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Saturday, May 25, 2013

कहाँ हैं भगवान ?


कहाँ हैं भगवान ?

एक  आदमी हमेशा  की  तरह  अपने   नाई  की  दूकान  पर  बाल  कटवाने  गया .   बाल  कटाते  वक़्त  अक्सर  देश-दुनिया   की  बातें  हुआ करती थीं  ….आज  भी  वे  सिनेमा , राजनीति ,  और  खेल जगत ,  इत्यादि  के  बारे  में  बात  कर  रहे  थे  कि  अचानक   भगवान्  के  अस्तित्व  को  लेकर  बात  होने  लगी .

नाई  ने  कहा , “ देखिये भैया ,  आपकी  तरह  मैं  भगवान्  के  अस्तित्व  में  यकीन  नहीं  रखता .”

“ तुम  ऐसा  क्यों  कहते  हो ?”, आदमी  ने  पूछा .

“अरे , ये  समझना  बहुत  आसान  है , बस  गली  में  जाइए  और  आप  समझ  जायेंगे  कि  भगवान्   नहीं  है . आप  ही  बताइए  कि  अगर भगवान्  होते  तो  क्या  इतने  लोग  बीमार  होते ?इतने  बच्चे  अनाथ  होते ? अगर  भगवान्  होते  तो  किसी  को  कोई  दर्द  कोई  तकलीफ  नहीं  होती ”, नाई  ने  बोलना  जारी  रखा , “ मैं  ऐसे  भगवान  के  बारे  में  नहीं  सोच  सकता  जो  इन  सब  चीजों  को  होने  दे . आप ही बताइए कहाँ है भगवान ?”

आदमी  एक  क्षण  के  लिए  रुका  , कुछ  सोचा , पर  बहस  बढे  ना  इसलिए  चुप  ही  रहा .

नाई  ने  अपना  काम  ख़तम  किया  और  आदमी  कुछ सोचते हुए  दुकान  से  बाहर  निकला और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया. . कुछ देर इंतज़ार करने के बाद उसे  एक  लम्बी  दाढ़ी – मूछ  वाला  अधेड़  व्यक्ति  उस तरफ आता दिखाई  पड़ा , उसे  देखकर  लगता  था  मानो  वो  कितने  दिनों  से  नहाया-धोया ना   हो .

आदमी  तुरंत  नाई  कि  दुकान  में  वापस  घुस  गया  और  बोला , “ जानते  हो इस दुनिया में नाई नहीं होते !”

“भला  कैसे  नहीं  होते  हैं ?” , नाई  ने  सवाल  किया , “ मैं  साक्षात  तुम्हारे  सामने  हूँ!! ”

“नहीं ” आदमी  ने  कहा , “ वो  नहीं  होते  हैं  वरना  किसी  की  भी  लम्बी  दाढ़ी – मूछ  नहीं  होती  पर  वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूछ है !!”

“ अरे नहीं भाईसाहब नाई होते हैं लेकिन  बहुत से लोग  हमारे  पास  नहीं  आते .” नाई   बोला

“बिलकुल  सही ” आदमी  ने  नाई  को  रोकते  हुए  कहा ,”  यही  तो  बात  है , भगवान भी  होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास करते हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दुःख-दर्द है.”




राजा की सोच


राजा की सोच 

एक राजा था। वह बेहद न्यायप्रिय, दयालु और विनम्र था। उसके तीन बेटे थे। जब राजा बूढ़ा हुआ तो उसने किसी एक बेटे को राजगद्दी सौंपने का निर्णय किया। इसके लिए उसने तीनों की परीक्षा लेनी चाही। उसने तीनों राजकुमारों को अपने पास बुलाया और कहा, ‘मैं आप तीनों को एक छोटा सा काम सौंप रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि आप सभी इस काम को अपने सर्वश्रेष्ठ तरीके से करने की कोशिश करेंगे।’

राजा के कहने पर राजकुमारों ने हाथ जोड़कर कहा, ‘पिताजी, आप आदेश दीजिए। हम अपनी ओर से कार्य को सर्वश्रेष्ठ तरीके से करने का भरपूर प्रयास करेंगे।’ राजा ने प्रसन्न होकर उन तीनों को कुछ स्वर्ण मुद्राएं दीं और कहा कि इन मुद्राओं से कोई ऐसी चीज खरीद कर लाओ जिससे कि पूरा कमरा भर जाए और वह वस्तु काम में आने वाली भी हो। यह सुनकर तीनों राजकुमार स्वर्ण मुद्राएं लेकर अलग-अलग दिशाओं में चल पड़े। बड़ा राजकुमार बड़ी देर तक माथापच्ची करता रहा। उसने सोचा कि इसके लिए रूई उपयुक्त रहेगी। उसने उन स्वर्ण मुद्राओं से काफी सारी रूई खरीद कर कमरे में भर दी और सोचा कि इससे कमरा भी भर गया और रूई बाद में रजाई भरने के काम आ जाएगी। मंझले राजकुमार ने ढेर सारी घास से कमरा भर दिया। उसे लगा कि बाद में घास गाय व घोड़ों के खाने के काम आ जाएगी। उधर छोटे राजकुमार ने तीन दीये खरीदे। पहला दीया उसने कमरे में जलाकर रख दिया। इससे पूरे कमरे में रोशनी भर गई। दूसरा दीया उसने अंधेरे चौराहे पर रख दिया जिससे वहां भी रोशनी हो गई और तीसरा दीया उसने अंधेरी चौखट पर रख दिया जिससे वह हिस्सा भी जगमगा उठा। बची हुई स्वर्ण मुद्राओं से उसने गरीबों को भोजन करा दिया। राजा ने तीनों राजकुमारों की वस्तुओं का निरीक्षण किया। अंत में छोटे राजकुमार के सूझबूझ भरे निर्णय को देखकर वह बेहद प्रभावित हुआ और उसे ही राजगद्दी सौंप दी



Avoid Facebook to use it Long Hours else U r addict of Facebook

Avoid Facebook to use it Long Hours else U r addict of Facebook

Facebook Addict Log Kaise Hote Hain -


अगर  आप  सोच  रहे  हैं  कि  कहीं  मैं  addict/ फेस बुक लती  तो  नहीं  हूँ  तो  इन  लक्षण को  देखिये  , अगर  ये  आपमें  हैं  तो  आप  addict/फेस बुक लती हो  सकते  हैं :


  • आप का दिमाग अकसर इसी बात में लगा रहता है कि आपकी पोस्ट की गयी चीजों पर क्या कमेंट आया होगा, कितने लोगों ने लाइक किया होगा.
  • आप बिना मतलब बार-बार फेसबुक स्क्रीन रिफ्रेश करते हैं कि कुछ नया दिख जाए.
  • अगर थोड़ी देर आपका internet नहीं चला तो आप updates चेक करने  साइबर कैफे  चले  जाते हैं या दोस्त को फ़ोन करके पूछते हैं.
  • आप टॉयलेट में भी मोबाइल या लैपटॉप लेकर जाते हैं कि Fb use कर सकें
  • आप सोने जाने से पहले सभी को Good Night  करते हैं और सुबह उठ कर सबसे पहले ये देखते हैं की आपकी गुड नाईट पर क्या reactions आये.
  • आपके फेस बुक मित्रों की संख्या क्या है , लोकप्रियता कम तो नहीं हो रही 





Motivational Hindi Stories : Swami Vivekanad

Motivational Hindi Stories : Swami Vivekanad



लक्ष्य पर ध्यान लगाओ

स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे . एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने पुल पर खड़े  कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा . किसी भी लड़के का एक भी निशाना सही नहीं लग रहा था . तब उन्होंने ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे . उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा ….. फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 12 निशाने लगाये और सभी बिलकुल सटीक लगे . ये देख लड़के दंग रह गए और उनसे पुछा , ” भला आप ये कैसे कर लेते हैं ?”
स्वामी जी बोले , “तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उसी एक काम में लगाओ. अगर तुम निशाना लगा रहे हो तो तम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए. तब तुम कभी चूकोगे नहीं . अगर तुम अपना पाठ पढ़ रहे हो तो सिर्फ पाठ के बारे में सोचो . मेरे देश में बच्चों को ये करना सिखाया जाता है. ”
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डर का सामना 

एक बार बनारस में स्वामी जी दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे की तभी वहां मौजूद  बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया. वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे . स्वामी जी भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे, पर बन्दर तो मानो पीछे ही पड़ गए, और वे उन्हें दौडाने लगे. पास खड़ा एक वृद्ध सन्यासी ये सब देख रहा था , उसने स्वामी जी को रोका और बोला , ” रुको ! उनका सामना करो !”
स्वामी जी तुरन्त पलटे  और बंदरों के तरफ बढ़ने लगे , ऐसा करते ही सभी बन्दर भाग गए . इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा भी – ” यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो उससे भागो मत , पलटो और सामना करो.”
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सच बोलने की हिम्मत

स्वामी विवेकानंदा प्रारंभ से ही एक मेधावी छात्र थे और सभी उनके व्यक्तित्व और वाणी से प्रभावित  रहते थे. जब वो साथी छात्रों से कुछ बताते तो सब मंत्रमुग्ध हो उन्हें सुनते. एक दिन इंटरवल के दौरान वो कक्षा में कुछ मित्रों को कहानी सुना रहे थे , सभी उनकी बातें सुनने में इतने मग्न थे की उन्हें पता ही नहीं चला की कब मास्टर जी कक्षा में आये और पढ़ाना शुरू कर दिया.
मास्टर जी ने अभी पढ़ना शुरू ही किया था कि उन्हें कुछ फुसफुसाहट सुनाई दी.
” कौन बात कर रहा है ?” उन्होंने तेज आवाज़ में पूछा . सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों किई तरफ इशारा कर दिया.
मास्टर जी  तुरंत क्रोधित हो गए, उन्होंने तुरंत उन छात्रों को बुलाया और  पाठ से संबधित एक प्रश्न पूछने लगे. जब कोई भी उत्तर न दे सका ,तब अंत में मास्टर जी ने  स्वामी जी से भी वही प्रश्न किया . पर स्वामी जी तो मानो सब कुछ पहले से ही जानते हों , उन्होंने आसानी से उत्तर दे दिया.
यह देख उन्हें यकीन हो गया कि स्वामी जी पाठ पर ध्यान दे रहे थे और बाकी छात्र बात-चीत में लगे हुए थे. फिर क्या था उन्होंने स्वामी जी को छोड़ सभी को बेंच पर खड़े होने की सजा दे दी . सभी छात्र एक -एक कर बेच पर खड़े होने लगे, स्वामी जे ने भी यही किया.
तब मास्टर जी बोले, ” नरेन्द्र (स्वामी विवेकानंद )) तुम बैठ जाओ.”
” नहीं सर , मुझे भी खड़ा होना होगा क्योंकि वो मैं ही था जो इन छात्रों से बात कर रहा था.”,स्वामी जी ने आग्रह किया.
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स्वामी विवेकानंद :प्रेरक प्रसंग


एक बार बनारस में स्वामी जी दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे की तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया. वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे . स्वामी जी भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे, पर बन्दर तो मानो पीछे ही पड़ गए, और वे उन्हें दौडाने लगे. पास खड़ा एक वृद्ध सन्यासी ये सब देख रहा था , उसने स्वामी जी को रोका और बोला , ” रुको ! उनका सामना करो !”

स्वामी जी तुरन्त पलटे और बंदरों के तरफ बढ़ने लगे , ऐसा करते ही सभी बन्दर भाग गए . इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा भी – ” यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो उससे भागो मत , पलटो और सामना करो.”



Must Read Story : पचास का नोट / Fifty Rupee Note


Must Read Story : पचास का नोट / Fifty Rupee Note

एक  व्यक्ति  office में देर  रात तक काम  करने  के  बाद  थका -हारा घर  पहुंचा  . दरवाजा  खोलते  ही  उसने  देखा  कि  उसका  पांच  वर्षीय  बेटा  सोने  की  बजाये  उसका  इंतज़ार  कर  रहा  है .
अन्दर  घुसते  ही  बेटे  ने  पूछा —“ पापा  , क्या  मैं  आपसे  एक  question पूछ  सकता  हूँ ?”
“ हाँ -हाँ  पूछो , क्या  पूछना  है ?” पिता  ने  कहा .

बेटा - “ पापा , आप  एक  घंटे  में  कितना  कमा लेते  हैं ?”

“ इससे  तुम्हारा  क्या  लेना  देना …तुम  ऐसे  बेकार  के  सवाल  क्यों  कर  रहे  हो ?” पिता  ने  झुंझलाते  हुए  उत्तर  दिया .


बेटा - “ मैं  बस  यूँही जानना  चाहता  हूँ . Please  बताइए  कि  आप  एक  घंटे   में  कितना  कमाते  हैं ?”

पिता  ने  गुस्से  से  उसकी  तरफ  देखते  हुए  कहा , “ 100 रुपये  .”

“अच्छा ”, बेटे  ने  मासूमियत   से   सर  झुकाते   हुए  कहा -, “  पापा  क्या  आप  मुझे  50 रूपये  उधार  दे  सकते  हैं ?”

इतना  सुनते  ही  वह   व्यक्ति  आग  बबूला  हो  उठा , “ तो  तुम इसीलिए  ये  फ़ालतू  का  सवाल  कर  रहे  थे ताकि  मुझसे  पैसे  लेकर तुम  कोई  बेकार  का  खिलौना   या  उटपटांग  चीज  खरीद  सको ….चुप –चाप  अपने  कमरे  में  जाओ  और  सो  जाओ ….सोचो  तुम  कितने  selfish हो …मैं  दिन  रात  मेहनत  करके  पैसे  कमाता  हूँ  और  तुम  उसे  बेकार  की  चीजों  में  बर्वाद  करना  चाहते  हो ”

यह सुन बेटे  की  आँखों  में  आंसू  आ  गए  …और   वह  अपने  कमरे  में चला गया .

व्यक्ति  अभी  भी  गुस्से  में  था  और  सोच  रहा  था  कि  आखिर  उसके  बेटे  कि ऐसा करने कि  हिम्मत  कैसे  हुई ……पर  एक -आध  घंटा   बीतने  के  बाद  वह  थोडा  शांत  हुआ , और  सोचने  लगा  कि  हो  सकता  है  कि  उसके  बेटे  ने  सच -में  किसी  ज़रूरी  काम  के  लिए  पैसे  मांगे  हों , क्योंकि  आज  से  पहले   उसने  कभी  इस  तरह  से  पैसे  नहीं  मांगे  थे .

फिर  वह  उठ  कर  बेटे  के  कमरे  में  गया  और बोला , “ क्या तुम सो  रहे  हो ?”, “नहीं ” जवाब  आया .
“ मैं  सोच  रहा  था  कि  शायद  मैंने  बेकार  में  ही  तुम्हे  डांट  दिया , दरअसल  दिन भर  के  काम  से  मैं  बहुत थक   गया  था .” व्यक्ति  ने  कहा .

“I am sorry….ये  लो  अपने  पचास  रूपये .” ऐसा  कहते  हुए  उसने  अपने  बेटे  के  हाथ  में  पचास  की  नोट  रख  दी .

“Thank You पापा ” बेटा  ख़ुशी  से  पैसे  लेते  हुए  कहा , और  फिर  वह  तेजी  से  उठकर  अपनी  आलमारी  की  तरफ   गया , वहां  से  उसने  ढेर  सारे  सिक्के  निकाले  और  धीरे -धीरे  उन्हें  गिनने  लगा .
यह  देख  व्यक्ति  फिर  से  क्रोधित  होने  लगा , “ जब  तुम्हारे  पास  पहले  से  ही  पैसे  थे  तो  तुमने   मुझसे  और  पैसे  क्यों  मांगे ?”

“ क्योंकि  मेरे  पास पैसे कम  थे , पर  अब  पूरे  हैं ” बेटे  ने  कहा .

“ पापा  अब  मेरे  पास  100 रूपये  हैं . क्या  मैं  आपका  एक  घंटा  खरीद  सकता  हूँ ? Please आप ये पैसे ले लोजिये और  कल  घर  जल्दी  आ  जाइये  , मैं  आपके  साथ  बैठकर  खाना  खाना  चाहता  हूँ .”
दोस्तों ,  इस तेज रफ़्तार जीवन में हम कई बार खुद को इतना busy कर लेते हैं कि उन लोगो के लिए  ही समय नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा importance रखते हैं. इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि इस आपा-धापी में भी हम अपने माँ-बाप, जीवन साथी, बच्चों और अभिन्न मित्रों के लिए समय निकालें, वरना एक दिन हमें भी अहसास होगा कि हमने छोटी-मोटी चीजें पाने के लिए कुछ बहुत बड़ा खो दिया

किला जहां सूरज ढलते ही जाग जाती हैं आत्‍माएं


किला जहां सूरज ढलते ही जाग जाती हैं आत्‍माएं






पुराने किले, मौत, हादसों, अतीत और रूहों का अपना एक अलग ही सबंध और संयोग होता है। ऐसी कोई जगह जहां मौत का साया बनकर रूहें घुमती हो उन जगहों पर इंसान अपने डर पर काबू नहीं कर पाता है और एक अजीब दुनिया के सामने जिसके बारें में उसे कोई अंदाजा नहीं होता है, अपने घुटने टेक देता है। दुनिया भर में कई ऐसे पुराने किले है जिनका अपना एक अलग ही काला अतीत है और वहां आज भी रूहों का वास है।
दुनिया में ऐसी जगहों के बारें में लोग जानते है, लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं, जो इनसे रूबरू होने की हिम्‍मत रखतें है। जैसे हम दुनिया में अपने होने या ना होने की बात पर विश्‍वास करतें हैं वैसे ही हमारे दिमाग के एक कोने में इन रूहों की दुनिया के होने का भी आभास होता है। ये दीगर बात है कि कई लोग दुनिया के सामने इस मानने से इनकार करते हों, लेकिन अपने तर्कों से आप सिर्फ अपने दिल को तसल्‍ली दे सकते हैं, दुनिया की हकीकत को नहीं बदल सकते है।
कुछ ऐसा ही एक किलें के बारे में आपको बताउंगा जो क‍ि अपने सीने में एक शानदार बनावट के साथ-साथ एक बेहतरीन अतीत भी छुपाए हुए है। अभी तक आपने इस सीरीज के लेखों में केवल विदेश के भयानक और डरावनी जगहों के बारें में पढ़ा है, लेकिन आज आपको अपने ही देश यानी की भारत के एक ऐसे डरावने किले के बारे में बताया जायेगा, जहां सूरज डूबते ही रूहों का कब्‍जा हो जाता है और शुरू हो जाता है मौत का तांडव। राजस्‍थान के दिल जयपुर में स्थित इस किले को भानगड़ के किले के नाम से जाना जाता है। तो आइये इस लेख के माध्‍यम से भानगड़ किले की रोमांचकारी सैर पर निकलते हैं।
भानगड़ किला एक शानदार अतीत के आगोश में 
भानगड़ किला सत्रहवीं शताब्‍दी में बनवाया गया था। इस किले का निर्माण मान सिंह के छोटे भाई राजा माधो सिंह ने करावाया था। राजा माधो सिंह उस समय अकबर के सेना में जनरल के पद पर तैनात थे। उस समय भानगड़ की जनसंख्‍या तकरीबन 10,000 थी। भानगढ़ अल्‍वार जिले में स्थित एक शानदार किला है जो कि बहुत ही विशाल आकार में तैयार किया गया है।
चारो तरफ से पहाड़ों से घिरे इस किले में बेहतरीन शिल्‍पकलाओ का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इस किले में भगवान शिव, हनुमान आदी के बेहतरीन और अति प्राचिन मंदिर विध्‍यमान है। इस किले में कुल पांच द्वार हैं और साथ साथ एक मुख्‍य दीवार है। इस किले में दृण और मजबूत पत्‍थरों का प्रयोग किया गया है जो अति प्राचिन काल से अपने यथा स्थिती में पड़े हुये है।
भानगड किले पर कालें जादूगर सिंघिया का शाप 
भानगड़ किला जो देखने में जितना शानदार है उसका अतीत उतना ही भयानक है। आपको बता दें कि भानगड़ किले के बारें में प्रसिद्व एक कहानी के अनुसार भागगड़ की राजकुमारी रत्‍नावती जो कि नाम के ही अनुरूप बेहद खुबसुरत थी। उस समय उनके रूप की चर्चा पूरे राज्‍य में थी और साथ देश कोने कोने के राजकुमार उनसे विवाह करने के इच्‍छुक थे।
उस समय उनकी उम्र महज 18 वर्ष ही थी और उनका यौवन उनके रूप में और निखार ला चुका था। उस समय कई राज्‍यो से उनके लिए विवाह के प्रस्‍ताव आ रहे थे। उसी दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकती थीं। राजकुमारी रत्‍नावती एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वो इत्रों को हाथों में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी। उसी समय उस दुकान से कुछ ही दूरी एक सिंघीया नाम व्‍यक्ति खड़ा होकर उन्‍हे बहुत ही गौर से देख रहा था।
सिंघीया उसी राज्‍य में रहता था और वो काले जादू का महारथी था। ऐसा बताया जाता है कि वो राजकुमारी के रूप का दिवाना था और उनसे प्रगाण प्रेम करता था। वो किसी भी तरह राजकुमारी को हासिल करना चाहता था। इसलिए उसने उस दुकान के पास आकर एक इत्र के बोतल जिसे रानी पसंद कर रही थी उसने उस बोतल पर काला जादू कर दिया जो राजकुमारी के वशीकरण के लिए किया था।
तस्‍वीरों में देखें: ऑटो शो में हॉट बेब्‍स के जलवे
राजकुमारी रत्‍नावती ने उस इत्र के बोतल को उठाया, लेकिन उसे वही पास के एक पत्‍थर पर पटक दिया। पत्‍थर पर पटकते ही वो बोतल टूट गया और सारा इत्र उस पत्‍थर पर बिखर गया। इसके बाद से ही वो पत्‍थर फिसलते हुए उस तांत्रिक सिंघीया के पीछे चल पड़ा और तांत्रिक को कुलद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। मरने से पहले तांत्रिक ने शाप दिया कि इस किले में रहने वालें सभी लोग जल्‍द ही मर जायेंगे और वो दोबारा जन्‍म नहीं ले सकेंगे और ताउम्र उनकी आत्‍माएं इस किले में भटकती रहेंगी।
उस तांत्रिक के मौत के कुछ दिनों के बाद ही भानगडं और अजबगढ़ के बीच युद्व हुआ जिसमें किले में रहने वाले सारे लोग मारे गये। यहां तक की राजकुमारी रत्‍नावती भी उस शाप से नहीं बच सकी और उनकी भी मौत हो गयी। एक ही किले में एक साथ इतने बड़े कत्‍लेआम के बाद वहां मौत की चींखें गूंज गयी और आज भी उस किले में उनकी रू‍हें घुमती हैं।

किलें में सूर्यास्‍त के बाद प्रवेश निषेध

फिलहाल इस किले की देख रेख भारत सरकार द्वारा की जाती है। किले के चारों तरफ आर्कियोंलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) की टीम मौजूद रहती हैं। एएसआई ने सख्‍त हिदायत दे रखा है कि सूर्यास्‍त के बाद इस इलाके किसी भी व्‍यक्ति के रूकने के लिए मनाही है। इस किले में जो भी सूर्यास्‍त के बाद गया वो कभी भी वापस नहीं आया है। कई बार लोगों को रूहों ने परेशान किया है और कुछ लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा है।
किलें में रूहों का कब्‍जा 
इस किले में कत्‍लेआम किये गये लोगों की रूहें आज भी भटकती हैं। कई बार इस समस्‍या से रूबरू हुआ गया है। एक बार भारतीय सरकार ने अर्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी यहां लगायी थी ताकि इस बात की सच्‍चाई को जाना जा सकें, लेकिन वो भी असफल रही कई सैनिकों ने रूहों के इस इलाके में होने की पुष्ठि की थी। इस किले में आज भी जब आप अकेलें होंगे तो तलवारों की टनकार और लोगों की चींख को महसूस कर सकतें है।
इसके अलांवा इस किले भीतर कमरों में महिलाओं के रोने या फिर चुडि़यों के खनकने की भी आवाजें साफ सुनी जा सकती है। किले के पिछले हिस्‍सें में जहां एक छोटा सा दरवाजा है उस दरवाजें के पास बहुत ही अंधेरा रहता है कई बार वहां किसी के बात करने या एक विशेष प्रकार के गंध को महसूस किया गया है। वहीं किले में शाम के वक्‍त बहुत ही सन्‍नाटा रहता है और अचानक ही किसी के चिखने की भयानक आवाज इस किलें में गुंज जाती है। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट बॉक्‍स में अपने विचार जरूर दें



Hindi Jokes12-12-12 का फेर और संता

Hindi Jokes12-12-12 का फेर और संता 

12-12-12 का फेर और संता संता एक वेडिंग प्लानर के पास जाता है 
संता: मेरी शादी की तारीख 12-12-12 है उसमें 12 पंडित. 12 फेरे 12 मिठाईया और 12. 

इतने में वेडिंग प्लानर वाला बोल उठता है. आपकी दुल्हन कितनी होंगी सर......क्या वे भी। 


बेटे के फेल होने पर संता ने बांटी मिठाई संता अपने बेटे के फेल हो जाने के बाद भी मिटाई बांट रहा था... 
तभी पड़ोसी बंता ने पूछा... अरे, तुम्हारा बेटा फेल हो गया और तुम मिठाई बांट रहे हो...
 अरे यार, पास-फेल कोई मायने नहीं रखता... बहुमत तो मेरे बेटे के साथ है! 

ट्रेन की लड़की और संता एक ट्रेन में दो लड़कियां यात्रा करते हुए बात कर रही थीं... 
पहली लड़की: तुझे कैसा पति चाहिए? दूसरी लड़की: मुझे एक करोड़पति पति चाहिए... 
पहली लड़की: अगर करोड़पति नहीं मिला तो? दूसरी लड़की: तो 50 लाख के दो पति भी चलेंगे... 
पहली लड़की: अगर 50 लाख वाला भी नहीं मिला तो? 

दूसरी लड़की: तो 25 लाख के 4 पति भी चलेंगे... इन दोनों की बात सुन ऊपर की बर्थ पर बैठा हुआ संता बोला... 
"जब यह सौ रुपए पर आए तो मुझे उठा देना"



Hindi Jokes

Hindi Jokes 

लड़की (लड़के से): जब तुम लोग लड़की को प्रपोज करते हो तो उनके हाथ क्यूं पकड़ लेते हो?
लड़का: बस अपनी हिफाजत के लिए कि कहीं थप्पड़ ना मार दें.
एक बार एक प्रेमी-प्रेमिका पार्क में मिले .
प्रेमी जो थोड़ा पुरानी सोच का था, वह अपनी प्रेमिका के छोटे कपड़े देख कर भड़क उठा और ग़ुस्से से बोला -“इतने छोटे कपड़े पहनते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती, ये तुम्हारी मिनी स्कर्ट…उफ़ , बेशर्मी की हद है.”

प्रेमिका–“अरे, तुम नहीं जानते, इस मिनी स्कर्ट के बड़े फ़ायदे हैं, पता है, मिनी स्कर्ट पहने होने पर लड़की संकट आने पर तेज़ी से भाग सकती है.”

प्रेमी- “और मिनी स्कर्ट पहनने के कारण वो संकट कभी भी आ सकता है.”




एक लड़के ने लड़की से कहा- नाइस मेकअप, नाइस ड्रैस, नाइस लिपस्टिक।

लड़की बोली- थैंक्यू भैया।

लड़का- लेकिन फिर भी ज्यादा अच्छी नहीं लग रही हो।



भिखारी भीख माँगने एक घर के दरवाजे पर पहुंचा. दस्तक दी तो अंदर से एक पैंतालीस साल की महिला आई.

भिखारी : माताजी भूखे को रोटी दो.

महिला : शरम नहीं आती, हट्टे-कट्टे होकर भीख मांगते हो. दो हाथ हैं, दो आंख हैं, पैर हैं, फिर भी भीख मांगते हो?

भिखारी : माताजी, आप भी खूबसूरत, गोरी-चिट्टी हैं, गजब का फिगर है और अभी आपकी उम्र ही क्या है? आप मुंबई जाकर हीरोइन क्यों नहीं बन जातीं? घर पर बेकार बैठी हो.

महिला : जरा रुको, मैं अभी तुम्हारे लिए खाना लाती हूं.



एक फार्म का मालिक एक दिन सभी मुर्गियों से बोलता है, “ कल से सबको दो-दो अंडे देने है जो नहीं देगा उसे मैं काट डालूंगा.”

अगली सुबह सब मुर्गियों ने दो-दो अंडे दिए मगर एक ने सिर्फ एक ही अंडे दिया. मालिक ने इसकी वजह पूछी तो वह मुर्गी बोली, “जनाब, यह भी आपके डर से दिया वरना मैं तो मुर्गा हूं.”




लड़के और लड़की में अंतर
संता : बता लड़की और लड़के में क्या अंतर होता है?
बंता : देख लड़की अपनी सारी उम्मीदें एक लड़के से रखती है, और लड़के सारी लड़कियों से एक ही उम्मीद रखते हैं



सर – अच्छा बताओ तुमने “रब ने बना दी जोड़ी” फिल्म से क्या सीखा ?
स्टूडेंट -सर, यही की अगर मेहनत की जाए तो शादीशुदा लड़की भी पटाई जा सकती है.



संता धोबी से: यह टी-शर्ट उलटी करके प्रेस कर देना.
तीन दिन बाद संता शर्ट लेने के लिए आया.
संता: शर्ट प्रेस हो गई?
धोबी: नहीं साहब, कैसे होती तीन दिन से उलटी ही नहीं हुई.



एक डॉक्टर बच्चे के पैर का टांका काटने आया.
उसने कहा: बेटा वह देखो ऊपर, सोने की चिड़िया.
बच्चा: नीचे देख, कहीं पैर न कट जाए. बड़ा आया चिड़िया का मामा.




संता: यार बंता मैंने कल सपने में दिल से पूछा “प्यार” और “दोस्ती” में क्या फर्क है?
बंता: तो उसने क्या जवाब दिया?
संता: यही कि मेरा काम शरीर में ब्लड सप्लाई करना है, यह बकवास से सवाल किसी और से करना.

मनु,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?"

डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"

मनु, "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "

डैडी, "कोलम्बस ने की थी"

मनु, "कोलम्बस के बाप ने क्यों नही की


टीचर (मिन्नी से), "आज स्कूल मे देर से आने का तुमने क्या बहाना ढूंढा है?"

मिन्नी, "सर आज मै इतनी तेज दौड कर आई कि बहाना सोचने का मौका ही नही मिला।"




पत्नी: मैने आज सपनो मे देखा है कि तुम मेरे लिए हीरों का हार लाए हो, इस सपने का क्या मतलब है?
पति: आज शाम को बताऊगा। शाम को पति ने एक पैकेट पत्नी को लाकर दिया। पत्नी ने खुशी-खुशी पैकेट खोला तो उस मे एक किताब निकली । किताब का नाम था, 'सपनो का मतलब' ।


एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के दफ़तर में जा कर उस के बाँस से बोला, " इस दफ़तर मे सुनिल नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"

बाँस ने मुस्करा कर कहा, " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के आर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।


मोहन अपने दोस्त राकेश से कहता है, देखो दोस्त चुंकि हम लोकतंत्र प्रणाली पर विशवास रखते हैं इसलिए हम ने आपने घर मे सुख शान्ति बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया है । मेरे पत्‍नी वित मंत्री है। मेरे सास रक्षा मंत्री है। मेरे ससुर विदेश मंत्री है और साली लोक सम्पर्क मंत्री है।
राकेश: और आप शायद प्रधान मंत्री होगे?
मोहन: नही यार, मै बेचारा तो जनता हूँ ।



शाम ने अपने दोस्त सुरजीत से पूछा, सुरजीत भाई, अपने घर के बाहर खडे क्यो हो और यह चोटे कैसे लगी ?
सुरजीत: हुआ यूं कि...।
शाम: कितनी बार कहा कि लोगों से झगडा मत किया करो। कमब्खत ने मार कर तेरा बुरा हाल कर दिया। बुरा हो उस का किडे पडे उसे..।
सुरजीत: बस बस मै अपनी पत्‍नी के बारे मे और गलत बातें नही सुन सकता।





गोरव, मैने तुम्हे जो आठनी दी थी, मैने कहा था कि इसे खर्च मत करना, किसी को दान मे दे देना।
पापा, मै इसे दान मे देना चाहता था फिर ख्याल आया कि यह पुण्य मै क्यो कमाऊ ? क्यो न आईस्क्रिम वाले को कमाने दूं? सो मैने उसे दे दी, अब उस का काम है कि वह उसे दान मे दे या न दे ।

बकील ( अपराधी से) चाकू पर तुम्हारे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं। खून तुम् ने ही किया है। इस पर अपराधी बोला, बकील साहिब आप ऐसा कैसे कह सकते है कि चाकू पर मेरे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं? क्योकि खुन करते समय मैने तो दसताने पहन रखे थे!


महिला दंतचिकित्सक के पास गई और बोलीः डा. साहब डाढ़ निकलवानी है, और अगर बगैर सुन्न किये, ये कार्य करेंगे तो फीस थोडी कम होगी ना ?

डा. साहबः जी हां, फीस आधी होगी ।

महिला दरवाजे पर खडे एक मरियल से मिमियाते डरते हुए व्यक्ती से बोलीः सुनो जी, आ जाओ, बेठो इस कुर्सी पर




एक ट्रक दुसरे ट्रक को रस्सी से बाँध कर ले जा रहा था.
ये देख कर संता हस हस के कहने लगा –
एक रस्सी को ले जाने के लिए दो-दो ट्रक..?



पत्नि : मैं ड्राईवर को नोकरी से निकाल रही हूँ, क्यूंकि आज मैं दूसरी बार मरते मरते बची हूँ.
पति : प्रिये, मैं चाहता हूँ की उसे एक और मौका देना चाहिए.


एक बार संता सिंह की 20 लाख की लॉटरी निकली। संता सिंह लॉटरी वाले के पास गया। नंबर मिलाने के बाद लॉटरी वाले ने कहा- ठीक है सर, हम आपको अभी 1 लाख रुपए देंगे और बाकी के 19 लाख आप अगले 19 हफ्तों तक ले सकते हैं। संता – नहीं, मुझे तो पूरे पैसे अभी चाहिए नहीं तो आप मेरे 5 रुपए वापस कर दीजिए।



एक बार तीन पागलोँ को कहीँ से तीन बम मिल गये।पहला पागल-चलो इन्हेँ पुलिस के हवाले कर देते हैँ। दुसरा पागल-अगर रास्ते मेँ एक फट गया तो। पहला पागल-तो कह देँगे कि दो ही मिले थे।




पैदा होते ही बच्‍चे ने मांगा मोबाइल संता का बच्चा पैदा होते ही बोला- मोबाईल है क्या?
नर्स-क्या करेगा?
बच्‍चा- भगवान को फोन करना है की मै पहुँच गया हूं मेरी वाली को भेज दो।




जब अकबर लाखों सेना और करोडों रुपया खर्च करके महाराणा प्रताप को न पकड़ सका ,तो उसने अपमान करने के लिए प्रताप का चित्र पाखाने पर लगवा दिया ,जिससे आने जाने वाले उसे देखें और उनका खूब अपमान हो .
अकस्मात् उधर से बीरबल निकले . उन्होंने जब यह देखा तो उन्हें बड़ा क्रोध आया ,क्योंकि वह महाराणा प्रताप पर बड़ी श्रद्धा रखते थे . उन्होंने लौटकर तुरंत ही बादशाह से पूछा - जहाँपनाह ! ऐसा मालूम होता है कि आपको कब्ज की शिकायत है .''
बादशाह ने पूछा - क्यों ? नहीं तो .
बीरबल ने उत्तर दिया - आपने जो महाराणा प्रताप का चित्र अपने पाखाने पर लगवा दिया है ,उससे यह मालूम पड़ता है कि आपको कब्ज की शिकायत है ,क्योंकि जब आप प्रताप के चित्र को देखते होंगे तब अवश्य ही आपको पाखाने की हाजत हो उठती होगी . इसीलिए आपने उनका चित्र पाखाने पर लगाया है .
यह सुनकर बादशाह को काफी क्रोध आया और लज्जा भी . उन्होंने उसी समय महाराणा प्रताप का चित्र पाखाने से हटवा लिया .




संता और एअर होस्‍टेस
संता (एयर होस्टेस से): आपकी शक्ल मेरी बीवी से मिलती है।
एयर होस्टेस ने ज़ोरदार थप्पड़ संता के मुँह पर मारा।
संता: कमाल है, आदत भी वही है।





संता: मेरे दोस्त ने चुपके से मेरे मोबाईल से मेरी गर्लफ्रेंड का नम्बर ले लिया।
बंता: फिर क्या हुआ?
संता: बेवकूफ कल रात से खुद की बहन को रोमैन्टिक मैसेज भेज रहा है।





भारतीय बिजली विभाग
डॉक्टर ने एक पागल से पूछा- तुम छत से क्यों लटक रहे हो?
पागल- मैं एक बल्ब हूं.
डॉक्टर- तुम जल क्यों नही रहे?
पागल- बेवकूफ ये इंडिया है, लाइट गयी हुई है.





एक बार चार लोग जिसमें एक अमेरिकन, एक जापानी, एक चाइनीज और एक भारतीय थे आपस में बात कर रहे थे.
अमेरिकन: हमारे कुत्ते तो फुटबॉल खेलते हैं.
जापानी: बस, हमारी मछलियां तो डांस करती हैं.
चाइनीज: अरे हमारे हाथी साइकिल चलाते हैं.
भारतीय: बस, हमारे यहां तो गधे सरकार चलाते हैं.





रेलवे स्टेशन पर पति पत्नी को लेने गए!
पत्नी: देखो वो आदमी कितना खुश दिखाई दे रहा है!
पति: वो अपनी पत्नी को छोड़ने आया है लेने नहीं!





फिल्मी अंदाज में स्कूली जीवन
स्कूल: अपनी तो पाठशाला मस्ती की पाठशाला.
ट्यूशन: इधर चला मैं उधर चला.
मैथ्स: अजीब दास्तां है ये, कहां शुरू कहां खतम.
साइंस: आ खुशी से खुदकुशी कर ले.
भूगोल: मुसाफिर हूं मैं यारो.
एग्जाम: जहरीली रातें नींद उड़ जाती है..
रिजल्ट: जीया धड़क-धड़क जाए..
पास: आज मैं ऊपर, आसमां नीचे..
फेल: जग सूना सूना लागे..




3 छात्र नाव में जा रहे थे जिसमें से एक इंजीनियर, एक एमबीए और एक सीए का था. इतने में एक जिन्न आया और बोला समुद्र में कुछ फेंको अगर मैंने ढूंढ़ लिया तो मैं तुम्हें मार दूंगा वर्ना मैं तुम्हारा गुलाम.
इंजीनियर ने सुई फेंकी, जिन्न ढूंढ़ कर ले आया और उसे मार दिया.
सीए ने मेमोरी कार्ड फेंका. वह भी जिन्न ढूंढ़ लाया और सीए का भी खेल खत्म.
फिर एमबीए वाले ने एस्प्रीन की गोली फेंकी और वो पानी में घुल गई.
एमबीए वाला छात्र बोला: चल बेटा, बहुत सयाना बन रहा था ना, घर चल बहुत असाइनमेंट पड़े हैं.




रामू (बंता से): तुम कौन सा साबुन इस्तेमाल करते हो?
बंता: मैं संता साबुन, संता पेस्ट और संता शैम्पू इस्तेमाल करता हूं.
रामू: वो क्या इंटरनेशनल ब्रांड है?
बंता: नहीं, संता मेरा रूम मेट है.




प्यार और शादी में अंतर

(प्रेमी, प्रेमिका बाग में)
प्रेमिका: चांद कितने होते हैं?
प्रेमी: एक तुम और एक ऊपर!
शादी के बाद ड्राइंग रूम में
पत्नी: चांद कितने होते हैं?
पति: अंधी हो क्या, ऊपर क्या वह तुम्हें खरबूजा नज़र आ रहा है?





एक समारोह मे नेता जी भाषण दे रहे थे, " हमें खुराक की समस्या के हल के लिए ज्यादा से ज्यादा अनाज ऊगाना चाहिए।" तभी एक शरारती उठ कर खडा हो गया और बोला." श्रीमान जी, घास उगाने के बारे मे आप का क्या विचार है?"
नेता जी उसे बेठाने का इशारा करते हुए बोले, " पहले मैं इनसानों की खुराक के बारे में बता लूं, तुम्हारी खुराक के बारे मे बाद मे बताऊंगा।"





गाँव के एक सरपंच ने वाटर सप्लाई के अफसर से शिकायत की कि, हमारे गाँव मे कई दिनो से पानी नही आ रहा है, जिसकी वजह से गाँव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।"

अफसर -"देखो सरपंच साहब, मै आप की बात बिल्कुल नही मान सकता कि आपके गांव मे पानी नही आ रहा है।"

सरपंच- "क्यो नही मान सकते?"

अफसर - क्योकि आप के गांव का दूध वाला मुझे हर रोज़ पानी मिला दूध दे कर जाता है।







गाँव के एक सरपंच ने वाटर सप्लाई के अफसर से शिकायत की कि, हमारे गाँव मे कई दिनो से पानी नही आ रहा है, जिसकी वजह से गाँव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।"

अफसर -"देखो सरपंच साहब, मै आप की बात बिल्कुल नही मान सकता कि आपके गांव मे पानी नही आ रहा है।"

सरपंच- "क्यो नही मान सकते?"

अफसर - क्योकि आप के गांव का दूध वाला मुझे हर रोज़ पानी मिला दूध दे कर जाता है।







मैनेजर साहब ! अब तो मेरी पगार बढा दिजिए, क्योकि मेरी शादी हो गई है।" कर्मचारी ने निवेदन किया।

"नही, मिल के बाहर होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए हम ज़िमेदार नही है, मैनेजर ने मुसकुराकर जवाब दिया।





मज़दूर (मालिक से ) " गधे की तरह काम कराया और मज़दूरी सिर्फ बीस रुपया ... कुछ तो न्याय कीजिए।"

मालिक (मुनीम से) " ठीक है यह न्याय मांगता है तो इस के सामने घास डाल दो और रुपये ले लो।




एक सुपर स्टोर के सेल्स मेन की इक बड़े ग्राहक से कुछ कहा सुनीहो गयी. जब स्टोर के मालिक को पता चला तो उसने सेल्स मेन को खूब डाटा और कहा की तुम्हे पता नही है की शर्मा जी हमारे कितने पुराने व् बड़े ग्राहक है.तुमने उनके साथ बदतमीजी की ,चलो माफी मांगो।

सेल्स मेन ने फोन मिलाया -हेलो,शर्मा जी बोल रहे है?

शर्मा जी-हा मैं शर्मा बोल रहा हु।

सेल्स मेन-मैं सुपर स्टोर का सेल्स मेन बोल रहा हु।

शर्मा जी- बोलो,क्या बात है?

सेल्स मेन-कल मैंने आपसे कहा था की भाड मे जाओ॥

शर्मा जी- हाँ ---तो?


सेल्स मेन- अब वहा मत जाना......


********************एक नयी नवेली बहू ने पहली बार दही मथा.मक्खन निकलने पर वह अपनी सास से बोली;माजी ,छाछ मैं से मक्खन आ गया ,कहा रखु?

सास ने समझाया की बेटा ये नाम कभी मत लेना ये तेरे ससुर का नाम है...

अगले दिन जब छाछ मैं से मक्कन निकला तो बहू ने पूछा; माँ जी छाछ मैं से ससुरजी निकल आए है, कहा रखू?




Saturday, May 18, 2013

Online Enquiry Form for Amar nath Yaatra

Online Enquiry Form for Amar nath Yaatra



http://shriamarnathjishrine.com/general-enquiry.html



स्यंभू हिमानी शिवलिंग

उल्लेखनीय है कि अमरनाथ गुफा में प्रतिवर्ष प्राकृतिक रूप से हिमलिंग का निर्माण होता है जिसके दर्शन हेतु श्रद्धालुजनों की भीड़ उमड़ पड़ती है। बताया जाता है कि अमरनाथ गुफा के भीतर प्रतिवर्ष आषाढ़ पूर्णिमा के दिन से प्राकृतिक हिमलिंग का निर्माण होना प्रारम्भ हो जाता है जो कि श्रावण पूर्णिमा के दिन अपना पूर्ण आकार ग्रहण कर लेता है। स्वयमेव निर्माण होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहा जाता है। हिम से बना यह शिवलिंग वर्षपर्यन्त बने न रह कर कुछ माह में ही पिघल कर समाप्त हो जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि यह शिवलिंग बिल्कुल ठोस होता है जबकि इसके आस-पास जमा हुआ बर्फ कच्चा होता है। यही कारण है कि अमरनाथ गुफा में आकर ईश्वर के प्रति आस्था प्रगाढ़ हो जाती है।

अमरनाथ धाम की कथा (Story of Amarnath Dham)

पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि एक बार देवी पार्वती के मन में अमर होने की कथा जानने की जिज्ञासा हुई तथा उन्होंने भगवान शंकर से इस कथा को सुनाने का अनुरोध किया। चूँकि अमर होने की कथा अत्यन्त गुप्त है और इस कथा को सामान्य प्राणियों को सुनाने का निषेध है, कथा सुनाने के लिए शिव ऐसे स्थान की खोज में लगे जहां कोई जीव-जन्तु न हो। इसके लिए उन्होंन श्रीनगर स्थित अमरनाथ की गुफा को उपयुक्त पाया। पार्वती जी को कथा सुनाने के लिए इस गुफा में लाते समय शिव जी ने एक स्थान पर माथे से चन्दन उतारा इसलिए उस स्थान का नाम चन्दनबाड़ी हो गया। शिव जी अनन्त नाग में नागों को एवं शेषनाग नामक स्थान पर शेषनाग को ठहरने के लिए आदेश देकर पार्वती सहित अमारनाथ की गुफा में प्रवेश कर गये।

गुफा के भीतर पहुँच कर भगवान शिव माता पार्वती को अमर होने की कथा सुनाने लगे। कथा सुनते-सुनते देवी पार्वती को निद्रा देवी ने घेर लिया और वे सो गईं। शिव जी अमर होने की कथा सुनाते रहे, इस समय दो सफेद कबूतर शिव की कथा सुन रहे थे और बीच-बीच में गूं-गूं की आवाज निकाल रहे थे जिसे शिव जी माता पार्वती की हुँकार समझ रहे थै।. इस प्रकार से दोनों कबूतरों ने अमर होने की पूरी कथा सुन ली।

वास्तविकता ज्ञात होने पर शिव जी कबूतरों पर क्रोधित हुए और उन्हें मारने के लिए तत्पर हुए। इस पर कबूतरों ने शिव जी कहा कि हे प्रभु हमने आपसे अमर होने की कथा सुनी है यदि आप हमें मार देंगे तो अमर होने की यह कथा झूठी हो जाएगी। इस पर शिव जी ने कबूतरों को जीवित छोड़ दिया और उन्हें आशीर्वाद दिया कि तुम सदैव इस स्थान पर शिव पार्वती के प्रतीक चिन्ह के रूप निवास करोगे। माना जाता है कि आज भी इन दोनों कबूतरों का दर्शन भक्तों को यहां प्राप्त होता है।

अमरनाथ गुफा की भौगोलिक स्थिति

अमरनाथ धाम श्रीनगर से लगभग 135 किलोमीटर दूर है. यह स्थान समुद्र तल से 13, 600 फुट की ऊँचाई पर है। ध्यान रखें कि इस स्थान पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

अमरनाथ यात्रा हेतु विशेष सावधानी

पंजीयन केवल अधिकृत स्थान अर्थात् जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक की शाखा से करवाएँ। नेट में उपलब्ध साइट्स, जिनमें अनेक ठगी करने वाले भी हो सकते हैं, पर निर्भर न रहें।
अस्वस्थ तथा कमजोर व्यक्ति अमरनाथ यात्रा न करें।
यात्रा के दौरान केवल आवश्यक सामग्री ही साथ रखें, अनावश्यक सामान रखकर अपना बोझा न बढ़ाएँ।
गर्म कपड़ों की पर्याप्त व्यवस्था रखें।
सम्पूर्ण यात्रा के दौरान शालीनता का परिचय दें और जरूरतमन्दों की यथायोग्य सहायता करें


LPG Gas Cylinder Booking Through Aadhaar Card Registration


LPG Gas Cylinder  Booking Through Aadhaar Card Registration :
एलपीजी सिलेंडर की सब्सिडी के लिए आधार पंजीकृत कराएं

भारत सरकार मई के मध्‍य से देश के 20 जिलों में एलपीजी सिलेंडर के लिए आधार आधारित डायरेक्ट सब्सिडी ट्रांसफर की शुरुआत करने जा रही है। इन जिलों में रहने वाले एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ता सब्सिडी पाने के लिए आधार नबंर चार तरह से पंजीकृत करवा सकते हैं।

1. कॉल सेंटर : 18002333555 पर फोन करें और कॉल सेंटर एजेंट से कहें कि आप अपना आधार नबंर देना चाहते हैं। इसके बाद एजेंट द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करें।

2. वेबसाइट: www.rasf.uidai.gov.in/seeding/User/ResidentSplash.aspx  पर जाएं। यहां पर ‘स्टार्ट नाऊ’ का लिंक दबाएं और सीडिंग प्रक्रिया का पालन करें।

3. व्यक्तिगत : अपने एलपीजी वितरक या डिलीवरीमैन को अपने आधार पत्र की प्रति दें, जिस पर आपका उपभोक्ता नबंर, नाम, पता और मोबाइल नबंर लिखा होना चाहिए।

4. स्पीड पोस्ट : अपने उपभोक्ता नबंर, नाम, पते और मोबाइल नबंर के साथ आधार पत्र की प्रति एलपीजी मार्केटिंग कंपनी के संबंधित कार्यालय के पते पर स्पीड पोस्ट के जरिये भेजें। कार्यालय का पता जानने के लिए
www.indane.co.in, www.ebharatgas.com, www.hpgas.com पर लॉगइन करें।

नोट : यदि आपका एलीपीजी डिलीवरी पता और आपके आधार पत्र पर लिखा गया पता अलग-अलग है, तो आधार नबंर पंजीकृत कराने के लिए व्यक्तिगत या स्पीड पोस्ट के द्वारा ही जानकारी भेजें। आपको साथ में अपने मौजूदा पते की एक प्रति भी देनी होगी


Additional Info -
 देश के बीस जिलों में आधार से एलपीजी को लिंक करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है। उसका कहना है कि यह सही है कि शुरू में कुछ समस्या होगी। इसके लिए मंत्रालय ने संभावित कदम भी साथ-साथ उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें हेल्पलाइन नंबर के साथ ही हर कंपनी से संबंधित शिकायत के लिए एक विशेष ई-मेल बनाने की भी कवायद की जा रही है। अगर किसी भी उपभोक्ता को यह लगता है कि उसे कुछ समस्या है या शिकायत है तो वह देशव्यापी मुफ्त हेल्पलाइन 18002333555 पर फोन कर सकते हैं।


जल्द ही इस उद्देश्य से हर कंपनी का एक विशिष्ट ई-मेल भी जारी किया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि आधार और एलपीजी को जोड़ने में आने वाली समस्या से निपटने के लिए हर एजेंसी पर विशेष सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे। इसमें सवाल-जवाब के रूप में हर शंका का समाधान होगा। संबंधित जिला अधिकारी, आधार नंबर प्राधिकरण के अधिकारी और तेल कंपनियों के अधिकारियों के बीच नियमित बैठक की कवायद भी शुरू कर दी गई है। जिससे ग्राहकों को समस्या न हो। इस अधिकारी ने कहा कि एक बार यह व्यवस्था लागू होने पर इन बीस जिलों में एलपीजी वितरण में अंतिम स्तर का भ्रष्टाचार खत्म होगा। सरकार बचत का पैसा वास्तविक उपयोगी तक पहुंचा पाएगी। इस तरह बचा हुआ पैसा अन्य विकासपरक कार्य में सरकार खर्च कर पाएगी। इस अधिकारी ने कहा कि जनता भी इसमें सहयोग देगी। इसकी वजह यह है कि हर व्यक्ति भ्रष्टाचार खत्म करना चाहता है। चाहे फिर उसे इसके लिए कुछ समस्या भी क्यों न सहनी पड़े। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि गैस एजेंसी पर ग्राहकों के लिए आगामी आधार कैंप, उनके स्थान व अन्य जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी

Monday, April 22, 2013

Hindi Jokes

Hindi Jokes


डॉक्टर ने एक पागल से पूछा: तुम छत से क्यों लटक रहे हो?

पागल: मैं एक बल्ब हूं.

डॉक्टर: तुम जल क्यों नही रहे?

पागल: बेवकूफ ये इंडिया है, अभी लाइट गई हुई है.
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संता की बीवी: Santa Banta Jokes in Hindi

शादी के कुछ दिन बाद संता अपने दोस्त बंता को बता रहा था.

संता : मेरी बीवी इतना मजाक करती है की क्या बताऊं.

बंता : कैसे?

संता : कल मैंने उसकी आंखों पर हाथ रख कर पूछा मैं कौन? तो बोली दूध वाला
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एक बार संता ने अपने बेटे की शादी की.

बहू विदाई के बाद घर आ गई तब संता की पत्नी (सास) ने कहा- बेटी आज से मुझे मां और अपने ससुर को पापा कहना.

शाम को संता का बेटा (पति) के आने पर पत्नी बोली, मां भैया आ गए
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सेक्रेटरी: नेताजी, आपने जूता फैक्ट्री का उद्घाटन करने से क्यों इनकार किया?
नेताजी : पिछले चुनाव का एक्सपीरियंस है. जूते-चप्पल जितने कम बनें, उतना ही अच्छा है.
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भाग्य बदलते देर नहीं लगती !


Hindi Stories : भाग्य बदलते देर नहीं लगती !


एक मछुआरा था । उस दिन सुबह से शाम तक नदी में जाल डालकर मछलियाँ पकड़ने की कोशिश करता रहा , लेकिन एक भी मछली जाल में न फँसी ।

जैसे -जैसे सूरज डूबने लगा , उसकी निराशा गहरी होती गयी । भगवान का नाम लेकर उसने एक बार और जाल डाला । पर इस बार भी वह असफल रहा . पर एक वजनी पोटली उसके जाल में अटकी । मछुआरे ने पोटली निकला और टटोला तो झुंझला गया और बोला -' हाय ये तो पत्थर है !फिर मन मारकर वह नाव में चढा ।
बहुत निराशा के साथ कुछ सोचते हुए वह अपने नाव को आगे बढ़ता जा रहा था और मन में आगे के योजनाओं के बारे में सोचता चला जा रहा था । सोच रहा था 'कल दुसरे किनारे पर जाल डालूँगा । सबसे छिपकर ...उधर कोई नही जाता ....वहां बहुत सारी मछलियाँ पकड़ी जा सकती है ...  '
मन चंचल था तो फिर हाथ कैसे स्थिर रहता ? वह एक हाथ से उस पोटली के पत्थर को एक -एक करके नदी में फेंकता जा रहा था । पोटली खाली हो गयी । जब एक पत्थर बचा था तो अनायास ही उसकी नजर उसपर गयी तो वह स्तब्ध रह गया । उसे अपने आँखों पर यकीन नही हो रहा था , यह क्या ! ये तो ‘नीलम ’ था |
मछुआरे के पास अब पछताने के अलावा कुछ नही बचा था | नदी के बीचोबीच अपनी नाव में बैठा वह सिर्फ अब अपने को कोस रहा था ।
प्रकृति और प्रारब्ध ऐसे ही न जाने कितने नीलम हमारी झोली में डालता रहता है जिन्हें पत्थर समझ हम ठुकरा देते हैं।

Hindi Stories : चतुर कौआ और साँप


Hindi Stories : चतुर कौआ और साँप


एक नदी के किनारे बरगद का एक वृक्ष था| उस वृक्ष पर घोंसला बनाकर एक कौआ रहता था| वृक्ष की कोटर में एक सर्प रहता था| जब भी मादा कौआ अन्डे देती थी , वह सर्प उन्हें खा जाता था| कौआ बड़ा दुखी था| वह सर्प की दुष्टता के लिए उसे दण्ड देना चाहता था| वह सोचता रहता था कि उस काले भयंकर सर्प से कैसे छुटकारा पाया जाये|

नदी के तट पर एक सुन्दर घाट बना हुआ था| जहाँ पूर्णिमा के दिन राजकुमारी नदी में स्नान करने आती थी| एक दिन कौआ बरगद के पेड़ पर दुखी मन से बैठा हुआ था| उसी समय उसने देखा कि राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ नदी में स्नान करने आ रही हैं| 

घाट पहुँच कर उन्होंने अपने वस्त्र आदि सामान रख दिए| राजकुमारी ने अपना मोतियों का हार भी उतार कर वहीँ रख दिया और अपनी सखियों के साथ नदी में स्नान करने लगी| कौआ को तुरन्त एक तरकीब सूझी| वह बरगद की डाली से काव-काव करता हुआ उड़ा| और राजकुमारी के मोतियों के हार को चोंच से पकड़ कर पेड़ की उस कोटर में डाल दिया जहाँ काला सर्प रहता था| राजकुमारी की एक सहेली ने यह सब देख लिया | शीघ्र ही स्नान करने के बाद राजकुमारी और उनकी सखियाँ हार लेने के लिए बरगद के वृक्ष के पास पहुँची| परन्तु वृक्ष के कोटर में काले भयंकर साँप को देखकर डर गयीं| राजकुमारी ने निश्चय किया कि वह महल पहुँच कर सैनिकों को भेज देंगी और वे सर्प को मारकर कोटर से मोतियों का हार निकाल लेंगे| ठीक ऐसा ही हुआ सैनिकों से कोटर से हार निकालने के लिए सर्प को मार दिया और राजकुमारी को हार सौप दिया|

इस प्रकार कौवे ने अपनी चतुरता से अपने शत्रु से बदला ले लिया और बिना किसी भय की प्रसन्नतापूर्वक रहने लगे



Hindi Stories : बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय ..


Hindi Stories : बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय ..


एक बार की बात है किसी गाँव में एक ब्राह्मण रहता था वह हर रोज भिक्षा माँगने निकल जाता था| एक दिन वह भिक्षा माँगने के लिए घर से बाहर निकला तो देखता है कि एक नेवली अपने बच्चे को जन्म दे कर मर गई, और नेवली के बच्चा वहाँ काँप रहा था| ब्राह्मण को दया आ गई और उसे अपने घर उठा ले गया| ब्राह्मण की पत्नी यह देख कर उसपे भड़क गई की यह नेवला मेरे बच्चे को नुकसान न पहुँचा दे| लेकिन फिर भी वह अपने बच्चे के साथ नेवले को भी पालन पोषण की, दोनों बड़े हुए और साथ साथ खेलने कूदने लगे|

एक बार ब्राह्मण का बच्चा सो रहा था ब्राह्मण की पत्नी ब्राह्मण से बोल के गई की मै पानी ले ने जा रही हूँ बच्चे को देखते रहना कुछ दूर जाने के बाद ब्राह्मण भी उठा और भिक्षा माँगने के लिए चल दिया तभी बच्चे के पास एक साँप आकर खड़ा हो गया यह देख कर नेवले ने साँप से खूब लड़ा और उसे मार डाला और उसके मुँह  में साँप का खून लग गया था और वो यह दिखाने के लिए ब्राह्मण के पत्नी के पास गया पत्नी खून देख कर डर गयी और पानी की मटका नेवले के ऊपर पटक दिया और भाग कर गई तो देखी की बच्चे के पास एक साँप मरा पड़ा हुआ था और इधर नेवला भी मर गया था जिससे वह फुट फुट कर रोने लगी |

सच कहा गया है की बिना सोचे समझे, बिना देखे दिखाए कोई भी काम नहीं करना चाहिए