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Sunday, September 20, 2015

पेट पर लात मारने वाले इंस्‍पेक्‍टर को बुजुर्ग ने किया माफ, कहा- 'मैं भी बाप हूं'

पेट पर लात मारने वाले इंस्‍पेक्‍टर को बुजुर्ग ने किया माफ, कहा- 'मैं भी बाप हूं'



पुलिस की ज्यादती झेलने वाले कृष्‍ण कुमार ने इंस्‍पेक्‍टर प्रदीप कुमार को माफ कर दिया है। उनका कहना है कि इंस्‍पेक्‍टर से गलती हो गई। उसे उसकी सजा भी मिल चुकी है

पी की राजधानी के जीपीओ में सड़क के किनारे टाइपिंग करने वाले कृष्ण कुमार का टाइपराइटर सचिवालय चौकी इंचार्ज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने फेंक दिया था। बाद में प्रदीप को सस्पेंड कर दिया गया

शनिवार दोपहर राजधानी में हुई घटना ने प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश के लोगों को झकझोर दिया है। करीब 50 रुपए की रोजाना दिहाड़ी से जैसे-तैसे अपने घरवालों का पेट पाल रहे कृष्‍ण कुमार की कमाई का जरिया उनका टाइपराइटर ही था, लेकिन प्रदीप कुमार को ये बात नागवार गुजरी। उसने वीवीआई मूवमेंट का हवाला देते हुए बुजुर्ग का टाइपराइटर उठाकर फेंक दिया था। यही नहीं आरोपी ने लात मारकर उनका टाइपराइटर भी तोड़ दिया। इस दौरान बुजुर्ग हाथ जोड़कर अपनी रोजी-रोटी की दुहाई देते रहे, लेकि‍न इंस्पेक्टर को जरा सी भी दया नहीं आई

सीएम अखिलेश ने खुद मामले पर लिया संज्ञान

कृष्‍ण कुमार मामले पर अभी तक हुई कार्रवाई से पूरी तरह से संतुष्‍ट हैं। वह कहते हैं कि उम्‍मीद नहीं थी सीएम अखिलेश यादव खुद संज्ञान लेंगे। यहां बता दें, घटना के बाद शनिवार देर शाम सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ि‍त की हर संभव मदद करने का आदेश दिया था। यही नहीं डीएम और एसएसपी ने कृष्‍ण कुमार के घर जाकर उन्‍हें दो नए टाइपराइटर भी दिए थे। इनमें एक हिंदी और दूसरा अंग्रेजी का था। यहां भी कृष्‍ण कुमार ने खुद्दारी दिखाते हुए अंग्रेजी वाला टाइपराइटर वापस कर दिया। उनका कहना था कि उन्‍हें अंग्रेजी टाइपिंग नहीं आती। अब कृष्‍ण कुमार दोबारा अपने काम पर लौटेंगे और वहीं बैठकर अपनी जिंदगी चलाएंगे।

 इंस्पेक्टर ने धमकाया कहा, ‘मेरा नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखना ताकि एसएसपी भी मेरे बारे में जान सकें



एसएसपी ने क्या कहा?

इस पूरे मामले में लखनऊ के एसएसपी राजेश पांडे ने कहा- इंस्पेक्टर ने जो कि‍या वह गलत था। उन्‍हें ऐसा करने का अधि‍कार नहीं है। हमने उन्‍हें तत्‍काल प्रभाव से सस्‍पेंड कर दि‍या है। सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा को जांच सौंपी गई है। वे एक हफ्ते के अंदर अपनी रि‍पोर्ट सौंपेंगे।

एसपी ईस्‍ट ने भी इंस्पेक्टर की कार्रवाई को गलत बताया -

एसपी ईस्‍ट राजीव मल्‍होत्रा ने कहा कि  पुलिस मैनुअल के मुताबिक, किसी भी तरह की प्रॉपर्टी को पुलिस नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने नियमों काे तोड़ा। उन्‍होंने कहा कि तस्वीरों में साफ है कि टाइपिस्ट इंस्पेक्टर से विनती कर रहे हैं, लेकिन इंस्पेक्टर ने उनकी एक न सुनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी

dainikbhaskar.com के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी मौके पर ही मौजूद थे। जानिए, उनकी जुबानी इंस्पेक्टर की बदसलूकी का आंखों देखा हाल...
बुजुर्ग से बात की। पूछा तो उन्होंने नाम बताया- कृष्ण कुमार। रोजाना हिंदी टाइपिंग कर 50-100 रुपए कमा लेते हैं। गोमती नगर में एक छोटे से घर में रहते हैं। उम्र है 65 साल। जब वे टाइपराइटर उठा रहे थे तो कह रहे थे कि अब यह किसी काम नहीं है। इंसाफ भी मिलने से रहा। dainikbhaskar.com पर यह खबर आने के बाद हमने डीएम से संपर्क किया। उन्होंने बुजुर्ग के लिए कार्रवाई का भरोसा दिया और भास्कर की पहल की तारीफ की। देर रात यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया। इसके बाद डीएम ने हमसे बुजुर्ग का एड्रेस लिया और वे एसएसपी के साथ उनके घर टाइपराइटर लेकर गए।












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