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Sunday, August 28, 2011

बन्दर को सँभालता हूँ

बन्दर को सँभालता हूँ


एक स्त्री अपने बच्चे के साथ बस पर चढ़ती है। बस ड्राईवर उन्हें देखता है और कहता है, “छि: मैंने आजतक इतना घिनौना बच्चा नहीं देखा!”
गुस्से से भरी स्त्री भाड़ा देकर बस की पिछली सीट पर बैठ जाती है। एक व्यक्ति उसके पास बैठा होता है, जो उसे काफी गुस्से में पाता है, वह उससे पूछता है कि क्या बात है।
बस के ड्राईवर ने मुझे अपमानित किया! वह फुँफकारती हुई कहती है।
यह तो सरासर ग़लत बात है! व्यक्ति कहता है। वह तो जनता का नौकर है और वह इस तरह से किसी सवारी से गलत बात नहीं कह सकता है।
आप सही कह रहे हैं! स्त्री कहती है। मैं अभी जाकर उसे सबक सिखा कर आती हूँ!
“ये सही रहेगा,” आदमी कहता है। “तबतक मैं आपके इस बन्दर को सँभालता हूँ।”

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