Labels

Monday, October 24, 2016

राष्ट्र हित का गला घोंठ कर छेद न करना थाली में मिटटी वाले दिए जलाना अबकी बार दिवाली में।


राष्ट्र हित का गला घोंठ कर छेद न करना थाली में
मिटटी वाले दिए जलाना अबकी बार दिवाली में।

देश के धन को देश में रखना नहीं बहाना नाली में
मिटटी वाले दिए जलना अबकी बार दिवाली में।

बने जो अपनी मिटटी से वो दिए बिके बाज़ारो में
छुपी है वैज्ञानिकता अपने सभी तीज-त्योहारो में ।

चाइनीज़ झालर से आकर्षित कीट पतंगे आते है
जबकि दिए में जलकर बरसाती कीड़े मर जाते है।

कार्तिक दीपदान से बदले पितृदोष खुशहाली  में
मिटटी वाले दिए जलाना अबकी बार दिवाली में।

कार्तिक की अमावस वाली रात न अबकी काली हो
दिए बनाने वालो के भी खुशियो भरी दिवाली हो

अपने देश का पैसा जाए अपने भाई की झोली में
गया जो दुश्मन देश में पैसा लगेगा राइफल गोली में ।

देश की सीमा रहे सुरक्षित चूक न हो रखवाली में
मिटटी वाले दिए जलाना अबकी बार दिवाली में।



Visit for Amazing ,Must Read Stories, Information, Funny Jokes - http://7joke.blogspot.com 7Joke
संसार की अद्भुत बातों , अच्छी कहानियों प्रेरक प्रसंगों व् मजेदार जोक्स के लिए क्लिक करें... http://7joke.blogspot.com

No comments:

Post a Comment