।
मरीज को वहाँ जाने की आवश्यकता नही है आप मरीज की सभी रिपोर्ट वहाँ इमेल करें । दवा कुरीयर द्वारा भेज दी जावेगी दवा प्रोफेशनल कुरियर पूरे देश मे निशुल्क पहुचाता है ।
यदि आप की जानकारी मे ऐसा कोई रोगी है तो कृपया उन्हे बताए व उनकी रिपोर्ट इमेल करे ।
धन्यवाद
किशनचंद

09377006186
email id. tarangelectric@gmail.com
मंगल चंद जी माणक चंद जी सेठ
भीनमाल जिला जालोर (राजस्थान)
, हो सके तो सभी को शेयर करे ।
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Life Quote

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Life Quote






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Must Read Story

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Must Read Story

दो भाई साथ साथ खेती करते थे।
मशीनों की भागीदारी और चीजों का व्यवसाय किया करते थे।
चालीस साल के साथ के बाद एक छोटी सी ग़लतफहमी की वजह से उनमें पहली बार झगडा हो गया था
झगडा दुश्मनी में बदल गया था।

एक सुबह एक बढई बड़े भाई से काम मांगने आया.

बड़े भाई ने कहा “हाँ ,मेरे पास तुम्हारे लिए काम हैं।
उस तरफ देखो, वो मेरा पडोसी है, यूँ तो वो मेरा भाई है, पिछले हफ्ते तक हमारे खेतों के बीच घास का मैदान हुआ करता था पर मेरा भाई बुलडोजर ले आया और अब हमारे खेतों के बीच ये खाई खोद दी
जरुर उसने मुझे परेशान करने के लिए ये सब किया है अब मुझे उसे मजा चखाना है
तुम खेत के चारों तरफ बाड़ बना दो ताकि मुझे उसकी शक्ल भी ना देखनी पड़े."

“ठीक हैं”, बढई ने कहा।

बड़े भाई ने बढई को सारा सामान लाकर दे दिया और खुद शहर चला गया
शाम को लौटा तो बढई का काम देखकर भौंचक्का रह गया
बाड़ की जगह वहा एक पुल था जो खाई को एक तरफ से दूसरी तरफ जोड़ता था.
इससे पहले की बढई कुछ कहता, उसका छोटा भाई आ गया।

छोटा भाई बोला “तुम कितने दरियादिल हो , मेरे इतने भला बुरा कहने के बाद भी तुमने हमारे बीच ये पुल बनाया, कहते कहते उसकी आँखे भर आईं और दोनों एक दूसरे के गले लग कर रोने लगे.
जब दोनों भाई सम्भले तो देखा कि बढई जा रहा है।

रुको! मेरे पास तुम्हारे लिए और भी कई काम हैं, बड़ा भाई बोला।
मुझे रुकना अच्छा लगता ,पर मुझे ऐसे कई पुल और बनाने हैं, बढई मुस्कुराकर बोला और अपनी राह को चल दिया.

दिल से मुस्कुराने के लिए जीवन में पुल की जरुरत होती हैं खाई की नहीं।
छोटी छोटी बातों पर अपनों से न रूठें।



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FUNNY,

गजोधर भैय्या - कौन सा व्यक्ति कौन से राज्य का है ?

एक अंग्रेज ट्रेन से सफ़र कर रहा था ..
सामने गजोधर भैय्या बैठे थे
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अंग्रेज ने गजोधर से पूछा यहाँ कौन से स्टेट्स घूमने वाले नहीं हैं ?
गजोधर : महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, हरयाणा, यू पी
-
अंग्रेज : 'क्यों ... क्या ये पांच स्टेट्स भारत में नहीं हैं क्या ?'
गजोधर : 'नहीं ... ये खुद में महाभारत हैं ..'
अंग्रेज : 'ओह ~~~ इन स्टेट्स में जाना डेंजरस है'
-
[कुछ देर पश्चात]
अंग्रेज : 'मैं कैसे जान सकता हूँ कि कौन सा व्यक्ति कौन से राज्य का है ?'
गजोधर : 'बैठा रह शान्ति से ... अभी दस घंटे के सफ़र में सबसे मिलवा दूंगा'
-
[कुछ ही देर बाद हरियाणा का एक चौधरी मूंछों पे ताव देता हुआ बैठ गया]
गजोधर : 'भाई ये हरियाणा है ...'
अंग्रेज : 'इससे बात कैसे करूँ ?'
गजोधर "चुपचाप बैठा रह और मूंछों पर ताव देता रह.. ये खुद बात करेगा तेरे से'
अंग्रेज ने अपनी सफाचट मूछों पर ताव दिया
चौधरी उठा और अंग्रेज के दो कंटाप जड़े - 'बिन खेती के ही हल चला रिया है तू ?'
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थोड़ी देर बाद एक मराठी आ के बैठ गया ...
गजोधर : 'भाई ये महाराष्ट्र है ...'
अंग्रेज : 'इससे बात कैसे करूँ ?'
गजोधर : 'इससे बोल कि बाम्बे बहुत बढ़िया ..'
अंग्रेज ने मराठी से यही बोल दिया
मराठी उठा और थप्पड़ लगाया - "साले बाम्बे नहीं मुम्बई ... समझा क्या"
-
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[थोड़ी देर बाद एक गुजराती सामने आकर बैठ गया]
गजोधर : 'भाई ये गुजरात है ...'
अंग्रेज गाल सहलाते हुए : 'इससे कैसे बात करूँ ?'
गजोधर : 'इससे बोल सोनिया गांधी जिंदाबाद ...'
अंग्रेज ने गुजराती से यही कह दिया
गुजराती ने कसकर घूंसा मारा - 'नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद...एक ही विकल्प- मोदी'
-
-
[थोड़ी देर बाद एक सरदार जी आकर बैठ गए]
गजोधर : 'देख भाई ये पंजाब है ...'
अंग्रेज ने कराहते हुए पूछा - 'इससे कैसे बात करूँ ..'
गजधर : 'बात न कर बस पूछ ले कि 12 बज गए क्या ?'
अंग्रेज ने ठीक यही किया ...
अंग्रेज : 'ओ सरदार जी 12 बज गए क्या ?

सरदार जी ने आव देखा न ताव अंग्रेज को उठा के नीचे पटक दिया
सरदार : साले खोतया नू ... तेरे को मैं मनमोहन सिंह लगता हूँ जो चुप रहूँगा'
-
-
पहले से परेशान अंग्रेज बिलबिला गया ...
खीझ के गजोधर से बोला : 'सारे स्टेट्स से मिलवा दिया अब यूं पी से भी मिलवा दो'

गजोधर बोला - "तेरे को पिटवा कौन रहा है ... ???




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Must Read Story : विजेता मेंढक

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Must Read Story : विजेता मेंढक

बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे . सरोवर के बीचों -बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था . खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी .

एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों ना एक रेस करवाई जाए . रेस में भाग लेने वाली प्रतियोगीयों को खम्भे पर चढ़ना होगा , और जो सबसे पहले एक ऊपर पहुच जाएगा वही विजेता माना जाएगा .

रेस का दिन आ पंहुचा , चारो तरफ बहुत भीड़ थी ; आस -पास के इलाकों से भी कई मेंढक इस रेस में हिस्सा लेने पहुचे . माहौल में सरगर्मी थी , हर तरफ शोर ही शोर था .

रेस शुरू हुई …

…लेकिन खम्भे को देखकर भीड़ में एकत्र हुए किसी भी मेंढक को ये यकीन नहीं हुआकि कोई भी मेंढक ऊपर तक पहुंच पायेगा …

हर तरफ यही सुनाई देता …

“ अरे ये बहुत कठिन है ”

“ वो कभी भी ये रेस पूरी नहीं कर पायंगे ”

“ सफलता का तो कोई सवाल ही नहीं , इतने चिकने खम्भे पर चढ़ा ही नहीं जा सकता ”

और यही हो भी रहा था , जो भी मेंढक कोशिश करता , वो थोडा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता ,

कई मेंढक दो -तीन बार गिरने के बावजूद अपने प्रयास में लगे हुए थे …

पर भीड़ तो अभी भी चिल्लाये जा रही थी , “ ये नहीं हो सकता , असंभव ”, और वो उत्साहित मेंढक भी ये सुन-सुनकर हताश हो गए और अपना प्रयास छोड़ दिया .

लेकिन उन्ही मेंढकों के बीच एक छोटा सा मेंढक था , जो बार -बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर चढ़ने में लगा हुआ था ….वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा ,और अंततः वह खम्भे के ऊपर पहुच गया और इस रेस का विजेता बना .

उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ , सभी मेंढक उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे ,” तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया , भला तुम्हे अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति कहाँ से मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय कैसे प्राप्त की ?”

तभी पीछे से एक आवाज़ आई … “अरे उससे क्या पूछते हो , वो तो बहरा है ”

------------***--------------

मित्रों, सफलता के लिए नकारात्मक विचार त्यागो , अक्सर हमारे अन्दर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की काबीलियत होती है, पर हम अपने चारों तरफ मौजूद नकारात्मकता की वजह से खुद को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे होते हैं उन्हें पूरा किये बिना ही अपनी ज़िन्दगी गुजार देते हैं . आवश्यकता इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रति अंधे हो जाएं. और तब हमें सफलता के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा




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Hindu Religion पत्नी वामांग क्यों

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पत्नी वामांग क्यों
पति के बायीं ओर ही क्यों बैठती है पत्नी?
पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा ही कोमल और पवित्र होता है। यह विश्वास की डोर से बंधा होता है।
कहते हैं पत्नी, पति का आधा अंग होती है। दोनों में कोई भेद नहीं होता। पर जहां तक धार्मिक अनुष्ठानों का सवाल है, पत्नी को हमेशा पति के बायीं ओर ही बिठाया जाता है।
क्या इसके पीछे कोई मान्यता है या पुराने रीति-रिवाज?
हमारे धर्म-ग्रथों में पत्नी को पति का आधा अंग कहा जाता है। उसमें भी उसे वामांगी कहा जाता है अर्थात पति का बायां भाग। शरीर विज्ञान और ज्योतिष ने पुरुष के दाएं और महिलाओं के बाएं हिस्से को शुभ माना है।
हस्त ज्योतिष में भी महिलाओं का बायां हाथ ही देखा जाता है। मनुष्य के शरीर का बायां हिस्सा खास तौर पर मस्तिष्क रचनात्मकता का प्रतीक माना जाता है। दायां हिस्सा कर्म प्रधान होता है।
हमारा मस्तिष्क भी दो हिस्सों में बंटा होता है दायां हिस्सा कर्म प्रधान और बायां कला प्रधान। महिलाओं को पुरुषों के बायीं ओर बैठाने के पीछे भी यही कारण है।
स्त्री का स्वभाव सामान्यत: वात्सल्य का होता है और किसी भी कार्य में रचनात्मकता तभी आ सकती है जब उसमें स्नेह का भाव हो। दायीं ओर पुरुष होता है जो किसी शुभ कर्म या पूजा में कर्म के प्रति दृढ़ता के लिए होता है, बायीं ओर पत्नी होती है जो रचनात्मकता देती है, स्नेह लाती है।
जब कोई कर्म दृढ़ता और रचनात्मकता के साथ किया जाए तो उसमें सफलता मिलनी तय है

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1984 Vs 2014

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1984 Vs 2014

माँ बनाती थी रोटी
पहली गाय की ,
आखरी कुत्ते की
एक बामणी दादी की
एक मेथरानी बाई
हर सुबह सांड आ जाता था
दरवाज़े पर गुड़ की डली के लिए
कबूतर का चुग्गा
किडियो का आटा
ग्यारस, अमावस, पूर्णिमा का सीधा
डाकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड़ का सीरा
सब कुछ निकल आता था
उस घर से ,
जिसमें विलासिता के नाम पर एक टेबल पंखा था...
आज सामान से भरे घर में
कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय लड़ने की कर्कश आवाजों के.......
....
मकान चाहे कच्चे थे
लेकिन रिश्ते सारे सच्चे थे...
चारपाई पर बैठते थे
पास पास रहते थे...
सोफे और डबल बेड आ गए
दूरियां हमारी बढा गए....
छतों पर अब न सोते हैं
बात बतंगड अब न होते हैं..
आंगन में वृक्ष थे
सांझे सुख दुख थे...
दरवाजा खुला रहता था
राही भी आ बैठता था...
कौवे भी कांवते थे
मेहमान आते जाते थे...
इक साइकिल ही पास था
फिर भी मेल जोल था...
रिश्ते निभाते थे
रूठते मनाते थे...
पैसा चाहे कम था
माथे पे ना गम था...
मकान चाहे कच्चे थे
रिश्ते सारे सच्चे थे...
अब शायद कुछ पा लिया है
पर लगता है कि कुछ गंवा दिया






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FUNNY

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FUNNY


हम भारत के लोग टूथपेस्ट इतना सा भी नहीं छोड़ते
कि बाद में पछताना पड़े
ट्यूब को इतना निचोड़ते हैं कि अंदर हवा भी नहीं बचती
और वो हमसे कश्मीर ले लेने की बात करते हैं
!!!


************
Traffic Havalda and Driving License '

ट्रेफिक हवलदार - लायसेंस बताओ!
चालक - नहीं है साब!
ट्रेफिक हवलदार - क्या तुमने ड्रायविंग लायसेंस बनवाया है?
चालक - नहीं।
ट्रेफिक हवलदार - क्यों?
चालक - मैं बनवाने गया था, पर वो पहचान पत्र माँगते हैं। वो मेरे पास नही है।
ट्रेफिक हवलदार - तो तुममतदाता पहचान पत्र बनवा लो।
चालक - मै वहाँ गया था साब! वो राशनकार्ड माँगते है। वो मेरे पास नहीं है।
ट्रेफिक हवलदार - तो पहले राशन कार्ड बनवा लो।
चालक - मैं म्युनिसिपल भी गया था साब! वो पासबुक माँगते हैं।
ट्रेफिक हवलदार - तो मेरे बाप बैंक खाता खुलवा ले।
चालक - मैं बैंक गया था साब! बैंकवाले ड्रायविंग लायसेंस माँगते हैं









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Funny

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Funny

एक लङकी अपने boyfriend से कहती है
लङकी :- क्या हुआ जानम कल तक तो तुम्हारे बाल
" Tere
naam " फिल्म के ' Radhe ' जैसे थे ,
.
.
.
.
लेकिन आज " Ghajni " फिल्म के 'Aamir Khan' जैसे
क्यो हो गये ?
लङके ने रोते हुऐ कहा :-
.
.
.
.
लिखे जो खत तुझे ,वो तेरी याद मेँ ।
पापा नेँ पढ लिये ,वो सारे रात मेँ ।
सवेरा जब हुआ तो ङंङे पङ गये ।
वो Radhe वाले बाल Ghajni मेँ बदल गये...!!.


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Must Read Story

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Must Read Story
सुख चाहते हो तो रात में खाना नहीं
शांति चाहते हो तो दिन में सोना नहीं
सम्मान चाहते हो तो व्यर्थ बोलना नहीं
प्यार चाहते हो तो ye पेज छोड़ना नही... !

रिश्ते होते है ‘One Time’
हम निभाते है ‘Some Time’
याद किया करो ‘Any Time’
आप खुश रहे ‘All Time’
यही दुआ है मेरी ‘Life Time’.

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Fun, Joke,

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Fun, Joke










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Friday, November 14, 2014

Amazing You Tube Video

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Amazing Youtube Video


Young elephant survives attack by 14 Lions

http://www.youtube.com/watch?v=MbV7WuNWHe4



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NEXT GEN LKG POEM

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NEXT GEN LKG POEM

CHATTING CHATTING
YES PAPA
GIRLFRIEND SETTING
NO PAPA
TELLLING LIES
NO PAPA
OPEN YOUR WHATSUP
HaHaHaHaHa  







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Monday, November 3, 2014

Must Read Joke

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Must Read Joke


राधा ने पूछा मोहन से :- तुम्हें सब लोग चोर क्यों कहते हैं ?
मोहन जी बोले :- राधे, मैं चोर हूँ, तभी तो लोग कहते हैं I

राधा जी ने फिर पूछा :- तुम क्या - क्या चुराते हो ?
कान्हा जी बोले :- तो फिर सुनो, जब मैं छोटा था तब मैं सब का मन चुराया करता था I
फिर थोड़ा बड़ा हुआ तो मैं माखन चुराने लगा जब थोड़ा और बड़ा हुआ तो मैंने
गोपिओं के वस्त्र चुराये I
उस के बाद मैं भक्तों के प्यार में ऐसा हो गया, की मैंने एक नए तरह की चोरी शुरू कर दी I

राधा जी बोली :- कैसी चोरी ?
कान्हा जी ने बड़ा अच्छा जवाब दियi :- आज कल मैं अपने भक्तों के पाप भी चुरा लेता हूँ I
राधा जी बोली :- कहाँ है यह भक्त ?

कान्हा जी बोले :- एक तो इस मैसेज को भेज चुका, दूसरा इसे पढ़ रहा है

जय श्री राधे कृष्ण


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Must Read Joke

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Must Read Joke

फेसबुक का कमाल
स्कूल में क्लास के दौरान एक लड़के ने
अपना फेसबुक
अकाउंट खोला और स्टेटस अपलोड किया...
" I am using Facebook in class"
तुरन्त प्रोफेसर ने कमेंट किया -"क्लास
से िनकल
जा निक्क्मे !
प्रिंसिपल ने प्रोफेसर के कमेंट को "लाइक"
कर
दिया !
दोस्त ने कमेन्ट किया - "ओये !आजा कैफ़े
चलते है"
माँ ने कमेन्ट किया - "नालायक क्लास
नही लेनी है, तो सब्जी लेकर सीधा घर आजा" !
बाप ने कमेन्ट किया - "देखलो अपने बेटे
की हक़ीक़त" !
उसी वक़्त........गर्लफ्रेंड ने कमेन्ट किया -
"धोखे
बाज़ तुम ने तो कहा था कि हॉस्पिटल में
हूँ !
दादी आखिरी स्टेज पर है और मैं मिलने
नहीं आ
सकता हूँ !
उसी वक़्त दादी ने कमेन्ट कर दिया......"हराम
ज़ादे, तू कही कुँए में डूब कर मर जा"


*********************
एक लडकी के पास unknwn no. से एक लडके
का call आता है!
लडकी-- हैलो...!
लडका-- हैव यू एनी boyfriend...?
लडकी-- yes, but who r u?
लडका--तेरा भाई...! रुक घर आकर
बताता हूँ
तुझे!
(थोडी देर बाद फिर unknwn no. से एक
लडके
का call)
लडकी-- हैलो...!
लडका--hv u any boyfrnd?
लडकी--no, but who r...
लडका-- (चिल्लाकर) फिर मै कोन हूँ?
लडकी--sorrrry जानू... मुझे लगा भाई है...
लडका- मै भाई ही हू...
बस आज तो तू... गई.

****************************

एक शराबी नौकरी के लिए इंटरव्यू के
लिए
गया...
.
इंटरव्यू के लिए एक लेडी बैठी थी...
लेडी ने पूछा – आप शराब पीते हो ??
शराबी--- हाँ
.
लेडी – कितनी ?
शराबी – करीब छः पैग रोज के
लेडी – ओह्ह !!! छः पैग कितने के होते
हैं ?
शराबी – करीब 1००० रुपये के
लेडी – कब से पी रहे हो ?
शराबी –करीब 15 साल से.
.
लेडी – ओह्ह इसका मतलब आप रोज
1००० के हिसाब से
महीने का 3०००० रुपया शराब में
उड़ाते हो
मतलब साल का 36०००० रुपया...
इस हिसाब से तुमने पिछले 15 साल में
शराब पर
करीब 54 लाख रुपये उड़ा दिए............
..
क्या तुम जानते हो 54 लाख में तुम एक
BMW खरीद सकते थे....
.
शराबी – क्या आप भी पीती हैं....
.
लेडी – नहीं मैंने कभी हाथ तक
नहीं लगाया.....
.
.
शराबी – चल फिर दिखा तेरी BMW
कहाँ है ???
*******************

Dost : Biwi se Jhagda
Solve hua kya ?
.
Husband : Ghutno pe
Chal k Aayi thi Mere
Paas.. ghutno pe.
.
.
.
Dost : kya baat kar
raha hai..
.
Husband : aur nahi to
kya..
.
.
.
.
Dost : Fir Kya Boli ?
.
.
.
.
.
Husband : Boli Palang k
Neeche se baahar aa
jao,
Ab Nahi Maarungi..



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good joke

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अब माँ अपने बच्चो को ऐसे डांटेगीं:

मोदी बनना है ना???

फिर??

राहुल जैसी हरकत क्यों की.?

अब मनमोहन की तरह चुप क्यों खड़ा है.?

बोल नहीं तो केजरीवाल कि तरह थप्पड़ खायेगा...!!




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Good Jokes

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Never Abuse Girls....
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Ha agr gussa aa raha ho to
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"AUNTYJI" bol do....
Kasam se gaali se jyada effect
karega...

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Never abuse boys...
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. Haan agr gussa aaye to uncle g, gdha, kutta, kamina kuj v bol do. Ksm se rhenge ye always duffer hi.


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Good Jokes,

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एक बार
पाकिस्तानी ,
बांग्लादेशी और हिंदुस्तानी एक
साथ बैठकर बीयर
पी रहे थे ।
पाकिस्तानी ने बियर
पीकर ग्लास को हवा मेँ उछाला और बंदूक से
निशाना लगाकर टुकड़े टुकड़े
कर दिया
.
और कहा"इस्लामाबाद मेँ गिलास बहुत सस्ते है
इसलिये हम एक गिलास
मेँ दोबार नही पीते.. बांग्लादेशी ये देखकर इम्प्रैस हुआ उसने
भी बियर खत्म की और
गिलास को हवा मेँ
उछालकर बंदूक से टुकड़े टुकड़े कर दिया और
बोला
"ढाका मेँ गिलास बनाने
के लिये बहुत बालू है इसलिये हम दोबारा एक
गिलास मेँ नहीँ पीते..
अब
हिंदुस्तानी की बारी आई..!!, वो मुस्कुराया और बियर
खत्म की और गिलास
को हवा मेँ उछाला
और बंदूक निकालकर पाकिस्तानी और बांग्लादेशी को मार
दिया और बोला
हमारे भारत मेँ बहुत
सारे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी हैँ इस्लिये हमेँ किसी के साथ
दोबारा पीने की जरुरत
नहीँ होती...... !!


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Good Jokes

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एक आदमी बोट से कही जा रहा था …
अचानक से ज़ोर से हवा चली और
उसकी बोट पलट गयी .!
उसे तैरना नही आता था ..
वो प्रार्थना करने लगा
“भगवन , अगर मुझे बचा लिया तो में गरीबो में
21
किलो लड्डू बाटूंगा .!”
फिर ज़ोर से हवा चली और एक
बड़ी सी लेहरे उसे ज़मीं पे ले
गयी .
वो खड़ा हुआ , और हस्ते हुए ऊपर देख के
बोला ,
“हाहा, कैसे लड्डू , कौनसे लड्डू ..?” :-
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी लहर
ने उसे वापिस पानी में खीच लिया .
वो बाँदा फिर चिल्ला के बोला ..
“मतलब मैं पूछ रहा था बेसन के या बूंदी के ..!!

हा हा हा


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Good Jokes

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एक लड़की बोलने वाला तोता खरीदने गयी
दुकान में एक तोते से उसने पूछा – “मैं
कैसी लगती हूँ ?”
तोता – “एकदम आवारा !”
लड़की नाराज़ होकर दुकानदार से बोली –
“ये
तोता तो बहुत बदतमीज है !”
दुकानदार ने तोते को पकड़कर पानी में
डुबाया और पूछा – “गाली देगा ?”
तोता – “नहीं !”
दुकानदार ने लड़की से कहा – “आप फिर से
बात
करके देखिये … ”
लड़की – “अगर मेरे घर पर मेरे साथ एक
आदमी आये
तो तुम क्या सोचोगे ?”
तोता – “तुम्हारा पति होगा.” .
लड़की – “गुड…. और अगर 2 आदमी आयें
तो ?”
तोता – “तुम्हारा पति और देवर होंगे.”
लड़की – “अगर 3 आदमी आयें तो … ?”
तोता – “तुम्हारा पति, देवर और भाई.”
लड़की – “वैरी गुड … अगर 4 आदमी आ गए
तो …. ?”
तोता (दुकानदार से) – “पानी ले आओ …
मैंने पहले
ही कहा था कि ये एकदम आवारा है …. !




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Sunday, November 2, 2014

Superb Hit Jokes

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Superb Hit Jokes
































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PURANA BADLA

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"PURANA BADLA"

1 khargosh Bomb le kar zoo me ghus gaya,
or awaz lagai ki
.
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Tum sab ke paas 1 minute ka time hai, yaha se nikalne ke liye..!!",
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Kachuwa: "Waah...!! Saale Waah...!!,
Seedha Bol na ki me hi target hu..




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JOKE

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JOKE
लड़की :__आई.लव.यू.....

लड़का :__ लड़की के सर पर दुपट्टा देकर ...
हाथ पकड़ता है और कहता है ..

बहन रोज सुबह शाम मंदिर जाकर भक्ति करो ..
प्यार में कुछ नहीं रखा है ...!!
.
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लड़के के जाने के बाद लड़की अपने हाथ में
पकड़ी पर्ची खोलती है तो लिखा होता है____

अक्ल की अंधी मरवायेगी क्या ,
पीछे मेरी बीवी थी फ़ोन पर बात करते है ...

Love u too ....




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Friday, October 31, 2014

टीचर, चतुर और रेंचो

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टीचर, चतुर और रेंचो


टीचर : आप मुस्करा क्यों रहे हो?

रेंचो : बहुत दिनों से फेसबुक में अकाउंट बनाने की इच्छा थी सर।
आज बना दिया है, बहुत मजा आ रहा है।

टीचर : ज्यादा मजा लेने की जरूरत नहीं है,
टेल मी व्हाट इज ए पोस्ट?

रेंचो : जो भी फेसबुक पर की जाए वह पोस्ट होती है सर।

टीचर : तुम इसे विस्तार से बता सकते हो?

रेंचो : सर जो भी फेसबुक पर लोग डालते हैं पोस्ट होता है सर..
घूमने गए फोटो डाल दिया, पोस्ट है सर,
मैच देखा स्कोर डाल दिया, पोस्ट है सर,
सर वास्तव में हम पोस्ट से घिरे हुए हैं।
कैटरीना की पिक से रोनाल्डो की किक तक...सबपोस्ट है सर...
एक सेकंड में कमेंट, एक सेकंड में लाइक। कमेंट-लाइक, लाइक-कमेंट।

टीचर -: चुप रहो, अकाउंट बनाकर यह करोगे- कमेंट- लाइक... कमेंट-लाइक...।
चतुर तुम बताओ?

चतुर -: पिक्चर, टेक्स्ट और वीडियो जो हम मोबाइल,
टैबलेट, लैपटॉप, डेस्कटॉप से इंटरनेट के द्वारा फेसबुक
पर डालते हैं, वह पोस्ट कहलाता है।

टीचर : शाबाश।
रेंचो -: लेकिन सर मैंने भी तो वही बोला सीधे शब्दों में...

टीचर -: सीधे शब्दों में करना है तो ऑरकुट या ट्विटर के पेज पर अकाउंट बनाओ...

रेंचो : पर सर दूसरे साइट्स भी तो...

टीचर : गेट आउट!
रेंचो : क्यों सर?
टीचर : सीधे शब्दों में बाहर जाओ...
रेंचो बाहर जाकर वापस आता है...

टीचर : क्या हुआ?

रेंचो : कुछ भूल गया था सर

टीचर : क्या?

रेंचो : एक यूटिलिटी बटन जो हमें प्राइवेट डेटा जैसे
पिक्चर, मैसेज, पर्सनल इंफॉर्मेशन को चोरी और
हैकर्स रोकने या किसी और के देखने से बचने के लिए
दिया गया है।

टीचर : कहना क्या चाहते हो?

रेंचो : लॉगआउट सर! लॉगआउट करना भूल गया था. अब कर दू..

टीचर : सीधे-सीधे नहीं बोल सकते थे?

रेंचो मुस्कुराकर : थोड़ी देर पहले ट्राय किया था सर, आपको पसंद नहीं आया.
















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Sunday, October 26, 2014

हॉन्टेड विलेज "कुलधरा"(Haunted Village Kuldhara) - एक श्राप के कारण 170 सालों से हैं वीरान - रात को रहता है भूत प्रेतों का डेरा

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 हॉन्टेड विलेज "कुलधरा"(Haunted Village Kuldhara) - एक श्राप के कारण 170 सालों से हैं वीरान - रात को रहता है भूत प्रेतों का डेरा







हमारे देश भारत के कई शहर अपने दामन में कई रहस्यमयी घटनाओ को समेटे हुए है ऐसी ही एक घटना हैं राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा(Kuldhara) गाँव कि, यह गांव पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा हैं।कुलधरा(Kuldhara) गाँव के हज़ारों लोग एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे  और जाते जाते श्राप दे गए थे कि यहाँ फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गाँव वीरान पड़ा


जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव अब एक बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है और हर रोज सैकड़ों सैलानी यहां आते हैं। आज से लगभग 170 साल पहले कुलधरा गांव में बसे सैकड़ों लोग अपना घरबार छोड़कर रातों-रात ऐसे गायब हुए कि उनका नामो-निशान नहीं मिला।

यह गांव रातों रात क्यों खाली हुआ, किस समाज के लोग यहां रहते थे, आखिर इस गांव के लोग कहां चले गए। आज तक यह गांव दुबारा क्यों नही बस सका? ऐसे सैकड़ों सवाल आपके जेहन में भी कौंध रहे होंगे। चलो अब हम इस गांव से जुड़ी एक-एक कहानी को आपसे साझा करते हैं।

कुलधरा के वीरान होने कि कहानी (Story of Kuldhara) :
जो गाँव इतना विकसित था तो फिर क्या वजह रही कि वो गाँव रातों रात वीरान हो गया। इसकी वजह था गाँव   का अय्याश दीवान सालम सिंह जिसकी गन्दी नज़र गाँव कि एक खूबसूरत लड़की पर पड़ गयी थी। दीवान उस लड़की के पीछे इस कदर पागल था कि बस किसी तरह से उसे पा लेना चाहता था। उसने इसके लिए ब्राह्मणों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। हद तो तब हो गई कि जब सत्ता के मद में चूर उस दीवान ने लड़की के घर संदेश भिजवाया कि यदि अगले पूर्णमासी तक उसे लड़की नहीं मिली तो वह गांव पर हमला करके लड़की को उठा ले जाएगा। गांववालों के लिए यह मुश्किल की घड़ी थी। उन्हें या तो गांव बचाना था या फिर अपनी बेटी। इस विषय पर निर्णय लेने के लिए सभी 84 गांव वाले एक मंदिर पर इकट्ठा हो गए और पंचायतों ने फैसला किया कि कुछ भी हो जाए अपनी लड़की उस दीवान को नहीं देंगे।
फिर क्या था, गांव वालों ने गांव खाली करने का निर्णय कर लिया और रातोंरात सभी 84 गांव आंखों से ओझल हो गए। जाते-जाते उन्होंने श्राप दिया कि आज के बाद इन घरों में कोई नहीं बस पाएगा। आज भी वहां की हालत वैसी ही है जैसी उस रात थी जब लोग इसे छोड़ कर गए थे।


कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं :
आज भी है श्राप का असर:
पालीवाल ब्राह्मणों के श्राप का असर यहां आज भी देखा जा सकता है। जैसलमेर के स्थानीय निवासियों की मानें तो कुछ परिवारों ने इस जगह पर बसने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। स्थानिय लोगों का तो यहां तक कहना है कि कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो वहां गए जरूर लेकिन लौटकर नहीं आए। उनका क्या हुआ, वे कहां गए कोई नहीं जानता



एक बेटी की इज्जत के लिए उजड़ गया पूरा गांव !

kuldhara_haunted_village_1सबसे ज्यादा प्रचलित कहानी के दौरान राजस्थान के कुलधरा गांव के रातों-रात खाली होने के पीछे यह दावा किया जा रहा है कि इस गांव के लोग अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए रातों-रात गायब हो गए थे। ऐसा माना जाता है कि गांव के खाली होने के पीछे सबसे बड़ा कारण एक सिरफिरा दीवान था, जिसकी नीयत गांव की लड़की पर बिगड़ गई थी।

मान्यता के अनुसार कुलधरा गांव में पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। ऐसा कहा जाता है कि गांव को यहां के अय्याश दीवान सालम सिंह की बुरी नजर गांव के ही एक ब्राह्मण की लड़की पर पड़ी। दीवान उस लड़की के पीछे इस कदर पागल था कि किसी भी कीमत पर उसे पा लेना चाहता था। उसने इसके लिए ब्राह्मणों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

kuldhara-village-jaisalmer-ruins-and-remainsहद तो तब हो गई कि जब सत्ता के मद में चूर उस दीवान ने लड़की के घर संदेश भिजवाया कि यदि अगली पूर्णमासी तक उसे लड़की नहीं मिली तो वह गांव पर हमला करके लड़की को उठा ले जाएगा। ग्रामीणों के लिए यह मुश्किल की घड़ी थी। उन्हें या तो गांव बचाना था या फिर अपनी बेटी।

इस विषय पर निर्णय लेने के लिए सभी ग्रामीण एक मंदिर में एकत्र हो गए और पंचायतों ने फैसला किया कि कुछ भी हो जाए अपनी लड़की उस अय्याश दीवान को नहीं सौंपेंगे। फिर क्या था, गांव वालों ने गांव खाली करने का निर्णय कर लिया और रातों-रात सभी ग्रामीण गांव छोड़ कर चले गए।

ग्रामीणों ने ही दिया श्राप अपने गांव को दीवान के खौफ और अत्याचार के कारण अपना गांव तो छोड़कर ग्रामीण चले गए, लेकिन जाते-जाते उन्होंने अपने गांव को श्राप दिया कि आज के बाद यहां के घरों में कोई नहीं बस पाएगा। 170 साल बीतने के बाद भी आज भी इस गांव की हालत वैसी ही है जैसी उस रात थी, जब ग्रामीण इसे छोड़ कर गए थे।

kuldhara-village-jaisalmer-stairs-to-terrace-rebuilt-house

राजा के अत्याचार के कारण भी गांव छोड़ने की कहानी

एक अन्य मान्यता के अनुसार कुलधरा गांव पर शासन करने वाला राजा गांव के पालीवाल ब्राह्मणों को खत्म कर देना चाहते था। वह आए दिन इन ब्राह्मणों पर अत्याचार करता था। राजा के ब्राह्मणों से क्रूर व्यवहार तो करता ही था, साथ ही उन्हें गुलाम बनाकर रखना चाहता था।

इसी कारण गांव के लोगों ने यह निर्णय लिया कि वे इस जगह को छोड़ देंगे और जाते समय उन्होंने इस गांव को शापित कर दिया कि उनके बाद यहां पर कोई बस नहीं सकेगा।

रुहानी ताकतों का हर कदम पर होता है आभास

कुलधरा गांव आज एक बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है और हर रोज सैकड़ों सैलानी यहां आते हैं। kuldhara-village-jaisalmer-temple-steepleअधिकतर सैलानी दावा करते हैं कि उन्हें यहां कदम-कदम पर रुहानी ताकतों के होने का आभास होता है। 170 साल पहले जैसलमेर के पास बसे इस गांव में एक रात में ही ऐसी वीरानी छा गई, जो आज तक कायम है। गांव के लोग कहां गए और कैसे गए, यह सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

चूड़ियों की खनक और पायल की झनकार देती है सुनाई

टूरिस्ट प्लेस में बदल चुके कुलधरा गांव घूमने आने वालों के अनुसार यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मण परिवारों की महिलाओं की उपस्थिति आज भी महसूस होती है।

इन महिलाओं की चूड़ियों की खनक यहां आने वाले कई सैलानियों को सुनाई दी हैं। इन सैलानियों को यहां हरपल ऐसा आभास होता है कि उनके आसपास कोई चल रहा है। गांव के उजाड़ पड़े बाजार में भी चहल-पहल की आवाजें आती हैं, साथ ही महिलाओं के बात करने, उनकी पायलों की छन-छन की आवाज माहौल को डरावना बना देती हैं, जबकि यह गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है और सुनसान है।

kuldhara-village-jaisalmer-umbrella  हर मौसम में अनुकूल था कुलधरा

खंडहर में तब्दील हो चुके इस गांव का गहन अध्ययन करने वालों का कहा है कि रेगिस्तान में बसे इस गांव के निर्माण में पूरी वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल किया गया थ। झुलसा देने वाली भयंकर गर्मी में भी यहां के मकान ऐसे ठंडे रहते थे, जैसे एयरकंडीशनर चल रहा हो, साथ ही सर्दी के मौसम में इन घरों का तापमान सामान्य बना रहता था। गर्मी के मौसम में हवा दीवारों से टकराती हुई हर घर के भीतर होकर गुजरती थी। घरों के बीच फासले को कम करने के लिए झरोखों की मदद ली गई थी। ईंट-पत्थर से बने इस गांव की बनावट ऐसी थी कि यहां कभी गर्मी का अहसास नहीं होता था।

श्राप का असर है आज भी कायम

पालीवाल ब्राह्मणों के श्राप का असर यहां आज भी देखा जा सकता है। जैसलमेर के स्थानीय निवासियों की मानें तो कुछ परिवारों ने इस जगह पर बसने की कोशिश की थी, लेकिन अलौकिक शक्तियों के प्रकोप के कारण उलटे पांव उन्हें इस गांव से भागना पड़ा। जैसलमेर के स्थानीय निवासियों का तो यहां तक कहना है कि कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो कुलधरा गांव में बसने के लिए गए जरूर थे, लेकिन वे कभी लौटकर नहीं आए। उनका क्या हुआ, वे कहां गए, इस बारे में कोई नहीं जानता। नहीं लगते थे घरों दरवाजों पर ताले जैसलमेर के आसपास बसे लगभग 84 गांवों में से केवल कुलधरा गांव ही ऐसा था, जिसके घरों के दरवाजों पर कभी ताला नहीं लगाया जाता था। इस गांव की एक और यह खासियत थी कि इसके दो घरों के बीच काफी दूरी होती थी, लेकिन इसके बावजूद जैसे ही कोई इंसान गांव के मुख्य द्वार पर आता था उसके चलने की आवाज गांव के हर घर में सुनाई देती थी।

सोने की चाह में जगह-जगह हो चुकी है खुदाई

देश-विदेश से यहां लोग जहां पुरा महत्व की चीजों को समझने के लिए आते हैं, वहीं कई लोग यहां जमीन में दबे सोने की खोज में खाक छानते हैं।इतिहासकारों के अनुसार पालीवाल ब्राह्मणों ने अपनी संपत्ति, जिसमें भारी मात्रा में सोना-चांदी और हीरे-जवाहरात थे, उसे जमीन के अंदर दबा रखा था। यही कारण है कि जो कोई भी यहां आता है, वह जगह-जगह खुदाई करने लग जाता है। इस उम्मीद से कि शायद वह सोना उनके हाथ लग जाए। यह गांव आज भी जगह-जगह से खुदा हुआ मिलता है


पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कि कुलधरा में पड़ताल :-
मई 2013 मे दिल्ली से आई भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कुलधरा(Kuldhara) गांव में बिताई रात। टीम ने माना कि यहां कुछ न कुछ असामान्य जरूर है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि विजिट के दौरान रात में कई बार मैंने महसूस किया कि किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, जब मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था। पेरानॉर्मल सोसायटी के उपाध्यक्ष अंशुल शर्मा ने बताया था कि हमारे पास एक डिवाइस है जिसका नाम गोस्ट बॉक्स है। इसके माध्यम से हम ऐसी जगहों पर रहने वाली आत्माओं से सवाल पूछते हैं। कुलधरा में भी ऐसा ही किया जहां कुछ आवाजें आई तो कहीं असामान्य रूप से आत्माओं ने अपने नाम भी बताए। शनिवार चार मई की रात्रि में जो टीम कुलधरा गई थी उनकी गाडिय़ों पर बच्चों के हाथ के निशान मिले। टीम के सदस्य जब कुलधरा गांव में घूमकर वापस लौटे तो उनकी गाडिय़ों के कांच पर बच्चों के पंजे के निशान दिखाई दिए। (जैसा कि कुलधरा(Kuldhara) गई टीम के सदस्यों ने मीडिया को बताया )

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कुलधरा पालीवालों ब्राह्मणो का गांव था और एक दिन अचानक यहां फल-फूल रहे पालीवाल ब्राह्मण अपनी इस सरज़मीं को छोड़कर अन्‍यत्र चले गये । उसके बाद से कुलधरा पर कोई बस नहीं सका । कोशिशें बहुत हुईं पर नाकाम हो गयीं । कुलधरा के अवशेष आज भी विशेषज्ञों और पुरातत्‍वविदों के अध्‍ययन का केंद्र हैं । कई मायनों में पालीवालों ब्राह्मणो ने कुलधरा को वैज्ञानिक आधार पर विकसित किया था ।

कुलधरा जैसलमेर से लगभग अठारह किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है ।कहते हैं कि पालीवाल समुदाय के इस इलाक़े में चौरासी गांव थे और यह उनमें से एक था । मेहनती और रईस पालीवाल ब्राम्‍हणों की कुलधार शाखा ने सन 1291 में तकरीबन छह सौ घरों वाले इस गांव को बसाया था । पालीवाल नाम दरअसल इसलिए पड़ा क्‍योंकि वो राजस्‍थान के पाली इलाक़े के रहने वाले थे । पालीवाल ब्राम्‍हण होते हुए भी बहुत ही उद्यमी समुदाय था । अपनी बुद्धिमत्‍ता, अपने कौशल और अटूट परिश्रम के रहते पालीवालों ने धरती पर सोना उगाया था । हैरत की बात ये है कि पाली से कुलधरा आने के बाद पालीवालों ने रेगिस्‍तानी सरज़मीं के बीचोंबीच इस गांव को बसाते हुए खेती पर केंद्रित समाज की परिकल्‍पना की थी । रेगिस्‍तान में खेती । पालीवालों के समृद्धि का रहस्‍य था । जिप्‍सम की परत वाली ज़मीन को पहचानना और वहां पर बस जाना । पालीवाल अपनी वैज्ञानिक सोच, प्रयोगों और आधुनिकता की वजह से उस समय में भी इतनी तरक्‍की कर पाए थे ।
पालीवाल समुदाय आमतौर पर खेती और मवेशी पालने पर निर्भर रहता था । और बड़ी शान से जीता था । जिप्‍सम की परत बारिश के पानी को ज़मीन में अवशोषित होने से रोकती और इसी पानी से पालीवाल खेती करते । और ऐसी वैसी नहीं बल्कि जबर्दस्‍त फसल पैदा करते । पालीवालों के जल-प्रबंधन की इसी तकनीक ने थार रेगिस्‍तान को इंसानों और मवेशियों की आबादी या तादाद के हिसाब से दुनिया का सबसे सघन रेगिस्‍तान बनाया । पालीवालों ने ऐसी तकनीक विकसित की थी कि बारिश का पानी रेत में गुम नहीं होता था बल्कि एक खास गहराई पर जमा हो जाता था ।गांव के तमाम घर झरोखों के ज़रिए आपस में जुड़े थे इसलिए एक सिरे वाले घर से दूसरे सिरे तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सकती थी । घरों के भीतर पानी के कुंड, ताक और सीढि़यां कमाल के हैं । कहते हैं कि इस कोण में घर बनाए गये थे कि हवाएं सीधे घर के भीतर होकर गुज़रती थीं । कुलधरा के ये घर रेगिस्‍तान में भी वातानुकूलन का अहसास देते थे ।

ऐसा उन्नत और विकसित गांव एक दिन अचानक खाली कैसे हो गया ?

मिसालें तो बहुत मिलती हैं ,पर कुछ मिसालें याद की जाती हैं । क्योंकि वो अनोखी होती हैं । मिसाल सिर्फ एक शख्स की नही ,एक घर की नही , एक कुनबे की नही , एक गाँव की भी नही यह मिसाल है 84 गांवों के हजारों लोगों की है ।एक तरफ लड़की की इज्ज़त और दूसरी तरफ हज्जारों लोग ।गाँव के हज्जारो ब्राह्मणो के पास समय था तो सिर्फ एक रात का एक रात मे ही उनको यह तय करना था की या अपनी लड़की की इज्जत का सोदा कर लो या सजा के लिए तैयार रहो । सजा भी एसी की खुद सजा भी काँप जाए । परंतु उन ब्राह्मणो ने रातो-रात एक फैसला किया और पूरे 84 गाँव के हज्जारो ब्राह्मणो ने रातो-रात गाव खाली कर जो बलिदान दिया ऊस की मिसाल दूसरी कोई नही हो सकती । असली मे इस गांव को गाँव के दीवान सालम सिंह की नजर लग गई । सालम सिंह एक अय्याश दीवान था । वो था तो सिर्फ एक दीवान परंतु बड़ों का मुह लगा था । इस दीवान की नजर ब्राह्मणो की एक लड़की पर पड गई । वो इस तरह उतावला हुआ की सब भूल गया । और किसी भी तरह उसको पा लेना चाहता था । उसने ब्राह्मणो पर दबाव बनाना शुरू कर दिया नही मानने पर मनमाने कर लगा दिये इसके बाद भी बस न चलने पर उस लड़की के घर संदेशा भिजवा दिया की अगली पूर्णमासी तक या तो लड़की दे दो नही तो सुबह होते ही गाँव पर धावा बोल कर लड़की को उठा ले जाएगा । गाँव के ब्राह्मणो ने दिये गए समय पर ध्यान नही दिया ,ध्यान दिया तो दी गई धमकी पर । 84 गांवों के ब्राह्मणो ने मिलकर एक जगह बैठक की जंहा

माता का मंदिर था । सभी 84 गाँव वाले मंदिर के पास इकट्ठा हो गए । ब्राह्मणो की पंचायत मे एक आव3आज पर फैसला हुआ की कुछ भी हो जाए अपनी लड़की उस दीवान को नही देंगे । यह अत्याचार के खिलाफ न झुकने की जिद के साथ-साथ एक वर्ण संकर संतान के जन्म और एक एसी संतान जो कलंकित भी होती और उसके कलंकित भविष्य का विषय भी था । गाँव वालों ने रातों-रात 84 गाँव खाली कर दिये । और जाते-जाते दे गए एक श्राप की दोबारा इन घरों मे कोई बस नही पाएगा । वो गए तो लौट कर कभी नही आए ?

समय बीतने के साथ-साथ कई लोगों और सरकार ने भी इन गांवों को बसाने की कोशिश की परंतु कामयाब नही हो सके । जो भी उन घरो मे रहने की कोशिश करता बर्बाद हो जाता या एसी मुसीबत आती की किसी न किसी की जान लेकर ही जाती ।

सरकार की यह कोशिश तो असफल रही पर दूसरी कोशिश जरूर शुरू कर दी । इन तमाम गांवों की घेराबंदी कर दी और मुख्य द्वार पर एक चौकीदार को बैठा दिया । गाँव न तो कभी आबाद हुआ न ही कभी आबाद होगा , परंतु उजड़ने के बाद भी यह गाँव पर्यटकों की जेब से पैसे निकालकर सरकार की झोली जरूर भरता रहा । घर की बहू बेटी की इज्ज़त की खातिर इन पत्थर के घरो मे रहने वालों ने जो बलिदान दिया वो कोई दूसरा नही दे सकता । यह पत्थर बिखरा तो है परंतु टूटा अब भी नही है



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Gautam Budda Prerak Prasang

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 Gautam Budda Prerak Prasang
 
एक बार वैशाली के बाहर जाते धम्म प्रचार के लिए जाते हुए गौतम बुद्ध ने देखा कि कुछ सैनिक तेजी से भागती हुयी एक लड़की का पीछा कर रहे हैं। वह डरी हुई लड़की एक कुएं के पास जाकर खड़ी हो गई। वह हांफ रही थी और प्यासी भी थी। बुद्ध ने उस बालिका को अपने पास बुलाया और कहा कि वह उनके लिए कुएं से पानी निकाले, स्वयं भी पिए और उन्हें भी पिलाये। इतनी देर में सैनिक भी वहां पहुँच गये। बुद्ध ने उन सैनिकों को हाथ के संकेत से रुकने को कहा।

उनकी बात पर वह कन्या कुछ झेंपती हुई बोली ‘महाराज! मै एक अछूत कन्या हूँ। मेरे कुएं से पानी निकालने पर जल दूषित हो जायेगा।’

बुद्ध ने उस से फिर कहा ‘पुत्री, बहुत जोर की प्यास लगी है, पहले तुम पानी पिलाओ।’

इतने में वैशाली नरेश भी वहां आ पहुंचे। उन्हें बुद्ध को नमन किया और सोने के बर्तन में केवड़े और गुलाब का सुगन्धित पानी पानी पेश किया। बुद्ध ने उसे लेने से इंकार कर दिया। बुद्ध ने एक बार फिर बालिका से अपनी बात कही। इस बार बालिका ने साहस बटोरकर कुएं से पानी निकल कर स्वयं भी पिया और गौतम बुद्ध को भी पिलाया। पानी पीने के बाद बुद्ध ने बालिका से भय का कारण पूछा। कन्या ने बताया मुझे संयोग से राजा के दरबार में गाने का अवसर मिला था। राजा ने मेरा गीत सुन मुझे अपने गले की माला पुरस्कार में दी। लेकिन उन्हें किसी ने बताया कि मै अछूत कन्या हूँ। यह जानते ही उन्होंने अपने सिपाहियों को मुझे कैद खाने में डाल देने का आदेश दिया। मै किसी तरह उनसे बचकर यहाँ तक पहुंची थी।

इस पर बुद्ध ने कहा, सुनो राजन! यह कन्या अछूत नहीं है, आप अछूत हैं। जिस बालिका के मधुर कंठ से निकले गीत का आपने आनंद उठाया, उसे पुरस्कार दिया, वह अछूत हो ही नहीं सकती। गौतम बुद्ध के सामने वह राजा लज्जित ही हो सकते थे


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स्वस्तिक , पिरामिड और पुनर्जन्म के रहस्य (Mystery of the Swastika, Pyramids and Reincarnation)

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स्वस्तिक , पिरामिड और पुनर्जन्म के रहस्य (Mystery of the Swastika, Pyramids and Reincarnation)


स्वस्तिक पूरी विश्व में प्रसिद्ध हुआ जब हिटलर ने इसे अपने झंडे पर nazi की निशानी के रूप में रखा |
इसके साथ ही स्वस्तिक को आर्य सभ्यता से जोड़ा जाने लगा और तब खोज शुरू हुई की स्वस्तिक की उपत्ति आखिर कहा हुई |
कुछ वर्ष पहले सबसे प्राचीनतम स्वस्तिक के साबुत यूरोप में विंका सभ्यता में मिले पर हाल ही में दक्षिण भारत की गुफाओ में विंका से भी पुराने साबुत मिले है जो साबित करती है की स्वस्तिक की उपत्ति भारत में हुई |

स्वस्तिक पर लेख ज्यादातर भारत मे ही मिले है ,बोद्ध धर्म के चीन और जापान में फैलने के बाद वहा भी स्वस्तिक के बारे में लिखा गया पर विदेशो में स्वस्तिक ज्यादातर केवल एक आकार भर था जिसे वे सजावट आदि के लिए इस्तेमाल करते |
स्वस्तिक को अपने देश का और इसे आर्य प्रतिक घोषित करने के लिए कई कहानियाँ बने जा रही है जैसे
यूनान या ग्रीस के लोग इन्टरनेट पर यह गलत्फैमी फैला रहे है की स्वस्तिक ज़ीउस (zeus) का प्रतिक है जबकि प्राचीन यूनान में स्वस्तिक पर कोई ऐसा लेख नहीं |
कुछ लोग कह रहे है की स्वस्तिक की उपत्ति बल्गेरिया में हुई थी
कुछ से द्रविड़ो का प्रतिक बता रहे है |
स्वस्तिक केवल आर्य प्रतिक है और आप इसके कई प्रकार अर्यो के सभ्यताओ में देख सकते है |



युगों  का चक्कर दर्शाता स्वस्तिक




स्वस्तिक युगों का चक्कर भी समझाता है |
चलिए मानले की जहा सत्य युग है वाही से शुरुआत है तो उस जगह को no. 1 दे और यदि स्वस्तिक को घुमाये तो no. 1 की जगह पर त्रेता युग आयेंगा ,इसिकादर आखिर में कलयुग और फिर विनाश ,तब फिर से ब्रह्माण्ड की उपत्ति होगी और फिर सत्य युग आयेंगा |



स्वस्तिक एक सुन्दर प्रतिक है जो नाही आर्य या किसी जाती का प्रतिक है बल्कि यह तो पुनर्जन्म और ब्रह्माण्ड के जन्म और विनाश के चक्र को दर्शाता है साथ ही यह शुभ शुरुआत का भी प्रतिक है |
निचे कुछ आर्य सभ्यताए और अर्यो के विविध धर्मो में आप स्वस्तिक पाएंगे |
स्वस्तिक के अर्थ अलग अलग सभ्यता अनुसार

Celt



प्राचीन यूरोप में Celt नामक एक सभ्यता थी जो जर्मनी से इंग्लैंड तक फैली थी |उप्पर का चित्र असल में celt लोगो का स्वस्तिक है जोकि सूर्य देव का प्रतिक था |यह यूरोप के चारो मौसमो को भी दर्शाता था ,बाद में यह चक्र या स्वस्तिक ईसायत ने अपनाया और इसके बिच में येसु को लगा दिया जिससे लगता की येसु को सूली पर धिकने की प्रथा ऐसे ही शुरू हुई या सूली यही से ही ली गयी थी



Christinity (

अब्रहमी धर्म वो धर्म होते है जिनमे अह्ब्रहम पैगम्बर के एक इश्वर को पूजा जाता है ,इसमें ईसायत,इस्लाम आदि धर्म आते है ,इनमे पुनर्जन्म को नहीं माना जाता पर ईसायत और कुछ अन्य अब्राह्मी धर्म पुनर्जन्म को मान्यता देते है |
अगर सबसे प्राचीन बाइबिल पड़े तो यह सामने आता है की येसु तिन दिन बाद जिन्दा होकर वापस नहीं आता और उसे सूली के साथ बताने की प्रथा बाद में आई |
मेरा मानना है की स्वस्तिक पुनर्जन्म दर्शाता है और इसीलिए येसु को स्वस्तिक या सूली के साथ दिखाया जाता है जिसका अर्थ है की येसु वापस लौटेंगे
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मिस्र और अमेरिका
मिस्र के पिरामिड


अमेरिका के पिरामिड
मिस्र और अमेरिका में स्वस्तिक का काफी प्रभुत्व रहा ,इन दोनों जगह के लोगो ने पिरामिड क्यों बनाये ये कोई नहीं जनता पर यह बात पता है की मिस्र और अमेरिका के लोग पिरामिड को पुनर्जन्म  से जोड़कर देखा करते थे |



प्राचीन मिस्र में ओसिरिस को पुनर्जन्म का देवता माना जाता था और हमेशा उसे चार हाथ वाले तारे के रूप में बताते साथ ही पिरामिड को सूली लिखकर दर्शाते


यह video देख आप समझ जायेंगे की पिरामिड असल में स्वस्तिक ही है

विडियो में आप पाएंगे की अगर आप स्वस्तिक के चारो हाथ जोड़ दे तो यह पिरामिड बनायेंग ,काफी चतुराई से मिस्र और अमेरिका के लोगो ने इसका उपयोग किया है |
आप ही सोचिये अगर पिरामिड स्वस्तिक नहीं होता तो मिस्र के लोग पिरामिड के लिए सूली या क्रॉस क्यों उपयोग करते ?

हिन्दू धर्म
मध्य से हर तरफ फैलती ब्रह्माण्ड की उर्जा















हिंदुत्व ,जैन और बोद्ध धर्म ये तीनो ही धार्मिक धर्मो में गिने जाते है और तीनो में स्वस्तिक महत्वपूर्ण है |
स्वस्तिक एक साथ कई बातें दर्शाता है हिंदुत्व में |
यह Celt सभ्यता की तरह ही सूर्य और चार मौसम दर्शाता है |
अगर गौर करे तो यह इस ब्रह्माण्ड के फैलाव को भी दर्शाता है साथ ही ब्रह्माण्ड के जन्म को जो की शुभ है |

We are collecting more info on Swastik.
As the whole world filled with this AMAZING SIGN.


Information Sabhaar : http://prachinsabyata.blogspot.in/2013/06/mystery-of-swastika-pyramids-and.html



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