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Sunday, August 28, 2011

सॉरी की स्पैलिंग गलत थी क्या.. (लड़्के-लड़्कियों के चुटकले)

सॉरी की स्पैलिंग गलत थी क्या.. (लड़्के-लड़्कियों के चुटकले)

बुढ्डा एक लड़की से टकराया
बुढ्डा- सॉरी..
लड़की- स्टुपिड
तभी एक लड़का उस से टकराया..
लड़का- सॉरी
लड़की- इट्स ओ के..
बुढ्डा- मेरी सॉरी की स्पैलिंग गलत थी क्या..
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कान के नीचे बजाऊं क्या?
एक लड़का अचानक लड़की को देख के बोला- लफ्ज तेरे गीत मेरे! गजल कोई सुनाऊं क्या?
लड़कीहाथ मेरे गाल तेरे! कान के नीचे बजाऊं क्या?
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प्रेमिका (प्रेमी से)- वो देखो वो लड़का उस लड़की को कितना प्यार कर रहा है, तुम क्यों नहीं करते?
प्रेमी (प्रेमिका से)- मैं लड़की को जानता ही नहीं फिर कैसे प्यार करूं?
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बीवी का नाम था!एक बार संता गाना गा रहा था आज मैं ऊपर आसमा नीचे!
उसके पास एक आदमी बैठा था उसने संता को बहुत मारा बताओ क्यों?
 क्योंकि आसमा उसकी बीवी का नाम था!

बन्दर को सँभालता हूँ

बन्दर को सँभालता हूँ


एक स्त्री अपने बच्चे के साथ बस पर चढ़ती है। बस ड्राईवर उन्हें देखता है और कहता है, “छि: मैंने आजतक इतना घिनौना बच्चा नहीं देखा!”
गुस्से से भरी स्त्री भाड़ा देकर बस की पिछली सीट पर बैठ जाती है। एक व्यक्ति उसके पास बैठा होता है, जो उसे काफी गुस्से में पाता है, वह उससे पूछता है कि क्या बात है।
बस के ड्राईवर ने मुझे अपमानित किया! वह फुँफकारती हुई कहती है।
यह तो सरासर ग़लत बात है! व्यक्ति कहता है। वह तो जनता का नौकर है और वह इस तरह से किसी सवारी से गलत बात नहीं कह सकता है।
आप सही कह रहे हैं! स्त्री कहती है। मैं अभी जाकर उसे सबक सिखा कर आती हूँ!

शादी करना चाहता है

शादी करना चाहता है

पति (पत्नी से)- मैंने आज रात को एक दोस्त को खाने पर बुलाया है।
पत्नी (गुस्से में)- तुम्हें हो क्या गया है, घर कैसे फैला हुआ है, मैं शॉपिंग के लिए भी नहीं गई, बर्तन भी गंदे पड़े हैं और खाना भी आज अच्छा नहीं बनने वाला।
पति – मुझे पता है।

जवाब तो किसको दिया था

जवाब किसको दिया था!

एक उम्रदराज विधवा और विधुर में पिछले पांच वर्षो से बड़ी गहरी दोस्ती थी। पुरुष ने आखिरकार महिला के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया। महिला ने फौरन हां कह दिया।

अगली सुबह जब वह जागा तो उसे ठीक से याद नही आया कि मेरे शादी के प्रस्ताव के बारे में महिला ने क्या जवाब दिया था। हां या ना।

मेड इन इंडिया

मेड इन इंडिया

एक जापानी पर्यटक भारत की सैर पर आया। एयरपोर्ट से होटल तक जाने के लिए उसने टैक्सी किराए पर ली।

रास्ते में यात्रा के दौरान एक होण्डा बगल से गुजर गई। जापानी ने उत्तेजित होकर खिड़की से सिर निकाला और चिल्लाया, होण्डा, वेरी फास्ट! मेड इन जापान!

कुछ देर बाद एक टोयटा तेजी से टैक्सी के पास से गुजरी, जापानी फिर बाहर झुका और चिल्लाया, टोयटा, वेरी फास्ट! मेड इन जापान!

टैक्सी चालक थोड़ा गुस्से में आ गया, मगर वह चुप रहा। इस तरह कई कारें गुजरती रहीं।

Saturday, August 27, 2011

What a Creation of God - Good Humous / Joke / Entertainment/चुटकुला

What a Creation of God ( Good Humous / Joke ) वाह ऊपरवाले क्या लीला है तेरी|
 ( चुटकुला )

वाह ऊपरवाले क्या लीला है तेरी|
चूहा बिल्ली से डरता है,
बिल्ली कुत्ते से डरती है,
कुत्ता आदमी से डरता है,
आदमी बिवी से डरता है,
बिवी चूहे से डरती है|
ज़िन्दगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है जहांपनाह, जिसे आप बदल सकते हैं मैं| हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियाँ हैं, जिसकी डोर ऊपरवाले के हाथ बन्धी है| कब कौन कैसे उठेगा ये कोई नहीं जानता|

Who is SHE -
एक सज्जन अपनी पत्नी के साथ होटल में जाते हैं| जैसे ही अन्दर घुस रहे हैं एक महिला मिलती है और वह सज्जन को नमस्कार करती है|
पत्नि - बोलो, वह कौन थी?
पति - जरा चुप भी रहो| मैं वैसे ही परेशान हूँ, समझ में नहीं आता जब वो भी यही सवाल पूछेगी तो क्या जवाब दूँगा|
एक मन्दिर में बूरी नीयत वाले गायब हो जाते थे| अमिताभ गया वह गायब, हृत्तिक गया वह गायब, अक्षय गया वह गायब, ऐश्वर्या गई भगवान गायब|
जानी वो प्यार ही क्या जिसमें जुदाई हो,
वो इश्क ही क्या जिसमें लड़ाई हो,
वो दिल ही क्या जिसमें दर्द हो,
और वो मोबाइल ही क्या जिसमें आप का SMS हो!
पानी में व्हिस्की मिला दो तो नशा चढ़ता है|
पानी में रम मिला दो तो नशा चढ़ता है|
पानी में ब्राण्डी मिला दो तो नशा चढ़ता है|
साली पानी में ही कुछ गडबड है|
दो गधे बात कर रहे थे|
पहला गधा: मेरा मालिक मुझे बहुत मारता है|
दूसरा गधा: तो फिर भाग क्यों नहीं जाते?
पहला गधा: प्रेज़ेन्ट तो खराब है पर लगता है भविष्य बहुत उज्ज्वल है|
दूसरा गधा: कैसे?
पहला गधा: मालिक की लड़की जब भी कोई बदमाशी करती है तो मालिक कहता है - ज़्यादा बदमाशी करी तो गधे से तेरी शादी करवा दूँगा
भोला - इतने कम मार्क्स| दो थप्पड लगाने चाहिए|
पप्पू - हाँ पप्पा, चलो मैंने उस साले मास्टर का घर भी देखा है|
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टीचर - बच्चों बताओ, उसको क्या कहते हैं जो लोग सुनना बन्द कर दें, फिर भी बोलता रहता है?
पप्पू - टीचर

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फूलों से खूबसूरत कोई नहीं|
सागर से गहरा कोई नहीं|
अब आपकी क्या तारीफ करूँ?
दोस्त आप जैसा ...
नालयक कोई नहीं|
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बरेलीवाले एक सज्जन जयपुर से आगरा जा रहे थे| उन्होंने सोचा टिकिट-विकिट की कौन चिन्ता करे, सीधे जा बैठे डब्बे में|
सज्जन कुछ बातूनी थे, लगे सुनाने चुटकुले|
वे बोले, अनूपशहरवाले लोग कुछ अजीब ही होते हैं| अभी जब मैं जयपुर जा रहा था तो ट्रेन में एक अनूपशरवाले मिल गये| मैंने पूछा अनूपशहर कहाँ है तो जवाब दिया बुलन्दशहर के पास| मैंने पूछ बुलन्दशहर कहाँ है तो बोले अनूपशहर के पास| सज्जन अपने ही चुटकले पर खुद जोर से हँस दिये|
कुछ देर बाद बोले - ट्रेन में दो अनूपशहर वाले शतरंज खेल रहे थे - और लगे हँसने, उन सज्जन को अपना यह भी चुटकुला बहुत पसन्द आया|
वो अभी अपने चुटकले का आनन्द ले ही रहे थे कि उनकी बदकिस्मत से एक टीटी आता दिखा| सज्जन घबरा उठे| साथवाले मुसफिरों ने देखा तो पूछा क्या बात है आप घबरा क्यों गये| सज्जन बोले टिकिट नहीं है और टीटी साहब आरहे हैं| मुसाफिरों ने समझाया चिन्ता ना करें, पूछे तो कह देना कि मैं एक बडा नेता हूँ, सब ठीक हो जावेगा|


टीटी - टिकिट लाओ|
सज्जन - टिकिट किससे माँगते हो? पता है मैं कौन हूँ?
टीटी - सब पता है| हम बरेलीवालों को मूर्ख बनाना इतना आसन नहीं है| चलो टिकिट निकालो|
सज्जन - मैं देश का एक बहुत बडा नेता हूँ|
 
टीटी - इस ट्रेन में तो सुसरे रोज़ नेता आते हैं| अगर नेताओं को टिकिट बिगर सफर करने दें तो रेलवे का दिवाला निकल जायेगा| चलो टिकिट निकालो|
सज्जन - समझ के बात करो, मैं इन्दिरा गाँधी हूँ|


इतना सुनते ही टीटी सब कुछ रख हाथ जोड कर खडा हो गया और बोला - आज तक आपका नाम ही सुना था आज दर्शन भी हो गये|
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कभी किसी को मुक़म्मल जहां नहीं मिलता ....
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता|
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तेरे जहां में ऐसा नहीं कि प्यार हो,
जहां उम्मीद हो इसकी वहां नहीं मिलता|
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किसी के एक आँसू पर हज़ारों दिल तडपते हैं|
किसी का उमर भर रोना यूँ ही बेकार जाता है|
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उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो|
जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये|
बशीर बद्र
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मुझे दर्द--इश्क़ का मज़ा मालूम है,
दर्द--दिल की इन्तेहा मालूम है,
ज़िन्दगी भर मुस्कुराने की दुआ ना देना,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है...|
जज़बातों का समन्दर रोके नहीं रुकता...
सम्भालने से दिल हमारा भी नहीं सम्भलता|
आती नहीं हमें शायरी... मगर गालिब,
जज़बातों पे ज़ोर किसी का नहीं चलता|
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दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई,
लेकिन तमाम उम्र का आराम हो गया|
तमाम उम्र तेरा इन्तज़ार कर लेंगे,
मगर ये रंज़ रहेगा कि ज़िन्दगी कम है|
आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम,
जाते रहे हम जां से आते ही रहे तुम|
हम बैठे रहे तैयार इन्तज़ार में उनके कबसे,
वो आये, और चले गये, हम राह देखते ही रह गये|
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