Labels

Monday, December 12, 2016

खबर से फैली सनसनी! नई नोटों में चिप नहीं बल्कि रेडियो एक्टिव इंक का किया गया इस्तेमाल, नोट बता रहे खुद ही अपना पता

खबर से फैली सनसनी!

नई नोटों में चिप नहीं बल्कि रेडियो एक्टिव इंक का किया गया इस्तेमाल, नोट बता रहे खुद ही अपना पता।



12 December 2016

दिल्ली : देश के हर हिस्से मे रोजाना करोड़ों रूपये की नई करेंसी की बरामदगी हो रही। खबर है इतनी बड़ी संख्या मे नोटो की बरामदगी मे IT विभाग की सफलता का कारण नोट में कोई चिप नहीं बल्कि रेडियो एक्टिव इंक बताया जा रहा है. बता दे कई देशो में रेडियोएक्टिव स्याही का प्रयोग इंडिकेटर के रूप में किया जाता है. जिससे किसी भी चीज़ को ढूंढने में आसानी होती है। हांलाकि किसी भी सरकारी ऐजेन्सी ने इस बात की पुष्टि नही की है.







नोट बता रहे अपने लोकेशन

दरअसल, लोग नए नोटों को भी वहीं छिपा कर रख रहे हैं जहां वो पहले रखते थे। एक ही जगह पर ज़्यादा मात्रा में पैसे को रखने के कारण यह आईटी विभाग के लिए क़ारग़र साबित हो रहा हैं। 500 और 2000 की नई करेंसी में इस इंक का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि क्षयांक यानि टी हाफ के कारण उसकी सक्रियता एक समय के बाद कम हो जायेगी। जिसके कारण आने वाले वक़्त में नई करेंसी भी बंद हो जाएगी। यह इंक इंडिकेटर के रूप में काम में लिया जा रहा है जिसके कारण अब नोट खुद ही अपना पता बता रहे हैं।


रेडियो एक्टिव का इस्तेमाल

P32 फास्फोरस का रेडियोएक्टिव व आइसोटोप है। जिसके नाभिक में 15 प्रोटीन और 17 न्यूट्रोन होते हैं जिसे रेडियो एक्टिव स्याही में बेहद कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है। यह रेडियोएक्टिव वार्निंग टेप की तरह प्रयोग होता है जिससे एक ही जगह पर मौजूद लिमिट से अधिक होने पर इंडिकेटर के तौर पर नोटों की मौजूदगी को यह सूचित करता है। इसी के चलते भारी मात्रा में इस पदार्थ वाली नगदी का संग्रह करते वह आईटी के रडार में आ रहे हैं।



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

No comments:

Post a Comment