चीन ने भारत की तरफ आने वाला पानी रोका, लोग बोले 'चाइनीज सामानों का बहिष्कार करके सबक सिखाएंगे'
अगर देश भक्त हो तो कसम खाओ की चीन का सामान नहीं खरीदेंगे
ऐसा सबक सिखाने से चीन खुद बर्बादी के कगार पर आ जाएगा
बीजिंग, 1 अक्टूबर: आज से चीन ने भारत के खिलाफ वाटर वॉर शुरू कर दिया है, चीन ने भारत की तरफ आने वाले ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोककर भारत के पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश के लिए मुसीबत खड़ी करके का मन बना लिया है, पानी रोके जाने से पूर्वी राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ सकता है साथ ही कृषि व्यवस्था भी चरमरा सकती है।
चीन ने यह काम ऐसे समय में किया है जब भारत पाकिस्तान की तरफ जाने वाले पानी को रोकने का मन बना रहा है, पाकिस्तान की गुजारिश पर ही चीन ने भारत के साथ वाटर वॉर छेड़ा है ताकि भारत डर जाए और पाकिस्तान का पानी ना रोके।
बात कुछ भी हो लेकिन पानी रोके जाने से भारत के लोग चीन से नाराज हैं और उसे सबक सिखाने का मन बना लिए हैं, चीन से बदला लेने का सबसे आसान तरीका है चाइनीज सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार कर देना, अगर ऐसा हो जाएगा तो चीन एक दो साल में पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा क्योंकि चीन की पूरी अर्थव्यवस्था भारत पर निर्भर है, अगर भारत चीन का सामान खरीदता है तो चीन के घरों में चूल्हा जलता है, अगर भारत के लोगों ने चीन के सामानों का बहिष्कार कर दिया तो चीन भारत से पैसे कमा नहीं पाएगा और उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और वहां पर लोग बेरोजगारी से मरने लगेंगे।
आज सोशल मीडिया पर लोगों ने चाइनीज सामानों का बहिष्कार करने की मांग की, पानी बंद किये जाने से लोग गुस्से में हैं, सस्ता होने की वजह से भारत के ज्यादातर लोग चाइनीज सामानों का इस्तेमाल करते हैं, लोगों ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें चाइनीज सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार कर देना चाहिए। भले ही हमें अपन देश या दूसरे देशों के सामान थोडा मंहगे कीमत में मिलें लेकिन जब हम चीन के सामानों का बहिष्कार कर देंगे तो चीन को अकल आ जाएगी।
जानकारी के अनुसार चीन ने एक बड़े बांध के निर्माण के लिए ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है, जिससे भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीन ने अपनी पनबिजली परियोजना के तहत शुक्रवार को ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है।
सिन्हुआ के मुताबिक, परियोजना प्रशासन ब्यूरो के प्रमुख झांग युनबाओ ने कहा, "शिगेज में शियाबुकू नदी पर लालहो परियोजना में 4.95 अरब युआन (74 करोड़ डॉलर) का निवेश किया गया है।"
ब्रह्मपुत्र नदी शिगेज होते हुए अरुणाचल प्रदेश में बहती है, जिसे शिगत्से भी कहा जाता है।
इस नदी का प्रवाह रोकने से निचले क्षेत्रों में बसे देश जैसे भारत व बांग्लादेश प्रभावित हो सकता है।
चीन ने यह कदम भारत द्वारा सिंधु नदी के अधिक से अधिक पानी के इस्तेमाल के फैसले के मद्देनजर भी उठाया है, जिससे पाकिस्तान प्रभावित होगा। चीन व पाकिस्तान मित्र देश हैं और भारत के खिलाफ कई मुद्दों पर चीन ने पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन किया है।
जून 2014 में शुरू की गई पनबिजली परियोजना के साल 2019 में पूरी होने की उम्मीद है। इसके जलग्रहण क्षेत्र में 29.5 करोड़ घन मीटर पानी संग्रह करने की क्षमता है, जिससे 30 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई करने में मदद मिलेगी।
झांग ने कहा कि यह परियोजना बहुद्देश्यीय है
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