कैंसर कारक 'अखबार'....
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इसलिये अखबार में कभी लपेटना नहीं चाहिये खाना - स्कूल या दफ्तर के लिये खाना बनाते समय कई बार अचानक एलुमीनियम फॉइल खत्म हो जाती है, तो ऐसे में महिलाएं अक्सर बच्चों और बड़ों का खाना अखबार में लपेटकर उन्हें दे देती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा करना सेहत के लिये कितना खतरनाक है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामक की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप अख़बार में खाना लपेटते हैं तो ये खाना आपके शरीर में कैंसर का ख़तरा बढ़ा सकता है। एफएसएसएआई ने एक एडवाइज़री में कहा है कि अखबार में खाना लपेटने से खाना ज़हरीला हो जाता है और उसमें कैंसर जैसे रोग के तत्व पहुंच जाते हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक अखबार को छापने में जो शाही इस्तेमाल की जाती है उसमे कुछ बायोएक्टिव पदार्थ होते हैं यानि जब वो किसी जीवित प्राणी के संपर्क में आते हैं तो एक्टिव हो जाते हैं। इसके अलावा भी इंक में कुछ ऐसा एडिटिव पिग्मेंट्स और हार्मफुल कलर्स होते हैं जो इन्सानी सेहत के लिए हानिकारक पाए गए है।
इसलिए एफएसएसएआई का कहना है कि छोटे होटल्स, रेस्तरां और ढ़ाबे आदि में खाना लपेटने के लिए अखबार के प्रयोग को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए, क्योंकि इससे लोग धीरे-धीरे कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार होने लगते हैं और ऐसे में उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिनके अंगों में किसी न तरह किसी तरह की कमी है या फिर बुजुर्ग व्यक्तियों को इससे ज्यादा खतरा रहता है।
यानि कि अगर आप काफी लंबे समय से अख़बार में लिपटा हुआ खाना खा रहे हैं तो आपके अंदर कैंसर के तत्व पहुंचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए अख़बार के अलावा या तो आप एलुमीनियम फॉइल का प्रयोग कर सकते हैं या फिर किसी साफ कॉटन के कपड़े का प्रयोग भी कर सकते है। लेकिन कपड़े का प्रयोग करने से पहले उसकी सफाई भी सुनिश्चित कर लें।
जानकारी जनहित में प्रेषित की गई है
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