Labels

Saturday, November 14, 2015

Breaking News :तय करें आतंकवाद पर कौन साथ है और कौन खिलाफ: मोदी केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है

Breaking News :तय करें आतंकवाद पर कौन साथ है और कौन खिलाफ: मोदी
केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है


पेरिस में हुए बर्बर आतंकवादी हमले को ‘मानवता पर हमला’ बताते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मांग की कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे दुनिया यह जान सके कि कौन आतंक का समर्थन कर रहा है और कौन उसके खिलाफ है.




150 से अधिक लोगों की जान लेने वाले पेरिस आतंकी हमले की निंदा करते हुए मोदी ने कहा, ‘पेरिस में कल जो हुआ, वह मानवता पर हमला है और दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह केवल पेरिस पर हमला नहीं है, केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है.’

मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए
12वीं शताब्दी के भारत के महान दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मानवतावादी सिद्धांतों पर हमला है, इसलिए मानवता में जो भी ताकतें विश्वास रखती है, उन्हें एकसाथ आकर ऐसे हमलों की निंदा करनी चाहिए. मानवता विरोधी शक्तिओं को शिकस्त देने के लिए सभी मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए.’

मोदी ने कहा कि जब भी दुष्ट ताकतें सिर उठाती है, बसवेश्वर जैसे लोग उनके खिलाफ मुख्य भूमिका में सामने आ जाते हैं. ब्रिटेन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसे समय में बसवेश्वर की प्रतिमा का आनावरण कर रहा हूं. जब मेरा हृदय सदमे में हैं.’ मोदी ने मांग की कि इससे पहले बहुत देर हो जाये, संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन इस बुराई से लड़ रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को मंजूरी देने की अपील की .

समय न गंवाएं 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि अपनी 70वीं वषर्गांठ मनाते समय संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने को लेकर और समय न गंवाएं. प्रस्ताव उसके समक्ष है. जिससे कि हमें यह पता लग सके कि कौन आतंकवाद के साथ है, कौन आतंकवाद की मदद कर रहा है, कौन आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और कौन आतंकवाद का शिकार है, कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन मानवतावाद के साथ रहकर कुर्बानी देने को तैयार है.’ उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, दुनिया की मानवता समर्थक शक्तियां एकजुट हो जायें और ये एकजुट होकर ऐसी रणनीति बनाये जो मानवता विरोधी शक्तियों को परास्त कर दें.

इस आतंकी हमले पर मोदी ने जारी एक अलग बयान में कहा, ‘पेरिस में हुए इस बर्बर आतंकी हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. 100 से अधिक लोग उस समय मारे गए जो क्षण उनके बेहद प्रिय थे या जिन क्षणों को वे अपने प्रियजनों के साथ बिता रहे थे.’

मोदी ने कहा कि बसवेश्वर (1134-1168) के विचार और मूल्य लोगों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में ही महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगाई थी । भारतीय प्रधानमंत्री को ‘मैग्नाकार्टा’ की एक प्रति भेंट की गई है। उन्होंने ‘मैग्नाकार्टा’ का उललेख करते हुए बताया कि इस महान दस्तावेज में जिन अधिकारों और सिद्धांतों की बात की गयी है, उन सभी अधिकारों और सिद्धांतों को बसवेश्वर बहुत पहले ही लिख गए। बसवेश्वर को लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का पैरोकार बताते हुए मोदी ने कहा,‘‘ जब भी हम नागरिकों के समानता के अधिकार की बात करते हैं तो सबसे पहले अब्राहम लिंकन का नाम याद आता है लेकिन बसवेश्वर ने 700 वर्ष पहले ही इन सिद्धातों की स्थापना की थी। ’’  

महान भारतीय दार्शनिक की प्रतिमा की स्थापना को भारत के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों को लोकतांत्रिक सिद्धातों के प्रति आकर्षित भी करेगी। बसवेश्वर ने अछूतों के प्रति अपनाये जाने वाले भेदभावपूर्ण रवैये का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां समय समय पर कई समाज सुधारक सामने आये। इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ नीरज पाटिल भी उपस्थित थे



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Friday, November 13, 2015

Was Tipu Sultan a secular king or a murderer of Hindus? The answer isn’t very simple

Was Tipu Sultan a secular king or a murderer of Hindus? The answer isn’t very simple


News : DNA India
Tuesday, 10 November 2015 - 9:00pm IST | Agency: dna webdesk


Shares Facebook Twitter Google+ Reddit Whatsapp Comments

Tipu Sultan’s "secular" or "religious" actions, while important from a historical perspective, should not be the reason for anyone’s death in this day and age.
Tipu Sultan Wikimedia Commons
On Tuesday, things in Karnataka turned ugly when a Vishwa Hindu Parishad (VHP) activist named DS Kuttappa was allegedly killed in Madikeri, after clashes broke out over the birth anniversary celebrations of 18th century Mysore ruler Tipu Sultan. According to the police, Kuttappa suffered head injuries and died on the spot.




The violence erupted after the ruling Congress government in the state announced statewide celebrations for Tipu Jayanti for the first time, which were boycotted by the BJP and their ideological brethren, who see Sultan as a religious bigot. However, Karnataka CM Siddaramaiah defended the move, saying Tipu was a secular leader. “Tipu Sultan was a secular ruler. He was a model king in the entire country. A section of people criticise him out of prejudice,” he said.

Tipu Sultan’s actions in history are up for debate, and it’s impossible to place him into comfortable modern brackets like 'secular leader' or 'Hindu killer' or 'freedom fighter'.

So was Tipu a secular king or a murderer of Hindus?

While some consider Tipu a national hero, others paint him as a Hindu-killing king who forced people to convert to Islam. The latter was a view backed by the British, who he fought against after allying with the French.

In a Guardian article, William Dalrymple says it was the British who painted Tipu as a tyrant. He writes: “There was no doubt who would be the first to be targeted: a Muslim dictator whose family had usurped power in a military coup. According to British sources, this chief of state was an "intolerant bigot", a "furious fanatic" with a "rooted and inveterate hatred of Europeans", who had "perpetually on his tongue the projects of jihad". He was also deemed to be "oppressive and unjust ... [a] sanguinary tyrant, [and a] perfidious negotiator".”

He adds that what worried the British was that Tipu was an able fighter who used ‘weapons of the West’ against their inventors, which at times were superior to the East India Company’s old matchlocks. He also claims that Tipu continued the Indo-Islamic tradition of syncretism, even though he did destroy Hindu temples conquered in war, while supporting temples which fell under his kingdom.

Meanwhile, in a Firstpost article, MA Deviah talks about why celebrating Tipu Jayanti is insulting to various people in the region, particularly in places like Coorg, Mangalore and Kerala. He writes: “…(they) regard Tipu Sultan as a tyrant who destroyed temples, killed non-Muslims, and forcibly converted tens of thousands of conquered people. Various parties and organisations have already taken out protest processions and 10 November, is being observed across Coorg district as a black day.”

The article claims that people in Coorg were circumcised and forced to eat beef and that Tipu is also said to have destroyed temples in Coorg. He also quotes a Portuguese missionary who wrote that Tipu ‘tied naked Christians and Hindus to the legs of elephants and made the elephants move around till the bodies of the helpless victims were torn to pieces.’

There are several claims of other atrocities by Tipu Sultan, but then similar things could be said about any ruler, including Akbar or Aurangzeb or even king Ashoka, if we were to judge them by modern standards of governance.

How long will we fight about history?

To the cynical viewer, celebrating Tipu Jayanti was a move by the Congress to antagonise the right-wing, and they fell for it hook, line and sinker to further bolster the image that the BJP and their ideological brethren are anti-Islam, with communal elements waiting for a flare-up. It also gave Siddaramaiah the opportunity to accuse the RSS and "other communal forces" of making it a communal issue and opposing it. Tipu Sultan’s "secular" or "religious" actions, while important from a historical perspective, should not be the reason for anyone’s death in this day and age. How long will we keep fighting about what happened in the past, instead of dealing with the many, many issues that plague modern-day India




Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

राम नाम की अंगूठी पहनता था टीपू सुल्तान, मौत के बाद अंग्रेज ने थी उतारी

राम नाम की अंगूठी पहनता था टीपू सुल्तान, मौत के बाद अंग्रेज ने थी उतारी


टीपू सुल्तान की सोने की वह अंगूठी लंदन में नीलाम कर दी गई जिस पर 'राम' लिखा था. क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने सोने की इस अंगूठी को एक लाख 45 हजार पाउंड में बेचा.

मुसलमान राजा टीपू सुल्तान की ये अंगूठी खास इसलिए है कि क्योंकि इस पर राम का नाम लिखा है.

(टीपू सुल्तान की ये सोने की अंगूठी मई 2014 में लंदन में नीलाम हुई थी. ये ख़बर उस नीलामी के बीद बीबीसी हिंदी पर छपी थी)

टीपू सुल्तान को भारत में ब्रिटिश शासन से लोहा लेने के लिए जाना जाता है. माना जाता है कि उनकी मौत के बाद एक ब्रिटिश जनरल ने ये अंगूठी उनके शव से निकाल ली थी.




क्रिस्टी की वेबसाइट के अनुसार, 41 ग्राम की ये अंगूठी अनुमानित मूल्य से दस गुना ज्यादा कीमत पर सेंट्रल लंदन में नीलाम की गई. इसके खरीददार की पहचान उजागर नहीं की गई.

आरोप है कि ये अंगूठी उनके मृत शरीर से तब निकाली गई थी, जब वे 1799 में श्रीरंगापट्टनम की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के हाथों मारे गए थे.

नीलामी सूची में अंगूठी के बारे में लिखा है, ''हैरानी की बात है कि एक महान मुस्लिम योद्धा राजा हिन्दू भगवान के नाम की अंगूठी पहनता था.''

अपने पिता हैदर अली के बाद उन्होंने 17 साल तक मैसूर पर शासन किया. उन्हें 'टाइगर ऑफ मैसूर' के रूप में जाना जाता था.

विरोध -
भारत के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के प्रोफेसर एस शेट्टार ने इस महीने की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि अगर ये अंगूठी किसी प्राइवेट बोली लगाने वाले को बेची गई तो ये जनता की निगाह से ओझल हो सकती है.

उन्होंने भारतीय सरकार से अपील की थी कि वह इस अंगूठी को हासिल करने के लिए सभी तरह के कानूनी और राजनयिक तरीक़े अपनाए.

उन्होंने कहा कि अगर अंगूठी की नीलामी नहीं रोकी जा सकती है तो भारतीय अमीरों को देश की इस धरोहर को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. वैसे पता नहीं चल सका है कि अंगूठी का नया मालिक भारतीय है या नहीं.

'टीपू सुल्तान यूनाइटेड फ्रंट' के एक संगठन ने भारतीय अधिकारियों से अपील की थी कि वो इस अंगूठी की बिकने से रोकें. इस अंगूठी को क्रिस्टीज़ ने दो साल पहले भी नीलाम करने की बात की थी लेकिन बाद में नीलामी रोक दी गई थी.






Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Breaking News : कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला लिया गया , मगर इतिहास पटा पड़ा है टीपू सुल्तान की क्रूरता से

Breaking News : कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला लिया गया , मगर इतिहास पटा पड़ा है टीपू सुल्तान की क्रूरता से 

इस्लाम कहीं अंतरिक्ष से नहीं आया , हिंदुस्तान में इस्लाम का आगमन तलवार के साथ में हुआ और टीपू सुल्तान की कहानी भी उसी में से एक है 

इतिहास में टीपू की क्रूरता  दर्ज है , कैसे वह पुराने समय में आई एस आई एस उग्रवादियों की तरह सर कलम कर देता था 
विकिपीडिया और दुनिया भर की इतिहास की वेबसाइट्स बताती हैं टीपू की क्रूरता के बारे में 

************************************
American Academy of Religion, Gonzaga University, May, 2006 
में रिसर्चिस्ट  निकोलस ऍफ़ जीर ने लिखा है की - >>>> 

The most striking example of mass reconversion happened in Mysore, where Tipu Sultan (1750-1799) required that all his citizens convert to Islam.  Today only 5 percent of the people in the Mysore area is Muslim, while the adjoining Malabar Coast has 30 percent Muslims,[5] primarily because they settled this area as peaceful traders in the 8th Century.  

Source :- >>> http://www.webpages.uidaho.edu/ngier/mm.htm
**********************************

एक ब्लॉग पर क्या लिखा गया है टीपू सुल्तान के बारे में  ->>>

Blog Source Link / बात इस ब्लॉग पर बताई गई है  : - >>>> http://journey2truth.blog.co.uk/2008/11/18/the-genocide-of-brahmin-men-women-and-children-by-tipu-5056130/

The genocide of Brahmin men women and children by Tipu

by journey @ 2008-11-18 – 09:13:21

In independent India, the muslim terrorists explode bombs on Hindu festival days in crowded markets, to kill maximum number of Hindus. This reminds me of a time more than 200 years ago when the muslim ruler Tipu had herded some 700 Brahmin men, women and children and brutally beheaded all of them in the typical muslim fashion on a Deepavali day in Karnataka. The decapitated Karnataka Brahmins belonged to the mandyam Iyengar sect of Karnataka and related to Tirumaliengar, the Pradhan of Mysore. Because it was on a Deepavali day that Tipu beheaded these Brahmin ancestors their descendents belonging to the Mandyam Iyengar sect stay away from Deepavali celebrations. Deepavali is the reminder of a black day for this Brahmin sect.

The muslim king, Tipu had ruled his kingdom only for sixteen-and-a-half years, from December 7, 1782 to May 4, 1799. The territory of Malabar was Under his effective control only for a short period of eight years. He had a treacherous Brahmin Divan by name Purnaiyya. Purnaiyya had managed to gather some 90,000 soldiers, three crore rupees, and huge quantities of gold ornaments and precious stones from the Hindu population for Tipu. Seeing this wealth Tipu wanted to rule South India and wanted to become an Emperor of India. Tipu had to defeat first the British to become an emperor. Superstitious Tipu consulted many Hindu astrologers in Sree Ranganatha Swami temple. These astrologers did not see Tipu becoming an emperor, but suggested that if some of the suggested remedial Hindu rituals were performed; he could achieve his cherished ambition. Believing the astrologers the idiotic Tipu performed all Hindu pujas in the Sree Ranaganatha Swami temples as suggested by the astrologers. Tipu gave costly presents to the astrologers. This act is being widely interpreted by leftist and minority historians as the love and respect for Hindu religion and traditions by Tipu. But there is a long list of Hindu temples that were desecrated and razed down by Tipu and his muslim army in South India and in Malabar. On the eve of Tipu’s death there was only two Hindu temples left standing with in the Sreerangapatanam fortress. Tipu did not consider the Hindu rulers of Maharashtra, Coorg and Travancore or the Muslim ruler Nizam as impediments. He was afraid of only the British. Tipu was convinced that he could easily become the Emperor of India if he could somehow vanquish the British. Because of his intense anti-British attitude, the leftist and minority historians of Congress have made a vain attempt to paint Tipu as a great national hero. Opposition to foreign powers need not be always due to one’s love for the country. To achieve his selfish goal and to face the British forces, Tipu sought the assistance of another foreign power, the French, who were maneuvering to establish their own domination in the country. How is it possible, therefore, for Tipu to be an enemy of foreign forces when he himself had sought help from Napoleon who was then a prisoner in St. Helena Island and also from the French King, Louis XVI? Besides, Tipu also wanted to establish Islamic rule in the country. To achieve his Islamic empire he had to defeat the British first. For this purpose, Tipu solicited the assistance of Muslim countries like Persia, Afghanistan and Turkey. It is true that Tipu did not harm the Raja of Cochin or anyone for that matter who surrendered and pledged loyalty to him. But this was only a tactic of the typical muslim ruler who wanted to establish first, before eliminating the Hindu Kingdoms of the south. Tipu was never a friend of Hindus. Tipu and the Hyderabad Nizam were the only Muslim rulers in the Deccan at that time and hence he wanted to avoid any dispute with the Hyderabad Nizam. When Tipu was a teenager, his father, Hyder Ali Khan had asked Hyderabad Nizam’s daughter in marriage for young Tipu, but that marriage proposal was rejected by Hyderabad Nizam. With the ambition of becoming a muslim emperor, Tipu asked a daughter of Hyderabad Nizam for his own son. But the Hyderabad Nizam, considering Tipu as an upstart with no aristocratic heredity, refused the proposal. As if to spite the Hyderabad Nizam, Tipu got another of his sons married to the daughter of Arackal Bibi of Cannanore mainly to secure the loyalty of Malabar Muslims for subjugating the entire Malabar region. The family of Arackal Bibi, though converted to Islam was following the matriarchal system and Tipu who was a muslim fanatic was totally against it and wanted to change it.

Tipu's rule was that of a typical muslim fanatic. In a deliberately designed taxation scheme, the religious prejudice of Tipu Sultan became quite clear. His co-religionists, Muslims, were exempted from house tax, commodity tax and also the levy on other items of household use. Also those who were converted to Islam were given similar tax exemptions. Tipu made provisions for the education of the muslim children only. Tipu had deep hatred towards all non-muslims and stopped appointing Hindus in different administrative and military jobs as practiced by his father, Hyder Ali Khan. During the entire period of sixteen years of his regime, the Brahmin traitor, Purnaiyya was the only Hindu who had adorned the post of Divan among a group of muslim Divans under Tipu Sultan. Two years before the death of Tipu not even a single Hindu was present in Tipu’s top 65 senior officials. All the Mustadirs were also Muslims. In 1789, when the Hyderabad Nizam and other Muslim rulers decided that only Muslims would be appointed in all Government posts, Tipu Sultan also adopted the same policy in his Mysore State. Just because they were Muslims, even those who were illiterate and inefficient, were also appointed to important Government posts. This attitude of muslims prevails even today against non muslims. In 1996 the Dubai Sheikh had issued an order to all heads of the government departments, who were mostly local mullah’s or from the royal relations, that only muslims should be appointed in Dubai government jobs and those non muslims working already in various government departments should be terminated upon the completion of their contract without the usual automatic extension and if need be they should be removed saying that they are inefficient in the jobs.

Even for getting promotions, one still had to be a Muslim under Tipu Sultan's regime. Based on the writings of Tipu's son, Ghulam Muhammad it is known that all the records relating to tax revenue, were ordered to be written in Persian rather than in Marathi and Kannada as followed earlier. He even tried to make Persian the State language in place of Kannada. Ghulam Muhammad had written that all the Government posts were filled by lazy corrupt and irresponsible Muslims. A Muslim historian like Kirmani’s writing also confirms Tipu’s Islamisation policy. As a consequence the Hindu population had to suffer a great deal because of these incompetent and corrupt Muslim officials. The Muslim staffs at all levels were totally corrupt and dishonest. Tipu had changed even the Hindu names of places as Tipu could not tolerate Hindu names. Mangalapuri which is the present day Mangalore was renamed as Jalalabad by Tipu. Kanwapuram which is the present day Cannanore was renamed as Kusanabad. Vaippura which is now known as Bepur was renamed to an Islamic name Sultanpatanam or Faruqui. Mysore was renamed as Nazarabad, Dharwar to Quarshed-Sawad, Gooty to Faiz-llissar, Ratnagiri to Mustafabad, Diridigul to Khaliqabad, and Kozhikode to Islamabad by Tipu. After the death of Tipu the local people reverted to their old names.

The cruelties committed by Tipu on the Hindu population of Coorg have no parallel in history. On one occasion, Tipu under the threat of beheading them forcibly converted over ten thousand Hindus to Islam. On another occasion, Tipu rounded up and tortured more than one thousand Hindu Coorgis and forcibly converted them to Islam before imprisoning them in the Sreerangapatanam fortress.

Against the solemn oath given to the Raja of Coorg, Tipu has shown the barbaric muslim trait and he forcibly abducted a young princess from the Coorg royal family and made her his wife against her will.

The atrocities committed by Tipu in Bidnur in North Karnataka during and after its capture, were most barbarous and beyond description. Kumaran Nambiar from Chirackal Kingdom was captured and circumcised and forcibly converted to Islam by Hyder Ali and was given the name Ayaz Khan. Ayaz Khan was later appointed by Hyder Ali as the Governor of Bidnur. Hyder Ali’s son Tipu was jealous of Ayaz Khan from the very beginning because his father Hyder Ali considered Ayaz Khan more intelligent and smart than Tipu. When Ayaz Khan learnt that Tipu was scheming to kill him secretly, he escaped to Bombay with plenty of gold. Tipu then went to Bednur and under the threat of sword, forcibly converted its entire Hindu population to Islam. After Tipu captured Mangalore, thousands of Christians were forcibly sent to Sreerangapatanam where all of them were circumcised and converted to Islam.

The heroic queen Rani Lakshammanni wife of Immadi Krishnaraja Wodeyar who lived most of her life under house arrest made relentless battle for the restoration of her throne during the period of Hyder Ali and Tipu Sultan. Though Lakshammanni begins her quest for the restoration of the throne from the ascension of Hyder Ali to the throne, she started negotiating with the British in the 1760's with the help of Tirumalaiengar and his brother Narayan Row. Queen Rani Lakshammanni had assured the two brothers of the pradhanship of Mysore and one-tenth of the income of the state as their salary in perpetuity, should they succeed in their endeavor. On coming to know of this, Hyder imprisoned all their relatives who were belonging to Bharadwaja gotra known as mandyam Iyengars. This Brahmin sect is related to Tirumaliengar, the Pradhan of Mysore. Mandyam Iyengars were living between Mandya and Srirangapatna area, and it was known as Tirumala Row.

Tipu in 1790 came to know of an agreement between Gen. Harris, the then Governor of Madras, and Tirumaliyengar. Tipu immediately herded all the relatives Tirumalaiengar some 700 in total, for butchering. The torture and beheading of the Brahmin men, women and children were carried out on the Deepavali day on the specific orders of Tipu. After the genocide of these Brahmins of Karnataka, their descendents till date have not celebrated a single Deepavali festival. The cruelty inflicted on the innocents has parallel only to the christian Nazi concentration camps of the second world war. The Karnataka Brahmins belonging to the mandyam Iyengars observe Deepavali as a Dark Day.

The Mogul historians downwards to the historians of the British colonial and the subsequent historians selected by Nehru tried to glorify the muslim terrorist rule in India. Nehru always installed muslims to head even our Archeological Survey of India so that truths like the Taj Mahal was Tejo Mahalaya, is in fact was a Siva Temple that existed long before Shajahan was born not revealed to the Indian public.

As per the reputed historian, Lewis Rice, who wrote the History of Mysore, he states Tipu as a muslim fanatic. As per Lewis Rice on the eve of Tipu’s death there was only two Hindu temples left standing within the Sreerangapatanam fortress. It was only for the satisfaction of his Hindu astrologers who bluffed Tipu that he will one day be an emperor that Tipu had spared those two temples. The entire wealth of every Hindu temple was looted before 1790 itself by Tipu.

The result of Tipu’s brutal conversion of Hindus in the south India is there for everybody to see. Mini Pakistans have come up in all those areas where Tipu ruled. If Tipu had not secured the assistance of a traitor Brahmin Purnaiyya, there would not have been so many terrorist muslims in the states of Kerala and Karnataka. Hindu population and prosperity was reduced in the areas where Tipu ruled. In these mini Pakistans, muslims raise Pakistani flags, and run a mini Islamic state. When these muslims in these areas earn seven rupee per head the Hindus who are outnumbered earn just one rupee per head.


Blog Source Link / उपरोक्त बात इस ब्लॉग पर बताई गई है  : - >>>> http://journey2truth.blog.co.uk/2008/11/18/the-genocide-of-brahmin-men-women-and-children-by-tipu-5056130/


Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Breaking News : वोट बैंक की राजनीती में गर्त में जाती हुई कर्णाटक कांग्रेस सरकार ने टीपू सुल्तान ( उसकी नजरों में हिन्दू काफिर , और उनके संहार के लिए प्रसिद्द ) की जयंती मनाई टीपू सुल्तान जयंती पर बवाल, VHP नेता की मौत

Breaking News : वोट बैंक की राजनीती में गर्त में जाती हुई कर्णाटक  कांग्रेस सरकार ने टीपू सुल्तान ( उसकी नजरों में हिन्दू काफिर , और उनके संहार के लिए प्रसिद्द ) की जयंती मनाई 

टीपू सुल्तान जयंती पर बवाल, VHP नेता की मौत


इतिहास पटा हुआ है टीपू सुल्तान की क्रूरता से  - 

************************************
American Academy of Religion, Gonzaga University, May, 2006 
में रिसर्चिस्ट  निकोलस ऍफ़ जीर ने लिखा है की - >>>> 

The most striking example of mass reconversion happened in Mysore, where Tipu Sultan (1750-1799) required that all his citizens convert to Islam.  Today only 5 percent of the people in the Mysore area is Muslim, while the adjoining Malabar Coast has 30 percent Muslims,[5] primarily because they settled this area as peaceful traders in the 8th Century.  

Source :- >>> http://www.webpages.uidaho.edu/ngier/mm.htm
**********************************

Facebook par log aisee post likh rahe hain -




https://www.facebook.com/534318863351802/photos/a.534321980018157.1073741827.534318863351802/769894666460886/?type=3&theater
************************************************************************

विकिपीडिया टीपू सुल्तान की क्रूरता के बारे में यह बताती है ( Wikipedia about Tipu Sultan on Kafir Hindus) :- >>>

Haidar Ali and Tipu Sultan[edit]

Ruins of a temple, entirely made of stone. The four-storied temple ruins rise behind two free-standing pillared structures, one of which hides the entrance to the temple. Sculptures of human forms are seen on the upper stories. Grass grows on various exposed surfaces of the ruins. A pathway, paved with stone slabs, fringes the visible perimeter of the temple.
An 1868 photograph of the ruins of the Vijayanagara Empire atHampi, now a UNESCO World Heritage Site[36]
There are historians who state that Tippu Sultan was a religious persecutor of Hindus.[37][38] C. K. Kareem also notes that Tippu Sultan issued an edict for the destruction of Hindu temples in Kerala.[39] Hindu groups revileTipu Sultan as a bigot who massacred Hindus.[40] He was known to carry out forced conversions of Hindus and Christians.[41]
Tipu got Runmust Khan, the Nawab of Kurool, to launch a surprise attack upon the Kodava Hindus (also called Coorgs or Coorgis) who were besieged by the invading Muslim army. 500 were killed and over 40,000 Kodavas fled to the woods and concealed themselves in the mountains.[42] Thousands of Kodava Hindus were seized along with the Raja and held captive at Seringapatam (Srirangapatna). They were also subjected to forcible conversions to Islam, death, and torture.[43][full citation needed]
In Seringapatam, the young men who were forcibly circumcised were incorporated into the Ahmedy Corps, and they formed eight Risalas or regiments.[42] The actual number of Kodavas that were captured in the operation is unclear. The British administrator Mark Wilks gives it as 70,000, Historian Lewis Rice arrives at the figure of 85,000, while Mir Kirmani's score for the Coorg campaign is 80,000 men, women and child prisoners.[42] In a letter to Runmust Khan, Tipu himself stated:[44][
We proceeded with the utmost speed, and, at once, made prisoners of 40,000 occasion-seeking and sedition-exciting Coorgis, who alarmed at the approach of our victorious army, had slunk into woods, and concealed themselves in lofty mountains, inaccessible even to birds. Then carrying them away from their native country (the native place of sedition) we raised them to the honour of Islam, and incorporated them into our Ahmedy corps.
In 1788, Tipu ordered his governor in Calicut Sher Khan to begin the process of converting Hindus to Islam, and in July of that year, 200 Brahmins were forcibly converted and made to eat beef.[45] Mohibbul Hasan, Prof. Sheikh Ali, and other historians cast great doubt on the scale of the deportations and forced conversions in Coorg in particular, and Hasan says that the British versions of what happened were intended to malign Tipu Sultan, and to be used as propaganda against him.[citation needed] He argues that little reliance can be placed in Muslim accounts such as Kirmani's Nishan-e Haidari; in their anxiety to represent the Sultan as a champion of Islam, they had a tendency to exaggerate and distort the facts: Kirmani claims that 70,000 Coorgis were converted, when forty years later the entire population of Coorg was still less than that number. According to Ramchandra Rao Punganuri the true number of converts was about 500.[46]
Tipu sent a letter on 19 January 1790 to the Governor of Bekal, Budruz Zuman Khan. It says:
Don't you know I have achieved a great victory recently in Malabar and over four lakh Hindus were converted to Islam? I am determined to march against that cursed Raman Nair (Rajah of Travancore) very soon. Since I am overjoyed at the prospect of converting him and his subjects to Islam, I have happily abandoned the idea of going back to Srirangapatanam now.[47]
The following is a translation of an inscription on the stone found at Seringapatam, which was situated in a conspicuous place in the fort:[48]
Oh Almighty God! dispose the whole body of infidels! Scatter their tribe, cause their feet to stagger! Overthrow their councils, change their state, destroy their very root! Cause death to be near them, cut off from them the means of sustenance! Shorten their days! Be their bodies the constant object of their cares (i.e., infest them with diseases), deprive their eyes of sight, make black their faces (i.e., bring shame).
He also corresponded with the Sringeri Shankaracharya – expressing grief and indignation at a raid by Maratha bandit horsemen (called Pindari), which killed many and plundered the monastery of its valuable possessions,[49] patronised the Melkote temple (which has gold and silver vessels with inscriptions indicating that they were presented under the Sultan), for which a Kannada decree was issued that the Shrivaishnava (Hindu sectary) invocatory verses there should be recited in the traditional form. Tipu Sultan also presented four silver cups to the Lakshmikanta Temple at Kalale[50] and probably presented the Ranganatha temple at Srirangapatana with seven silver cups and a silver camphor burner.[51] Some historians have argued that these acts happened after the Third Mysore war, where he had to negotiate on the terms of surrender. They claim that these acts were motivated by a political desire to get the support of his Hindu subjects.
Historian Hayavadana C. Rao wrote about Tippu in his encyclopaedic work on the History of Mysore. He asserted that Tippu's "religious fanaticism and the excesses committed in the name of religion, both in Mysore and in the provinces, stand condemned for all time. His bigotry, indeed, was so great that it precluded all ideas of toleration". He further asserts that the acts of Tippu that were constructive towards Hindus were largely political and ostentatious rather than an indication of genuine tolerance.

Source : https://en.wikipedia.org/wiki/Persecution_of_Hindus
*****************************************************************
US History / America ki Histroy Site Kya Kehtee hain Tippu Sultan ke Baare Mein ->>


CONVERSIONS OF HINDUS TO ISLAM

Tipu sent a letter on 19 January 1790 to the Governor of Bekal, Budruz Zuman Khan. It says:
"Don't you know I have achieved a great victory recently in Malabar and over four lakh Hindus were converted to Islam? I am determined to march against that cursed Raman Nair (Rajah of Travancore) very soon. Since I am overjoyed at the prospect of converting him and his subjects to Islam, I have happily abandoned the idea of going back to Srirangapatanam now."[51]
On the handle of the sword presented by Tipu to Marquess Wellesley was the following inscription:[52]
"My victorious sabre is lightning for the destruction of the unbelievers. Ali, the Emir of the Faithful, is victorious for my advantage, and moreover, he destroyed the wicked race who were unbelievers. Praise be to him (God), who is the Lord of the Worlds! Thou art our Lord, support us against the people who are unbelievers. He to whom the Lord giveth victory prevails over all (mankind). Oh Lord, make him victorious, who promoteth the faith of Muhammad. Confound him, who refuseth the faith of Muhammad; and withhold us from those who are so inclined from the true faith. The Lord is predominant over his own works. Victory and conquest are from the Almighty. Bring happy tidings, Oh Muhammad, to the faithful; for God is the kind protector and is the most merciful of the merciful. If God assists thee, thou will prosper. May the Lord God assist thee, Oh Muhammad, with a mighty great victory."
During a search of his palace in 1795, some gold medals were found in the palace, on which the following was inscribed on one side in Persian: "Of God the bestower of blessings", and the other: "victory and conquest are from the Almighty". These were carved in commemoration of a victory after the war of 1780.[53] The following is a translation of an inscription on the stone found at Seringapatam, which was situated in a conspicuous place in the fort:[52]
"Oh Almighty God! dispose the whole body of infidels! Scatter their tribe, cause their feet to stagger! Overthrow their councils, change their state, destroy their very root! Cause death to be near them, cut off from them the means of sustenance! Shorten their days! Be their bodies the constant object of their cares (i.e., infest them with diseases), deprive their eyes of sight, make black their faces (i.e., bring shame)."
In 1788, Tipu ordered his governor in Calicut Sher Khan to begin the process of converting Hindus to Islam, and in July of that year, 200 Brahmins were forcibly converted and made to eat beef.[54] Mohibbul Hasan, Prof. Sheikh Ali, and other historians cast great doubt on the scale of the deportations and forced conversions in Coorg in particular, and Hasan says that the British versions of what happened were intended to malign Tipu Sultan, and to be used as propaganda against him.[55] He argues that little reliance can be placed in Muslim accounts such as Kirmani's Nishan-e Haidari; in their anxiety to represent the Sultan as a champion of Islam, they had a tendency to exaggerate and distort the facts: Kirmani claims that 70,000 Coorgis were converted, when forty years later the entire population of Coorg was still less than that number. According to Ramchandra Rao Punganuri the true number of converts was about 500.[56] The portrayal of Tipu Sultan as a religious bigot is disputed, and some sources suggest that he in fact often embraced religious pluralism.[57]

Source :>>> http://gutenberg.us/articles/tipu_sultan



See Also Tipu Sultan an Islamic Monster ( Tippu Sultan Ek Islamic Rakshas ) ->> American Website is Saying for this in Histroy ->>>
http://docslide.us/documents/tipu-sultan-islamic-monster.html


*****************************************

टीपू सुल्तान जयंती पर बवाल, VHP नेता की मौत


कर्नाटक सरकार द्वारा टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के फैसले के विरोध में मादिकेरी में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा आज किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस झड़प में घायल विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक सचिव कुटप्पा की मौत हो गई।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी में एक पत्थर कुटप्पा के सिर पर लग गया, जिससे उसे काफी गंभीर चोटें आईं, और अस्पताल ले जाने तक उसकी मौत हो गई।
He was immediately rushed to the hospital but was declared dead on arrival: Om Prakash, Karnataka's DG &IGP pic.twitter.com/Uim6kqGxjH
— ANI (@ANI_news) November 10, 2015 वहीं, बीजेपी की कर्नाटक शाखा ने ट्वीट कर लिखा है, 'बीजेपी विश्व हिंदू परिषद के नेता की हत्या के खिलाफ राज्य भर में विरोध करेगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पूरी तरह से वीएचपी नेता कुटप्पा की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।'

इससे पहले बीजेपी ने कई अन्य ट्वीट्स में टीपू सुल्तान की जयंती के विरोध का आधार स्पष्ट करते हुए लिखा था, 'कांग्रेस सरकार द्वारा मनाए जा रहे टीपू सुल्तान जयंती के जश्न में बीजेपी शामिल नहीं होगी। टीपू एक गद्दार था। वह एक क्रूर शासक था, जिसने कई हिंदुओं की हत्या की। कांग्रेस द्वारा टीपू की जयंती मनाए जाने को बीजेपी उन लोगों का अपमान मानती है, जो टीपू के हाथों मारे गए थे।'

कर्नाटक सरकार ने आज 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले के बाद से दक्षिणपंथी गुट लगातार इसका विरोध कर रहे थे। वीएचपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई अन्य हिंदुत्ववादी संगठन टीपू सुल्तान को 'सबसे असहिष्णु' शासक बताते हुए उसकी जयंती मनाने का विरोध कर रहे थी, उधर कर्नाटक सरकार अपने फैसले पर कायम थी।

दक्षिणपंथी संगठनों ने पहले ही इस कार्यक्रम का विरोध करने का ऐलान कर दिया था। आज इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर पथराव और लाठीचार्ज किया। बताया जा रहा है कि इसी कार्रवाई के दौरान वीएचपी नेता की मौत हो गई।

**********************************


Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें...http://7joke.blogspot.com

Thursday, November 12, 2015

Breaking News : फ्लैश सेल में स्नैपडील ने 5 मिनट में बेची 60,000 मैगी किट्स , जंक फ़ूड (विटामिन , प्रोटीन रहित ) मैगी फिर से भारतीय बाजार में बिकना शुरू

Breaking News : फ्लैश सेल में स्नैपडील ने 5 मिनट में बेची 60,000 मैगी किट्स ,
जंक फ़ूड (विटामिन , प्रोटीन रहित ) मैगी फिर से भारतीय बाजार में बिकना शुरू 



************************************
हमारे देश भारत में जहर भी सस्ता बेचोगे तो वो भी धड़ल्ले से बिकेगा -
मैगी में विटामिन , प्रोटीन नहीं हैं और सिर्फ जंक फ़ूड है जो की स्वस्थ्य की दृष्टि से बहुत ख़राब है ,
लेकिन भारत जैसे देश में मूर्खों की कमी नहीं जो कोल्ड ड्रिंक में पेप्सी , कोका कोला और खाने में जंक फ़ूड मैगी जैसे पदार्थ को पसंद करते हैं । 
जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से उम्दा कोल्ड ड्रिंक - नीम्बू पानी , जूस , पोदीना पानी, नारियल पानी  इत्यादि को कम पसंद करने वाले कुछ बेवकूफ भी  हैं 
खाने में नाश्ते में मैगी की जगह - इडली , पोहा , सूजी का उपमा , चने , मोंठ , सलाद (शलगम , ककड़ी , खीरा , टमाटर ) अच्छे होने के बावजूद भी जंक फ़ूड मैगी खाने वाले भी इस देश में हैं 
***********************************



फ्लैश सेल में स्नैपडील ने 5 मिनट में बेची 60,000 मैगी किट्सनई दिल्ली: ई-कामर्स प्लेटफार्म स्नैपडील पर मैगी की 60,000 वेल्कम किट्स की मात्र पांच मिनट्स में बिक गईं। टेक्नोलॉजी ने सामान की बिक्री को कितना आसान बना दिया है, यह इसका एक और उदाहरण है। ई-कॉमर्स साइट्स फ्लैश सेल से कुछ ही सेकेंड्स में करोड़ों रुपये के गैजेट्स औऱ अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचते रहे हैं और बिक्री के आंकड़े सुनकर सब हैरान रह जाते हैं। अब नेस्ले ने भी मैगी को फ्लैश सेल के जरिये बेचा और करीब 5 महीने बाद ज़बर्दस्त वापसी की है।

क्या होती है फ्लैश सेल

फ्लैश सेल एक ई-कामर्स कारोबार माडल है, जिसमें कोई वेबसाइट सीमित अवधि के लिए किसी एक उत्पाद की पेशकश करती है। संभावित ग्राहकों को इसके लिए पहले से पंजीकरण कराना होता है। वैसे तो फ्लैश सेल कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन भारत में इसपर ज़्यादा लोगों ने ग़ौर तब किया, जब शयाओमी ने फ्लैश सेल के माध्यम से फ्लिपकार्ट पर अपने स्मार्टफोन बेचने शुरू किए और रातोंरात जबर्दस्त सफलता पाई। दरअसल शयाओमी के फ्लैगशिप फोन एमआई को खरीदने के लिए उपभोक्ता को पहले फ्लिपकार्ट पर रजिस्टर करना होता था औऱ उसके बाद फ्लैश सेल वाले दिन सबसे पहले फोन खऱीदने के लिए एंट्री करने वाले लोगों को फोन मिल जाता था औऱ बाकियों को दिखता था ऑउट ऑफ स्टॉक का मैसेज। मैगी ने भी फ्लैश सेल की तकनीक अपनाकर भारतीय बाज़ार में जबर्दस्त वापसी कर ली है। मैगी वेल्कम किट्स के नए बैच की बिक्री 16 नवंबर को की जाएगी।

मैगी की फिर से बिक्री कैसे हुई संभव


बंबई उच्च न्यायालय ने अगस्त में मैगी से प्रतिबंध हटाते हुए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तीन प्रयोगशालाओं में इस ब्रांड का नए सिरे से परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। इससे पहले नेस्ले के लोकप्रिय 2 मिनट इंस्टैंट नूडल्स ब्रांड मैगी की बिक्री पर उसमें सीसे की मात्रा तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया था। मैगी की वेल्कम किट :12 पैकेज मैगी, 2016 का मैगी कलेंडर, मैगी फ्रिंज मैग्नेट, मैगी पोस्टकार्ड और वेल्कम बैक का पत्र: के लिए पंजीकरण 9 नवंबर को शुरू हुआ था, लेकिन इसकी स्नैपडील पर बिक्री आज शुरू हुई।

स्नैपडील का दावा सिर्फ 5 मिनट में बिक गईं 60 हज़ार वेल्कम किट्स

स्नैपडील के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (भागीदारी एवं रणनीतिक पहल) टोनी नवीन ने कहा, स्नैपडील ने मैगी वेल्कम किट के पहले 60,000 के बैच की बिक्री मात्र पांच मिनट में पूरी कर ली। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय ब्रांड्स में से एक का काफी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। देशभर से उपभोक्ताओं ने इसको लेकर काफी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दिखाई।







Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Wednesday, November 11, 2015

गोवर्धन पूजा व् अन्नकूट पूजा / Annakut | Govardhan Puja | Vishwakarma Divas

गोवर्धन पूजा व् अन्नकूट पूजा / 

Annakut | Govardhan Puja | Vishwakarma Divas





अन्न कूट की पूजा का तो हमारे यहाँ दिवाली से भी ज्यादा क्रेज होता है ,
पूजा कुछ भी हो , लेकिन आज के दिन आस पड़ोस में सब लोगों में  अधिक से अधिक सब्जियां खरीदने की होड़ रहती है ,
अड़ोसी पड़ोसी सब्जियां एक्सचेंज भी करते हैं , अधिक से अधिक वेरायटी दार सब्जी बनाने की होड़ रहती है ,
सब्जियों के साथ फल , मेवे भी डाले जातें हैं ,लेकिन हरी सब्जी की भरमार अधिक रहती है जिस से सब्जी जायकेदार व् सेहत के लिए लाभदायक होती हैं 

अन्नकूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का दिन है. इसमें पूरे परिवार, वंश व समाज के लोग एक जगह बनाई गई रसोई को भगवान को अर्पन करने के बाद प्रसाद स्वरुप ग्रहण करते है

*******************
गोवर्धन पर्व प्रत्येक वर्ष दिपावली के एक दिन बाद मनाया जाता है. वर्ष 2012 में यह् पर्व 14 नवम्बर, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया जायेगा. गोवर्धन पूजा के दिन ही अन्नकूट पर्व भी मनाया जाता है. दोनों पर्व एक दिन ही मनाये जाते है, और दोनों का अपना- अपना महत्व है. गो वर्धन पूजा विशेष रुप से श्री कृ्ष्ण की जन्म भूमि या भगवान श्री कृ्ष्ण से जुडे हुए स्थलों में विशेष रुप से मनाया जाता है.

इसमें मथुरा, काशी, गोकुल, वृ्न्दावन आदि में मनाया जाता है. इस दिन घर के आँगन में गोवर्धन पर्वत की रचना की जाती है. श्री कृ्ष्ण की जन्म स्थली बृ्ज भूमि में गोवर्धन पर्व को मानवाकार रुप में मनाया जाता है. यहां पर गोवर्धन पर्वत उठाये हुए, भगवान श्री कृ्ष्ण के साथ साथ उसके गाय, बछडे, गोपिया, ग्वाले आदि भी बनाये जाते है. और इन सबको मोर पंखों से सजाया जाता है.

और गोवर्धन देव से प्रार्थना कि जाती है कि पृ्थ्वी को धारण करने वाले हे भगवन आप गोकुल के रक्षक है, भगवान श्री कृ्ष्ण ने आपको अपनी भुजाओं में उठाया था, आप मुझे भी धन-संपदा प्रदान करें. यह दिन गौ दिवस के रुप में भी मनाया जाता है. एक मान्यता के अनुसार इस दिन गायों की सेवा करने से कल्याण होता है. जिन क्षेत्रों में गाय होती है, उन क्षेत्रों में गायों को प्रात: स्नान करा कर, उन्हें कुमकुम, अक्षत, फूल-मालाओं से सजाया जाता है.

गोवर्धन पर्व पर विशेष रुप से गाय-बैलों को सजाने के बाद गोबर का पर्वत बनाकर इसकी पूजा की जाती है. गोबर से बने, श्री कृ्ष्ण पर रुई और करवे की सीके लगाकर पूजा की जाती है. गोबर पर खील, बताशे ओर शक्कर के खिलौने चढाये जाते है.

मथुरा-वृंन्दावन में यह उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. सायंकाल में भगवान को छप्पन भोग का नैवैद्ध चढाया जाता है.

गोवर्धन पूजा कथा
Story of Govardhan Puja
गोवर्धन पूजा के विषय में एक कथा प्रसिद्ध है. बात उस समय की है, जब भगवान श्री कृ्ष्ण अपनी गोपियों और ग्वालों के साथ गायं चराते थे. गायों को चराते हुए श्री कृ्ष्ण जब गोवर्धन पर्वत पर पहुंचे तो गोपियां 56 प्रकार के भोजन बनाकर बडे उत्साह से नाच-गा रही थी. पूछने पर मालूम हुआ कि यह सब देवराज इन्द्र की पूजा करने के लिये किया जा रहा है. देवराज इन्द्र प्रसन्न होने पर हमारे गांव में वर्षा करेगें. जिससे अन्न पैदा होगा. इस पर भगवान श्री कृ्ष्ण ने समझाया कि इससे अच्छे तो हमारे पर्वत है, जो हमारी गायों को भोजन देते है.

ब्रज के लोगों ने श्री कृ्ष्ण की बात मानी और गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी प्रारम्भ कर दी. जब इन्द्र देव ने देखा कि सभी लोग मेरी पूजा करने के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे है, तो उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. इन्द्र गुस्से में आयें, और उन्होने ने मेघों को आज्ञा दीकी वे गोकुल में जाकर खूब बरसे, जिससे वहां का जीवन अस्त-व्यस्त हो जायें.

अपने देव का आदेश पाकर मेघ ब्रजभूमि में मूसलाधार बारिश करने लगें. ऎसी बारिश देख कर सभी भयभीत हो गयें. ओर दौड कर श्री कृ्ष्ण की शरण में पहुंचें, श्री कृ्ष्ण से सभी को गोवर्धन पर्व की शरण में चलने को कहा. जब सब गोवर्धन पर्वत के निकट पहुंचे तो श्री कृ्ष्ण ने गोवर्धन को अपनी कनिष्का अंगूली पर उठा लिया. सभी ब्रजवासी भाग कर गोवर्धन पर्वत की नीचे चले गयें. ब्रजवासियों पर एक बूंद भी जल नहीं गिरा. यह चमत्कार देखकर इन्द्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ. और वे श्री कृ्ष्ण से क्षमा मांगने लगें. सात दिन बाद श्री कृ्ष्ण ने गोवर्धन पर्वत नीचे रखा और ब्रजबादियों को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व मनाने को कहा. तभी से यह पर्व इस दिन से मनाया जाता है.

अन्नकूट पर्व
Annakut Festival
अन्नकूट पर्व भी गोवर्धन पर्व से ही संबन्धित है. इस दिन 56 प्रकार की सब्जियों को मिलाकर एक भोजन तैयार किया जाता है, जिसे 56 भोग की संज्ञा दी जाती है. यह पर्व विशेष रुप से प्रकृ्ति को उसकी कृ्पा के लिये धन्यवाद करने का दिन है. इस महोत्सव के विषय में कहा जाता है कि इस पर्व का आयोजन व दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को अन्न की कमी नहीं होती है. उसपर अन्नपूर्णा की कृ्पा सदैव बनी रहती है.

अन्नकूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का दिन है. इसमें पूरे परिवार, वंश व समाज के लोग एक जगह बनाई गई रसोई को भगवान को अर्पन करने के बाद प्रसाद स्वरुप ग्रहण करते है. काशी के लगभग सभी देवालयों में कार्तिक मास में अन्नकूट करने कि परम्परा है. काशी के विश्वनाथ मंदिर में लड्डूओं से बनाये गये शिवालय की भव्य झांकी के साथ विविध पकवान बनाये जाते है.



********************





गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है। शुक्रवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी। यह पूजा भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति प्रदर्शित करने का एक जरिया है।
भोपाल। ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार यह उत्सव कृष्ण की भक्ति व प्रकृत्ति के प्रति उपासना व सम्मान को दर्शाता है। भारत के लोकजीवन में इस त्यौहार का महत्व प्रत्यक्ष दिखाई पड़ता है। यह पर्व जीवन के हर क्षेत्र में प्रेम व समर्पण का भाव दर्शााता है।
गोवर्धन पूजन 
गाय के गोबर से गोवर्धननाथ जी की छवि बनाकर उनका पूजन किया जाता है तथा अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। श्रीमद्भागवत में इस बारे में कई स्थानों पर उल्लेख प्राप्त होते हैं। उसके अनुसार भगवान कृष्ण ने ब्रज में इंद्र की पूजा के स्थान पर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा आरंभ करवाई थी।
भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन इन्द्र का अहंकार धवस्त करके पर्वतराज गोवर्धन जी का पूजन करने का आह्वान किया था। इस विशेष दिन मन्दिरों में अन्नकूट किया जाता है तथा संध्या समय गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है। इस दिन अग्नि देव, वरुण, इन्द्र, इत्यादि देवताओं की पूजा का भी विधान है। इस दिन गाय की पूजा की जाती है फूल माला, धूप, चंदन आदि से इनका पूजन किया जाता है।
प्रकृति की उपासना है गोवर्धन पूजा 
ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार यह पर्व विशेष रूप से प्रकृति को उसकी कृपा के लिए धन्यवाद करने का दिन है। गोवर्धन पूजा की परंपरा प्रारंभ करके कृष्ण ने लोगों को प्रकृत्ति की सुरक्षा व उसके महत्व को समझाया। 
गोवर्धन पूजा का महत्व 
अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई मानी जाती है। ब्रजवासी देवराज इन्द्र की पूजा किया करते थे, क्योंकि देवराज इन्द्र प्रसन्न होने पर वर्षा का आशीर्वाद देते। इससे अन्न पैदा होता। किंतु इस पर भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को समझाया कि इससे अच्छे तो हमारे पर्वत हैं, जो हमारी गायों को भोजन देते हैं। ब्रज के लोगों ने श्री कृष्ण की बात मानकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी प्रारम्भ कर दी। जब इन्द्र देव ने देखा कि सभी लोग उनकी पूजा करने के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे हैं, तो उनके अंहकार को ठेस पहुंची।
क्रोधित होकर उन्होंने मेघों को गोकुल में जाकर खूब बरसने का आदेश दिया। आदेश पाकर मेघ ब्रजभूमि में मूसलाधार बारिश करने लगे। ऐसी बारिश देखकर सभी भयभीत हो गए तथा श्री कृष्ण की शरण में पहुंचे। श्री कृ्ष्ण से सभी को गोवर्धन पर्वत की शरण में चलने को कहा। जब सब गोवर्धन पर्वत के निकट पहुंचे, तो भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन को अपनी कनिष्का अंगुली पर उठा लिया। सभी ब्रजवासी भाग कर गोवर्धन पर्वत की नीचे चले गए। ब्रजवासियों पर एक बूंद भी जल नहीं गिरा। यह चमत्कार देखकर इन्द्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ और वे श्री कृष्ण से क्षमा मांगी। सात दिन बाद श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत नीचे रखा और ब्रजबासियों को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व मनाने को कहा। तभी से यह पर्व मनाया जाता है।
पूजन से होते हैं धन्य-धान्य
ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार गोवर्धन पूजा करने से धन, धान्य, संतान और गोरस की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत की रचना की जाती है। गोवर्धन देव से प्रार्थना की जाती है कि पृथ्वी को धारण करने वाले भगवन आप हमारे रक्षक हैं। मुझे भी धन-संपदा प्रदान करें। यह दिन गौ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार इस दिन गायों की सेवा करने से कल्याण होता है।
जिन क्षेत्रों में गाय होती हैं, वहां गायों को प्रात: स्नान करा कर, उन्हें कुमकुम, अक्षत, फूल-मालाओं से सजाया जाता है। गोवर्धन पर्व पर विशेष रूप से गाय-बैलों को सजाने के बाद गोबर का पर्वत बनाकर इसकी पूजा की जाती है। गोबर से बने श्री गोवर्धन पर रुई और करवे की सीके लगाकर पूजा की जाती है। गोबर पर खील, बताशे ओर शक्कर के खिलौने चढ़ाये जाते हैं तथा सायंकाल में भगवान को छप्पन भोग चढ़ाया जाता है।
अन्नकूट पर्व 
अन्नकूट पर्व भी गोवर्धन पर्व से ही संबंधित है। इस दिन भगवान विष्णु जी को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस महोत्सव के विषय में कहा जाता है कि इस पर्व का आयोजन व दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को अन्न की कमी नहीं होती है। उस पर अन्नपूर्णा की कृपा सदैव बनी रहती है। अन्नकूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का दिन होता है। इस दिन परिवार के सदस्य एक जगह बनाई गई रसोई को भगवान को अर्पण करने के बाद प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं।






Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

आज के गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट पर्व पर आप सभी को शुभकामनायें

आज के  गोवर्धन पूजा  एवं  अन्नकूट पर्व पर आप सभी को शुभकामनायें 





आज दीपावली के अगले दिन अन्नकूट पर्व पर छप्पन से अधिक सब्जियों / फल के मिश्रण की सब्जी  बनाई जाती हैं । 
शायद मिक्स्ड वेज सब्जी की शुरुआत सर्वप्रथम यहीं से हुई है । 
अत्यंत स्वादिष्ट व् पौष्टिक सब्जी के साथ यह त्यौहार बेहद आनंद दायक होता है 

































Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें...http://7joke.blogspot.com




Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Saturday, November 7, 2015

feelings

Life is so Unpredictable!
When you have Standards, People call it Attitude!
When you are Simple,
People try to Cheat you!
And
When you need someone,
its the best time for them to play with you...
Thats Life

संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

Thursday, November 5, 2015

चालान हवलदार. :(पेन हाथ में लेकर). : मियाँ, चालान बनाना पड़ेगा। क्या नाम है तुम्हारा?

चालान
हवलदार. :(पेन हाथ में लेकर). : मियाँ, चालान बनाना पड़ेगा। क्या नाम है
तुम्हारा?

फॉरेनर :  Wilhelm Voncorgrinzksy Schwerpavacovitz...

हवलदार. : अभी छोड़ रहा हूँ  लेकिन अगली बार संभल के चलाना। चलो निकल लो  !!!



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

छोटी छोटी बातों पे एक मुर्गी ने भारत-पाकिस्तान के बोर्डर पर अंडा दिया... दोनो दैशो के बीच इस बात को लेकर झगङा हो गया कि अंडा किसका है

छोटी छोटी बातों पे

एक मुर्गी ने भारत-पाकिस्तान के बोर्डर पर अंडा दिया...

दोनो दैशो के बीच इस बात को लेकर झगङा हो गया

कि अंडा किसका है
पाकिस्तानी कहते अंडा हमारा है
तो भारतीय इस पर अपना हक जता रहे थे...

बाद मे फैसला किया गया कि जिस भी देश के आदमी दुसरी देश
की औरतो को ज्यादा किस करेंगे

अंडा उसी का होगा...

पहले भारतीयो की बारी आई
तो भारतीयो ने 400
पाकिस्तानी औरतो को किस किया...

पाकिस्तानी बोले आपने सिर्फ
400 को किया अब हमारी बारी है...

तो एक भारतीय जवान
बोला :-
"अबे ये पकड़ अंडा.... छोटी छोटी बातों पे बहस नहीं करते .





Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

जन्म कैसे हुआ! टीचर:--तुम्हारा नाम क्या है! बच्चा:--निसार!

जन्म कैसे हुआ!
टीचर:--तुम्हारा नाम क्या है!
बच्चा:--निसार!
टीचर:--तुम्हारा जन्म कैसे हुआ!
बच्चा:--जवानी जानेमन, हसीन दिलरुबा ,
मिले जो दिल जवा, निसार हो गया.



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

पढ़ाई कैसी चल रही है... . - और बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है

पढ़ाई कैसी चल रही है... .
- और बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है... . .
.
.
.
.
.
.
बस अंकल चलते चलते बहुत दुर चली गई
मुझसे!......!!!



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com