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Wednesday, November 25, 2015

ना मैं और ना ही मेरी पत्नी ये देश छोड़ेंगे: आमिर खान , आमिर खान ने मारी पलटी , कहा की मैंने कोई देश छोड़ने की बात नहीं कही और न कोई इरादा है,

आमिर खान ने मारी पलटी , कहा की मैंने कोई देश छोड़ने की बात नहीं कही और न कोई इरादा है,
नाराज लोगों ने कहा था की अपनी बीवी की साथ इराक , सीरिया , सऊदी अरेबिया चले जाओ\, जहाँ तुम शरिया कानून के साथ आराम की जिंदगी जियो ,
क्यूंकि फ़्रांस के लोग तुम्हे घुसने नहीं देंगे , अमरीका में तुम्हारे कपडे उतरवा लेंगे , और रूस वाले दिवाली के पटाखे तुम पर फोड़ेंगे 


ना मैं और ना ही मेरी पत्नी ये देश छोड़ेंगे: आमिर खान

नई दिल्ली: देश के माहौल पर फिल्म अभिनेता आमिर खान के बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है. इस पर आमिर खान ने पहली बार सफाई दी है. आमिर ने कहा है कि ना मैं ना ही मेरी पत्नी ये देश छोड़कर जाएंगे.
 
ये है आमिर खान का पूरा बयान
 
सबसे पहले मैं एक बात साफ करना चाहूंगा ना मेरा, ना मेरी पत्नी का ये देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. ना हमारा ऐसा कोई इरादा था, ना है और ना रहेगा. जो कोई भी ऐसी बात फैलाने की कोशिश कर रहा है उसने या तो मेरा इंटरव्यू नहीं देखा, या जानबूझकर गलत फहमी फैलाना चाह रहा है. भारत मेरा देश है, मैं उससे बेइन्तहा प्यार करता हूं और ये मेरी सरज़मीन है.
 
 
 
दसरी बात, इंटरव्यू के दौरान जो भी मैंने कहा है मैं उस पर अटल हूं. जो लोग मुझे देशद्रोही कह रहे हैं. उनसे मैं कहूंगा कि मुझे गर्व है अपने हिन्दुस्तानी होने पर, और इस सच्चाई के लिए मुझे किसी इजाजत की जरूरत नहीं. और ना ही किसी के सर्टिफिकेट की. जो लोग इस वक्त मुझे भद्दी गालियां दे रहे हैं क्योंकि मैंने अपने दिल की बात कही है. उनसे मैं इतना कहना चाहूंगा कि मुझे बड़ा दुख है कि मेरा कहा सच साबित कर रहे हैं.
 
उन सारे लोगों का मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जो आज इस वक्त मेरे साथ खड़े हैं. हमें हमारे इस खूबसूरत और बेमिसाल देश की खूबसूरत चरित्र को सुरक्षित रखना है. हमें सुरक्षित रखना है इसकी एकता को अखंड़ता को.. इसकी विविधिता को.. इसकी सभ्यता और संस्कृति को.. इसके इतिहास को.. इसके अनेकता वाद के विचार को.. इसके विविध भाषाओं को ..इसके प्यार को.. इसके संवेदनशीलता को.. इसके जज्बाती तख्त को...
 
अंतिम में, मैं रबिन्द्रनाथ टैगोर की एक कविता दोहरा चाहूंगा. कविता नहीं बल्कि ये एक प्रार्थना है.
जहां उड़ता फिरे मन बेखौफ

और सर हो शान से उठा हुआ,
 जहां ज्ञान हो सबके लिए बेरोकटोक बिना शर्त रखा हुआ,
 जहां घर की चौखट सी छोटी सरहदों में ना बंटा हो जहान,
 जहां सच की घेराइयों से निकले हर बयान
 जहां बाजुएं बिना थके लकीरें कुछ मुक्म्मल तराशें
 जहां सही सोच को धुंधला न पाए उदास मुर्दा रवाएतें
 जहां दिलों दिमाग तलाशें नए खयाल
और उन्हें अंजाम दे ऐसे आजादी के स्वर्ग में,
ऐ भगवान, मेरे वतन की हो नई सुबह.







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सीरिया से भागने की कोशिश कर रही IS की पोस्टर गर्ल को आतंकियों ने पीटकर मार डाला

सीरिया से भागने की कोशिश कर रही IS की पोस्टर गर्ल को आतंकियों ने पीटकर मार डाला


रक्का. आतंकी संगठन आईएसआईएस की पोस्टर गर्ल समरा केसिनोविक (17) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। समरा को सीरिया में उस वक्त मार डाला गया, जब वह आतंकियों के चंगुल से भागने की कोशिश कर रही थी। बता दें कि समरा और उसकी दोस्त सबीना सेलिमोविक अप्रैल 2014 से आईएस की पोस्टर गर्ल के तौर पर नजर आती थीं। दोनों को आतंकी संगठन के कई पोस्टरों में देखा गया था।






द लोकल (न्यूजपेपर) के मुताबिक, रक्का में ट्यूनीशिया की एक महिला समरा और सबीना के साथ रहती थी। बताया जा रहा है कि वह महिला किसी तरह आईएसआईएस छोड़ कर भाग आई है। उसी ने दोनों लड़कियों की मौत की जानकारी दी।
कैसे आईएसआईएस में हुई थी शामिल?
> इस साल की शुरुआत में यूनाइटेड नेशन्स के अधिकारियों ने कहा था कि विएना में घर से भागने वाली दो ऑस्ट्रियन लड़कियां आईएसआईएस ज्वाइन कर चुकी हैं।
> वे सीरिया में आतंकियों के लिए पोस्टर गर्ल के तौर पर काम कर रही थीं।
> यूएन के अफसरों के मुताबिक, इनमें से एक लड़की सबसे पहले तुर्की की राजधानी अंकारा प्लेन से पहुंची थी।
> इसके बाद वह तुर्की के साउथ रीजन में अदाना गई। यहां से वह फिर सीरिया चली गई।
कैसे आई थी सुर्खियों में?
सोशल मीडिया पर पिछले महीनों समरा की कई ऐसी फोटोज आईं, जिनमें वह एक-47 राइफल लिए खड़ी है। 
> उसके आगे-पीछे आतंकी भी खड़े नजर आ रहे हैं। 
> बताया जा रहा है कि वह आतंकी संगठन में लड़ाकों की भर्ती के लिए भी काम करती थी।
यूएन के एक्सपर्ट का क्या कहना है?
यूनाइटेड नेशन्स के सिक्युरटी काउंटर-टेररिज्म कमेटी के सीनियर एक्सपर्ट डेविड सहारिया ने कहा, ''हमें जानकारी मिली है कि 15 साल की एक लड़की सीरिया में मारी जा चुकी है। एक लड़की सीरिया में लड़ाई के दौरान मारी गई थी, जबकि दूसरी अभी तक गायब थी। समझा जा रहा है कि यही दूसरी वाली लड़की है, जिसकी मौत की खबर आ रही है





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Sunday, November 22, 2015

SBI में इंटरव्यू चल रहा था। ब्रांच मेनेजर पहले सवाल का जवाब सुनकर ही 200 से ज्यादा लोगो को रिजेक्ट कर चूके थे। अब अंतिम 3 बचे थे....

SBI में इंटरव्यू चल रहा था। ब्रांच मेनेजर पहले सवाल का जवाब सुनकर ही 200 से ज्यादा लोगो को रिजेक्ट कर चूके थे। अब अंतिम 3 बचे थे....
मेनेजर - तुम्हारा नाम क्या है ?
कैंडिडेट 1 - सुरेश सिंह
मेनेजर - Get out
मेनेजर - तुम्हारा नाम क्या है ?
कैंडिडेट 2 - my name is girish chandra joshi.
मेनेजर - दफा हो जाओ
मेनेजर - तुम्हारा नाम क्या है ?
कैंडिडेट 3....................
मेनेजर - मैंने पूछा what's ur name ?
कैंडिडेट 3 ...............
मेनेजर - अबे अपना नाम बता
कैंडिडेट 3 ...................
मेनेजर - सर ! Plz अपना नाम बताइये।
कैंडिडेट 3 - मुझे नहीं पता, काउंटर नम्बर 4 में पूछिये।
मेनेजर - Excellent answer...तुम SBI के लिए एकदम सही हो...तुम्हारी नौकरी पक्की। कल से ज्वाइन कर लो



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Friday, November 20, 2015

Seventh Pay Commission : सातवें वेतन आयोग में कितनी बेसिक सेलरी फिक्स होगी आपकी How much salary - Basic Pay will become under 7th Pay Commission

Seventh Pay Commission  : सातवें वेतन आयोग में कितनी बेसिक सेलरी फिक्स होगी आपकी
How much salary - Basic Pay will become under 7th Pay Commission 


इसके लिए सातवें वेतन आयोग ने एक चार्ट प्रस्तुत किया है 

नए फ्रेश ज्वाइन करने वालों को अपने ग्रेड पे में पहले सैल में लिखी सेलरी - बेसिक सेलरी होगी , उदाहरणार्थ 4600 ग्रेड पे की बेसिक सेलरी 44900 फिक्स होगी । 

अन्य कर्मियों को स्लेरी निम्न फॉर्मला से कैलकुलेट करनी होगी -

अपनी बेसिक + ग्रेड पे सेलरी को जोड़िये और उसका गुणा फिटमेंट फार्मूला पे  (उदाहरणार्थ 4600 ग्रेड पे का 2.62  है ) से कर दीजिये ,
उसके बाद जो सेलरी आये , टेबल में अपनी ग्रेड पे कॉलम में उसके बराबर या उसकी अगली पे को देखिये , यही आपकी नयी बेसिक सेलरी होगी 

Pay Fixation in the New Pay Structure
5.1.28 The fitment of each employee in the new pay matrix is proposed to be done by
multiplying his/her basic pay on the date of implementation by a factor of 2.57. The figure so
arrived at is to be located in the new pay matrix, in the level that corresponds to the
employee’s grade pay on the date of implementation, except in cases where the
Commission has recommended a change in the existing grade pay. If the identical figure is
not available in the given level, the next higher figure closest to it would be the new pay of the
concerned employee. A couple of examples are detailed below to make the process amply clear.
5.1.29 The pay in the new pay matrix is to be fixed in the following manner:
Step 1: Identify Basic Pay (Pay in the pay band plus Grade Pay) drawn by an employee as on
the date of implementation. This figure is ‘A’.
Step 2: Multiply ‘A’ with 2.57, round-off to the nearest rupee, and obtain result ‘B’.
Step 3: The figure so arrived at, i.e., ‘B’ or the next higher figure closest to it in the Level
assigned to his/her grade pay, will be the new pay in the new pay matrix. In case the value of
‘B’ is less than the starting pay of the Level, then the pay will be equal to the starting pay of
that level.


Example I
i. For example an employee H is presently drawing Basic Pay of ₹55,040 (Pay in the Pay
Band ₹46340 + Grade Pay ₹8700 = ₹55040). After multiplying ₹55,040 with 2.57, a
figure of ₹1,41,452.80 is arrived at. This is rounded off to ₹1,41,453.
ii. The level corresponding to GP 8700 is level 13, as may be seen from Table 4, which
gives the full correspondence between existing Grade Pay and the new Levels being
proposed.
iii. In the column for level 13, the figure closest to ₹1,41,453 is ₹1,41,600.
iv. Hence the pay of employee H will be fixed at ₹1,41,600 in level 13 in the new pay
matrix as shown below:



Example II
i. Take the case of an employee T in GP 4200, drawing pay of ₹20,000 in PB-2. The Basic
Pay is ₹24,200 (20,000+4200). If there was to be no change in T’s level the pay fixation
would have been as explained in Example I above. After multiplying by 2.57, the
amount fetched viz., ₹62,194 would have been located in Level 6 and T’s pay would
have been fixed in Level 6 at ₹62,200.
ii. However, assuming that the Commission has recommended that the post occupied by
T should be placed one level higher in GP 4600. T’s basic pay would then be ₹24,600
(20000 + 4600). Multiplying this by 2.57 would fetch ₹63,222.
iii. This value would have to be located in the matrix in Level 7 (the upgraded level of T).
iv. In the column for Level 7 ₹63,222 lies between 62200 and 64100. Accordingly, the pay
of T will be fixed in Level 7 at ₹64,100.












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Thursday, November 19, 2015

Seventh Pay Commission Highlights

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सातवें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में 23.5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव Pay Band Khatm

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सातवें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में 23.5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव Pay Band Khatm

seventh pay commission, 



Minimum Salary will be 18000


केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सातवें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में 23.5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव


नई दिल्‍ली : सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात के तहत वेतन आयोग ने उनके वेतन एवं भत्तों में वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी। सातवें वेतन आयोग ने आज शाम वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को रिपोर्ट सौंप दी। इससे, 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 54 लाख पेंशनधारियों को फायदा होगा।

जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की सिफारिश की गई है। औसत वेतन में 23.55 फीसदी में बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव किया गया है। वहीं, मूल वेतन में 16 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, हर साल एक जुलाई को सैलरी में बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव, र्मचारियों की न्‍यूनतम सैलरी 18000 करने का प्रस्‍ताव, कर्मचारियों का भत्‍ता 63 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश, कर्मचारियों की पेंशन 24 फीसदी बढ़ाने का प्रस्‍ताव, अधिकतम वेतन दो लाख 25 हजार करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार, आईएएस, आईपीएस और आईआरएस का वेतन एक समान करने का प्रस्‍ताव किया गया है।




न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए मूल वेतन, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। इसके अलावा एचआरए और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी।

चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक दस साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती हैं। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्‍हें अपनाया जाता है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था




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CTETTEACHER ELIGIBILITY TEST (TET)NCTERTEUPTETHTETJTET / Jharkhand TETOTET / Odisha TET  ,
Rajasthan TET /  RTET,  BETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility TestWest Bengal TET / WBTETMPTET / Madhya Pradesh TETASSAM TET / ATET
UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TETHPTET / Himachal Pradesh TET
 





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Tuesday, November 17, 2015

मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं है: मौलाना मदनी

मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं है: 


मौलाना मदनी



देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत-ए-उलेमा हिंद ने पेरिस पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि इस्लाम में क्रिया की प्रतिक्रिया की कोई जगह नहीं है और इस्लाम के नाम पर मासूमों की हत्याएं करना, इस्लाम के नाम का दुरुपयोग करना है। जमीयत ने ऐलान किया कि वह देश के सभी प्रमुख शहरों में बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।


मौलाना महमूद मदनी ने असहिष्णुता को लेकर चल रही बहस के बीच कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं है। मौलाना मोहम्मद मदनी ने कहा कि आतंकवाद की कड़ी निंदा करनी चाहिए और हर किसी को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा

जमीयत के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बेहद अफसोस की बात है कि कुछ ‘तत्व’ जाने अनजाने में आतंकवादियों को जिहादी मानते हुए उनका रिश्ता इस्लाम से जोड़ देते हैं। जिहाद तो सकारात्मक काम है जो फसाद को खत्म करने के लिए होता है न कि बेकसूरों की जान लेने के लिए। उन्होंने कहा कि हम पेरिस, तुर्की और लेबनान में आतंकी गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हैं और इनका शिकार हुए पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ पूरी हमदर्दी और संवेदना व्यक्त करते हैं।

मदनी ने कहा कि जमीयत-ए-उलेमा हिंद देश के प्रमुख शहरों में कल आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन करेगी और जो इसके पीड़ित हैं उनसे हमदर्दी और संवेदना व्यक्त करने के लिए जुलूस निकालेगी। मदनी ने कहा कि इस्लाम के नाम पर जो भी मासूमों को मार रहे हैं, वो इस्लाम के नाम का दुरूपयोग कर रहे हैं क्योंकि इस्लाम किसी को मारने की इजाजत नहीं देता है।
उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान पर पूछे गए सवाल पर मदनी ने खान के बयान से असहमति जताते हुए कहा कि क्रिया की प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया की फिर प्रतिक्रिया को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कुरान की एक आयात पढ़ उसका तजरुमा कर बताया कि कुरान में कहा गया है कि अगर किसी ने किसी को मारा या फसाद फैलाया तो उसने पूरी मानवता का कत्ल किया है। आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति पर मदनी ने कहा कि जबतक बड़े देश आतंकवाद की सरपरस्ती बंद नहीं करते हैं तब इसका खात्मा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने मुसलमानों के लिए दुनिया भर में कष्टदायक हालत पैदा किए हैं और आतंकवादी घटनाओं को इस्लाम पर हमला करने का बहाना बना लिया गया है। यूरोप और अमेरिका में सीरियाई शरणार्थियों को लेकर चल रही बहस की पृष्ठभूमि में मदनी ने कहा कि हालिया आतंकी घटनाओं ने शरणार्थियों के लिए संदेह का माहौल पैदा किया है। मानवता के नाते यह समझना जरूरी है कि आतंक की घटनाओं को अंजाम देने वाला अपराधी है ना कि पनाह की तलाश करता कोई शरणार्थी





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Sunday, November 15, 2015

मुसलमान होकर भी पढ़ाते संस्कृत, पीएम नरेंद्र मोदी हैं फैन

मुसलमान होकर भी पढ़ाते संस्कृत, पीएम नरेंद्र मोदी हैं फैन



जयपुर। अपनी काबलियत से अलवर के इमरान खान रातों-रात पूरी दुनिया में हीरो बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के वेम्बले स्टेडियम में हजारों भारतीयों के बीच में इमरान की तारीफ यूं ही नहीं की। उन्होंने यूं ही नहीं कहा कि अलवर के इमरान में मेरा पूरा हिंदुस्तान बसता है। इमरान ने ऐसा कुछ कर डाला, जिसे जानकर हैरानी तो होगी ही। वह राजस्थान के अलवर के छोटे से गांव खारेडा के रहने वाले हैं। वह संस्कृत के अध्यापक हैं।
उनके पास कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर संबंधी कोई डिग्री नहीं है और न ही उन्होंने किसी प्रकार की ऐसी कोई ट्रेनिंग ली है, जिससे उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान हो। लेकिन किताबों से ज्ञान लेकर उन्होंने वेबसाइट के साथ ही एक-एक कर अब तक 52 एप बना दिए। इमरान के हाथों से बनाए गए 52 एप को ढेरों लोग डाउनलोड भी कर चुके हैं। यही नहीं, तीन करोड़ से ज्यादा विजिटर इमरान के एप पर नजर भी रखे हुए हैं। वह इस पर 2012 से काम कर रहे हैं। इमरान को अलवर बीएसएनएल के जीएम ने बधाई दी और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से बात भी कराई। प्रसाद ने उन्हें को फोन पर बधाई दी।
बेटी तानिया बना रही है डिजाइन
इमरान की बेटी तानिया ने बताया कि वह पापा के ऐप बनाए जाने से परेशान थी, लेकिन जब खुद भी उसमें रुचि लेने लगी तो मजा आने लगा। फिर उसी ने बाकी के ऐप को डिजाइन करना शुरू कर दिया। तानिया अभी 10वीं कक्षा में पढ़ रही है और इमरान ने उसे भी मोबाइल एप्लीकेशन की दुनिया में पहुंचा दिया और अब वह साइंटिस्ट बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।





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Saturday, November 14, 2015

भले ही ताज महल आगरा में हो लेकिन आगरा सबसे गन्दा शहर है पर्यटन आकर्षणों के बावजूद सर्वे में आगरा को सबसे गंदा शहर बताया गया है Agra is dirtiest place in World Tourism According to Survey Report, Even Taj Mehal is in Agra. Who is responsible for Rubbish City Agra ? What is Government of India, UP State Government is doing for City of Taj - Agra

भले ही ताज महल आगरा में हो लेकिन आगरा सबसे गन्दा शहर है 
पर्यटन आकर्षणों के बावजूद सर्वे में आगरा को सबसे गंदा शहर बताया गया है
Agra is dirtiest place in World Tourism According to Survey Report, Even Taj Mehal is in Agra.
Who is responsible for Rubbish City Agra ?  What is Government of India, UP State Government is doing for City of Taj - Agra




जितने भी लोग ताज महल घूमने जाते हैं , और आगरा शहर देखते हैं तो वो शहर की गंदगी को देख कर बहुत बुराई करते हैं । 

यहाँ  तक की यमुना किनारे ताज महल के पास ही गंदगी देखने को मिलती है 

आगरा की सड़कें नहीं गलियां हैं , गंदी बसें , ट्रांसपोर्ट के अच्छे साधन नहीं 


दुनिया भर के सैलानियों को रिझाते ताजमहल और स्मारकों की लंबी श्रृंखला वाले शहर की स्थिति हॉलीडे आईक्यू डॉट कॉम द्वारा कराए गए सर्वे में शर्मसार करती है। एक से बढ़कर एक पर्यटन आकर्षणों के बावजूद सर्वे में आगरा को सबसे गंदा शहर बताया गया है। यह स्थिति तब है, जबकि ताजनगरी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चुने गए देश के 100 शहरों में शुमार है।
देश के बड़े ट्रैवल पोर्टल में शुमार हॉलीडे आईक्यू डॉट कॉम द्वारा एक सर्वे भारतीय पर्यटकों के बीच कराया गया था। जिसमें शहर की गंदगी, प्रदूषण, अव्यवस्था, संसाधन, यातायात के साधन की स्थिति के आधार पर्यटकों से शहरों के बारे में उनके विचार लिए गए थे। कंपनी ने इस सर्वे के आधार पर देश के 10 गंदे शहरों की सूची जारी की है। जिनमें आगरा टॉप पर है। इस सूची के अन्य शहरों में बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, गोवा, जयपुर, अजमेर, इलाहाबाद और हैदराबाद हैं।

पता नहीं नरेंद्र मोदी जी कौन सा स्वच्छ्ता अभियान चला रहे हैं और स्मार्ट सिटी बना रहे हैं , दुनिया भर के पर्यटक हिंदुस्तान में सबसे पहले ताजमहल का दीदार करने आते हैं , और जब उस आगरा शहर की गंदगी को देखते हैं तो क्या हिंदुस्तान की छवि बनती होगी । 

आगरा में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी नहीं है , अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होना भी जरूरी है , भले ही हफ्ते, महीने  एक फ्लाइट मुख्य शहरों के बीच (उदाहरणार्थ - न्यूयॉर्क से आगरा, लन्दन से आगरा ) उड़ाई जाए 

दिल्ली की होटल लॉबी नहीं और खास नेतागण अपने निहित स्वार्थ के लिए नहीं चाहते की आगरा में सीधी फ्लाइट आएं और सीधे आगरा के होटलों में ठहरें । 
बात सिर्फ अपने फायदे की नहीं देश के फायदे की सोचें की अगर हिंदुस्तान को अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म में पहचान बनानी है तो उसके विकास के लिए खर्च करना भी जरूरी है 

बहुत से टूरिस्ट्स के पास इतना समय नहीं होता की आगरा से बाई रोड आएं और आगरा एक दिन में घूमकर वापस लोट सकें 




इंटरनेट के द्वारा  संकलित जानकारी -
आगरा को दुनिया में प्रमुख पयर्टन स्थल के रूप में जाना जाता है. पूरे साल यहां पयर्टक लाखों की संख्या में आते हैं. प्रत्येक वर्ष करो़डों डॉलर की आय ताजमहल के कारण होती है. विश्व स्तर पर भारत का पयर्टन व्यवसाय ताजमहल के इर्द-गिर्द ही निर्भर है लेकिन ताजनगरी की गिनती देश के बीग्रेड शहरों में होने लगी है या कहें तो आगरा को मेट्रो सिटी कहा जाने लगा है. वैश्विक ऐतिहासिक धरोहर की पहचान रखने वाले मोहब्बत के शहर की एक ओर पहचान बन चुकी है. आगरा शहर को गंदगी के कारण अब पूरे भारत सहित दुनियां में जाना जाने लगा है, तो इसका एकमात्र श्रेय आगरा नगर-निगम को जाता है.

नगर-निगम आगरा ने ताजनगरी को एक ऐसी पहचान दे दी है, जिस पर प्रत्येक शहरवासी शर्मिंदा है. शहरी क्षेत्र का कोई ऐसा इलाक़ा नहीं है, जहां गंदगी और कूड़े का ढेर न लगा हों. आश्चर्यजनक रूप से आगरा का जो क्षेत्र नगर-निगम की सीमा में आ जाता है, वहां गंदगी अपना पैर पसारती है. शहरवासी अब सवाल करने लगे है कि यदि नगर-निगम के कारण शहर इतना गंदा बना हुआ है, तो विभाग का औचित्य क्या है? दूसरी तऱफ विभागीय नकारापन और अधिकारियों के हवाई दावों ने शहर की स्थिति को नारकीय बना डाला है. जनसमस्याओं के लिए प्रत्येक सप्ताह तहसील दिवस मनाया जाता है, जहां जनसाधारण की समस्याओं को लिखित रूप से स्वीकार कर के आला अधिकारियों द्वारा सक्षम अधिकारी अथवा विभाग को निर्देशित किया जाता है. नियमानुसार समस्या का निस्तारण एक सप्ताह तक हो जाना चाहिए, अथवा संबधित विभाग द्वारा उचित जबावदेही भी होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. शहर की स़फाई को लेकर क्षेत्रवासियों ने अनेकों बार तहसील दिवस पर प्रार्थनापत्र दिए हैं लेकिन इन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. सूचना के अधिकार के अर्तगत पूछे जाने वाले सवालों का भी गोलमटोल उत्तर दिया जाता है.
शहरभर में अनेकों स्थानों पर प्रदूषित गंदे पानी मलमूत्र आदि की निकासी के लिए बनाए गए नाले-नालियों पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करा लिया गया है, जिसके कारण क्षेत्रिय नागरिकों को स्थान-स्थान पर दुर्गंधयुक्त जलभराव की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. नाली चोक किए जाने से नगर के व्यस्ततम बोदला चौराहे पर पुलिस चौकी के सामने स्थित मकानों में दरार आ चुका है. स्थानीय लोगों ने महापौर से इसकी शिकायत की. नगर-निगम को पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रार्थनापत्र दिया जा रहा है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. इस क्षेत्र में कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है. घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में विभागीय कारीस्तानी के कारण अनेकों रिहायशी मकान गिरने की स्थिति में आ गए है. यह तो एक उदाहरण मात्र है, यह स्थिति शहर के हर जगह है. कई साल पहले विभाग में बाबा के नाम से मशहूर अधिकारी ने ज़रूर कुछ लोकप्रिय कार्य किए थे, जिसकी सराहना पूरे शहर ने की थी. लेकिन विभागीय कर्मचारियों और अधिनस्थ अधिकारियों को उनकी चुस्ती-फुरती रास नहीं आई थी, उनका तबादला हो गया. शहर के रिहायशी इलाक़ों में बच्चों के खेलने के लिए निर्धारित पार्कों पर कूड़े के ढेर लगा दिए गए है. कॉलोनियों के बीचों-बीच इस तरह के कूड़े के ढेर नगर-निगम के दावों को खोखला साबित करने के लिए पर्याप्त है. शाहगंज स्थित सत्य नगर कॉलोनी में पार्कस्थल पर नगर-निगम द्वारा खत्ताघर बना दिया गया है. यहां के नागरिकों ने अनेकों बार शिकायत की है लेकिन विभाग द्वारा समस्या का निस्तारण नहीं किया गया. ताजमहल के आसपास के दो किलोमीटर के क्षेत्र में जहां देसी-विदेशी सैलानी और वीआईपी होकर गुजरते हैं. यहां अनेकों फाइव स्टार होटल, थ्री स्टार होटल और लॉज एंपोरियम स्थित है. इस क्षेत्र में नगर-निगम द्वारा गंदगी की समस्या पर किसी प्रकार ध्यान नहीं दिया गया है. इस इलाक़े में अक्सर विदेशी पयर्टकों को शहर की गंदगी के नज़ारे को कैमरे में क़ैद करते हुए आसानी से देखा जा सकता है. पूरे नगर की स्थिति नारकीय बनी हुई है. पॉश इलाक़े वाले क्षेत्रों में भी स्थिति कहीं से भी ठीक नहीं है. सूर्यनगर, नेहरूनगर, जयपुर हाइस, विभव नगर कावेरी कुंज जैसे अधिकांश मंहगे रिहायशी इलाक़ों में विभाग की कारगुज़ारियां आसानी से प्रमाणित होती है. शहर की झुग्गी-झोंपड़ियों वाले क्षेत्रों की बात तो छोड़ दें. यहां तो खरंजों पर दुर्गंधयुक्त कीचड़ आसानी से देखा जा सकता है जिसके कारण अनेकों संक्रामक बीमारियां फैल रही है. आर्थिक रूप से कमज़ोर तबकों के लिए इलाज़ में आ रही दिक्कतों के लिए परोक्षरूप से विभाग ज़िम्मेदार है. यहीं नहीं मध्यम आयवर्ग, घनी आबादी वाले क्षेत्रों, आगरा विकास प्राधिकरण की कॉलोनियों, आवास-विकास की कॉलोनियों सहित तमाम शहर में कोई ऐसी जगह नहीं बची है, जहां स़फाई व्यवस्था दुरूस्त हो. गंदगी के कारण मच्छरों से आए दिन शहरवासी बीमार हो रहे हैं तो विभाग के पास इतने बड़े शहर में मच्छरों से निजात पाने के लिए मात्र दो फोगिंग मशीन है.

नगर-निगम में स़फाई कर्मचारियों की संख्या 2600 है जबकि लगभग एक हज़ार स़फाईकर्मी संविदा पर रखे हुए है. जबकि शहर की व्यवस्था को ठीक रखने के लिए कम से कम दस हज़ार स़फाईकर्मियों एवं मशीनों की पर्याप्त संख्या में आवश्कता है. शहरी विकास के लिए केंद्र सरकार की जेएनआरयूएम योजना के अंतर्गत सात हज़ार आठ सौ करोड़ की विकास योजनाओं का बंटाधार किया जा चुका है. संबंधित विभागों द्वारा समय से प्रोजेक्ट नहीं बन पाने के कारण धनराशि आवंटित नहीं हो पाई. कुछ माह पहले पूर्व नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने ताजनगरी को गंदगी और पर्यावरण की दृष्टि से कुछ कल्याणकारी निर्णय लिए थे, जिसमें शहर को पॉलिथिन मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया था. उनकी पहल का पूरे शहरवासियों ने सहयोग भी किया था. स्कूलों, कॉलेजों में ही नहीं शहर के गणमान्यों सहित व्यापारियों ने ताजनगरी को पॉलिथिनमुक्त बनाने के लिए अभियान को समर्थन दिया था. इसका व्यापक असर देखने को मिला. शहरभर में पॉलिथिन का प्रयोग बंद भी हो गया था, विभाग द्वारा अनेक जगहों पर जुर्माना भी वसूला गया लेकिन, उनका स्थानांतरण होते ही पॉलिथिन पूरे शहर में फिर से प्रयोग में आना शुरू हो गया. इसके पीछे सा़फतौर पर नगर-निगम के आलाअधिकारी ज़िम्मेदार है जिन्होनें इस अभियान को पलीता लगाया. ताजनगरी को पॉलीथिनमुक्त कराने के लिए का़फी प्रचार-प्रसार किया गया था. इसके लिए विज्ञापन भी दिए गए. भारी धनराशि खर्च करने के बाद विनय शंकर पांडे के विभाग से तबादला होने पर पॉलीथिन अभियान अचानक क्यों रोक दिया गया? यह सवाल लोगों के जेहन में बना हुआ है. मालूम हो पूर्व नगरआयुक्त विनय शंकर पांडे की छवि एक अच्छे अधिकारी के रूप में थी, उनके द्वारा पॉलीथिन के विरूद्व चलाए गए अभियान से पॉलीथिन निर्माताओं और इसका व्यवसाय करने वाले का़फी परेशान हो गए थे. यह आशंका थी कि कहीं उनका तबादला न हो जाए. लोगों की आशंका सही साबित हुई और उनका तबादला हो गया. ताजनगरी में पॉलीथिन का दुबारा प्रयोग शुरू होने के पीछे क्या खेल हुआ लेकिन आज भी ताजनगरी पॉलीथिन मुक्त नहीं हो पाया. शहर की गंदगी और कूड़े की समस्या के निस्तारण के लिए शहर के बाहर कुबेरपुर में करोड़ों रुपयों की लागत से प्लांट लगाया गया है, यहां नगर-निगम की गाड़ियां शहर का कूड़ा लेकर आती है. मगर स्थानों से पूरा कूड़ा नहीं उठाया जाता बल्कि इसकी मात्रा अवश्य कम कर दी जाती है. सूत्रों का कहना है कि नोएडा की जिस कंपनी को कूड़ा निस्तारण का काम सौंपा गया है, वो ठीक काम नहीं कर रही है. कूड़ा निस्तारण के लिए प्रति टन के हिसाब से कंपनी से विभाग द्वारा तय की गई धनराशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. कंपनी विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली के कारण यहां से रू़खसत होने की फिराक़ में हैं. नगर आयुक्त पी एन दुबे का इस संबंध में कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है, कंपनी हमारी पार्टनर है और हम मिलजुलकर काम कर रहे है. अभी प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है, इसमें थोड़ा वक्त लगेगा. बायोवेस्ट उठाने के लिए विभाग द्वारा दत्ता एंटरप्राइजेज को ठेका दिया गया था, जिसका काम मेडिकल वेस्ट का सुरक्षित वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करना था. इसका कामकाज ठीक न पाए जाने पर कंपनी को हटाने का निर्णय अवश्य लिया गया था लेकिन कंपनी द्वारा कोर्ट से स्टे प्राप्त कर लिया गया है. महापौर अजुंला सिंह ने नगर-निगम के नकारापन के लिए उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार बताते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में ताजनगरी की सा़फ-स़फाई व्यवस्था को जानबूझकर पलीता लगाया गया. जनहित को दरकिनार कर के मेरे द्वारा किए गए प्रयासों में अ़डंगा लगाया गया
Source :- http://up.chauthiduniya.com/2011/12/agra-people-disturbed-by-dirt.html






लोगों द्वारा कैसा शहर अनुभव किया जाता है ये आगरा उर्फ़ गंदगी का शहर :- 
दूसरे दिन आगरा घूमने निकले। आगरा की सड़कों पर इतना अव्यवस्थित यातायात और इतनी गंदगी है कि यहाँ आपको कोई विदेशी दिखेंगे तो नाक पर रूमाल बाँधे, गंदगी से बचते-बचाते चलते मिलेंगे। आगरा की गलियाँ और यमुना नदी तो गंदी है ही, जिसके किनारे भैंसों के तबेले हैं। आगरा फोर्ट में भी एक-दो जगह पान की पीक दिखाई दी। गाइड से पूछा, यह कैसे हुआ, तो उसने बताया कि भीतर घुसने वाले दर्शकों की तो जाँच कर ली जाती है, मगर रेड फोर्ट के सरकारी कर्मचारी ही कई बार खुद गुटखा लेकर भीतर चले जाते हैं! अंदर घुसने वालों की जाँच में भी कई बार ढील-पोल होती है। सच तो यह है कि हम जिस गाड़ी में घूमने निकले थे उसका ड्रायवर भी बार-बार खिड़की से मुँह निकालकर पच्च-पच्च पीक थूकता था। मना करो तो अपनी पान में बदरंग खीसें निपोरकर बेशर्मी से हँस देता था। यह सब देखकर यह मानने पर मजबूर होना पड़ता है कि हम हिन्दुस्तानियों का नागरिकता-बोध कितना कमजोर है। यह आगरा शहर की ही बात नहीं है, भारत के गाँव-गाँव और शहर-शहर में गंदगी और फूहड़पन का साम्राज्य है। हिन्दुस्तानी पालक और शिक्षक खुद भी किसी सार्वजनिक सफाई व्यवस्था का ध्यान नहीं रखते और न ही माता-पिता अपनी संतति को यह संस्कार देने का कोई प्रयास करते हैं। यदि कार में किसी बच्चे ने चॉकलेट खाया, तो माँ फट से खिड़की खोलकर, सड़क पर रैपर फेंक देगी। इसे सम्हालकर बाद में कचरा पेटी में डालना है यह करने और बच्चे को यह सिखाने का कष्ट हिन्दुस्तान में बहुत कम लोग करते हैं। नतीजा होता है विदेशियों के सामने शर्मिंदगी और हमारे अपने स्वास्थ्य को लगातार संकट। हमारा देश पहले ही गर्म जलवायु देश है ऊपर से इतनी गंदगी है, अत: यह वातावरण की गंदगी से फैलने वाली महामारियों का देश भी हो गया है। आखिर कब हम यह समझेंगे?

Source: http://objectionmelord.blogspot.in/2011/11/blog-post_814.html





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आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य रखा गया  -
क्या क्या है स्मार्ट सिटी में -
 निर्बाध विद्युत आपूर्ति
. पर्याप्त स्वच्छ पेयजल आपूर्ति
. स्वास्थ्य और शिक्षा
. सफाई सहित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट
. महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों की सुरक्षा
. सुलभ एवं सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन
. गरीबों के लिए किफायती आवास
. सक्षम आईटी कनेक्टिविटी और डिजिटेलाइजेशन
. ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी
. सुस्थिर पर्यावरण




ताजमहल पहुंची सोनाली बिंद्रे, पति और बेटे को करवाया दीदार Sonali Bendre in Agra , Watched Taj Mehal , 7 Wonders of World , India's No 1 Toursm Destination

ताजमहल पहुंची सोनाली बिंद्रे, पति और बेटे को करवाया दीदार

Sonali Bendre in Agra , Watched Taj Mehal , 7 Wonders of World , India's No 1 Toursm Destination in Agra, India






आगरा. बॉलीवुड एक्‍ट्रेस सोनाली बिंद्रे अपने पति और बेटे के साथ शनिवार को ताजमहल का दीदार करने पहुंची। पहले यहां का घूम चुकी सोनाली ने पति गोल्‍डी बहल और बेटे रणवीर को खुद ही ताजमहल के बारे में बताया। बाद में उन्‍होंने एक गाइड भी किया, लेकिन अधिकतर बातें वह खुद ही बताती रहीं। सोनाली की सुरक्षा के लिए पर्यटन पुलिस भी साथ में पहुंची थी। उनके आस-पास पुलिस का पहरा था। सोनाली का देखते ही पर्यटक चहक उठे। पर्यटकों ने सोनाली की ताज के साथ तस्‍वीर ली।


शुक्रवार से आगरा में थीं सोनाली
सोनाली बिंद्रे शुक्रवार से आगरा में थी। एक दिन पहले वह फतेहपुर सीकरी गई थी। यहां उन्‍होंने शेख सलीम चिश्‍ती दरगाह पर चादर चढ़ाई और मन्‍नत का धागा बांधा था। बाद में उन्‍होंने फतेहपुर सीकरी के किले का भ्रमण किया था। इसके बाद वह आगरा शहर में लौट आई थी।

शुक्रवार को फतेहपुर सीकरी में दरगाह पर चादरपोशी और मन्नत का धागा बांधने के बाद सोनाली बेंद्रे ने पति गोल्डी बहल और बेटे के साथ शनिवार सुबह ताज का दीदार किया

टूरिस्ट पुलिस के साथ पहुंची सोनाली को पर्यटकों ने पहचान लिया और उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई। सोनाली बेंद्रे डेढ़ घंटे तक ताजमहल में रहीं। उन्होंने दुपट्टे से चेहरा ढकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस के साथ होने और चर्चा फैलने के बाद पर्यटक उनके� पास चले आए। फतेहाबाद रोड के होटल में रुकीं सोनाली ने दिल्ली लौटते वक्त प्रतापपुरा चौराहे पर शहर के नामचीन मिष्ठान भंडार से मिठाइयां और पेठा भी खरीदा।


परिवार संग ताजमहल में बिताया वक्‍त
शनिवार को ताजमहल पर पहुंचकर उन्‍होंने करीब तीन घंटे यहां पर परिवार के साथ वक्‍त बिताया। सोनाली ने कहा कि वह यहां पर पहले भी आ चुकी हैं और यहां का नजारा उन्‍हें मोहित करता है। ताजमहल सचमुच दुनिया सबसे बेहतरीन और खूबसूरत इमारत है। हालांकि, उन्‍होंने इस दौरान मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। शाहरुख खान के विवादास्‍पद बयान पर पूछे जाने पर सोनाली ने कहा कि आज वह मस्‍ती के मूड में हैं। ऐसे में शाहरुख ने किस मुद्दे पर क्‍या कहा, यह सब भूल चुकी हैं। सीरियल और रिएलिटी शो की चर्चा करने पर सोनाली बिंद्रे ने कहा कि इसपर वह अलग से मीडिया से बात करेंगी।

दूर से ही तस्‍वीर लेते रहे फैंस
सोनाली बिंद्रे को ताजमहल में घूमते हुए देखते ही भारतीय पर्यटकों में हलचल सी मच गई थी। कई पर्यटकों ने साथ में खड़े होकर फोटो खिंचवाने की कोशिश की, लेकिन पर्यटन पुलिस ने ऐसा करने से रोक दिया। लिहाजा पर्यटक दूर से ही उनकी फोटो कैमरे में उतारते रहे।




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Breaking News : आज से महंगा हो गया एसी का किराया, कटेगी आपकी जेब रेलवे ने एसी श्रेणी के किरायों में की करीब चार प्रतिशत की बढ़ोतरी उपकर से एक साल में 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

Breaking News : आज से महंगा हो गया एसी का किराया, कटेगी आपकी जेब
रेलवे ने एसी श्रेणी के किरायों में की करीब चार प्रतिशत की बढ़ोतरी
उपकर से एक साल में 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद


रेलवे के उच्च वर्ग श्रेणियों के किराए रविवार से बढ़ जाएंगे क्योंकि किरायों में 14 प्रतिशत सेवा कर लेवी और 0.5 प्रतिशत का स्वच्छ भारत उपकर के रूप में लिया जाएगा।

रेल मंत्रालय के एक परिपत्र के अनुसार 15 नवंबर से प्रथम श्रेणी और सभी एसी वर्गों के किराए में 4.35 प्रतिशत की वृद्धि होगी। सरकार ने 6 नवंबर को एक अधिसूचना में सभी कर योग्य सेवाओं पर स्वच्छ भारत उपकर लगाने की घोषणा की थी।

परिपत्र में कहा गया, ‘‘यात्री किराए के कुल 30 प्रतिशत पर 14 प्रतिशत सेवा कर और स्वच्छ भारत अभियान का 0.5 प्रतिशत उपकर लगाया जाएगा जो प्रथम श्रेणी एवं सभी एसी वर्गों के किरायों के कुल 4.35 प्रतिशत के बराबर है।’’ हालांकि 15 नवंबर से पहले जारी किए गए टिकटों पर सेवा कर नहीं लगेगा।





सामान्य एवं शयनयान श्रेणी के किराए पर लेवी नहीं लगेगा
सामान्य एवं शयनयान श्रेणी के किराए पर लेवी नहीं लगेगा। इस वृद्धि के साथ नई दिल्ली-मुंबई मार्ग की मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी-1 का किराया 206 रुपया बढ़ जाएगा जबकि नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग की ट्रेनों के एसी-3 के किराए में 102 रुपये की बढ़ोतरी होगी। दिल्ली-चेन्नई मार्ग की ट्रेनों के एसी-2 श्रेणी का किराया 140 रुपये बढ़ जाएगा।

उपकर से एक साल में 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद
एक आकलन के अनुसार सेवा कर लेवी और स्वच्छ भारत उपकर से एक साल में 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। यात्री खंड से रेलवे की सालाना कमाई करीब 35,000 करोड़ रुपये अनुमानित की गई है।

स्वच्छ भारत अतिरिक्त टोल के चलते बढ़ा ट्रेन का किराया
पटना : रेलवे ने एक बार फिर किराये में वृद्धि कर दी है. यह वृद्धि रविवार से शुरू हो जायेगा. रेलवे यात्रियों की माने तो स्वच्छ भारत अतिरिक्त टोल के चलते की गयी है. रविवार यानी 15 नवंबर से फर्स्ट क्लास और सभी एसी क्लास के टिकट पर 0.5 प्रतिशत तक महंगे हो जायेंगे. बढ़े किराये के अनुसार पटना से दिल्ली और मुंबई जाने के लिए यात्रियों को तय किराये पर 15 से 20 रुपये अधिक देने होंगे.

रेलवे बोर्ड से पूर्व 

मध्य रेलवे जोन को यह सर्कुलर आ गया है. अधिकारियों की माने तो 0.5 फीसदी टैक्स वसूला जायेगा. इससे यात्रियों के जेब पर आर्थिक बोझ आयेगा. वहीं, किराया बढ़ने से पटना से दिल्ली आदि शहरों में जाने वाले यात्रियों में काफी रोष है. 

यह है पटना से दिल्ली का किराया

ट्रेन क्लास पहले अब 

राजधानी एक्सप्रेस थर्ड  एसी 1620 रुपये 1635 रुपये
सेकेंड एसी  2250 रुपये 2270 रुपये 
फस्ट एसी     3755 रुपये 3780 रुपये 
संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस थर्ड  एसी 1295 रुपये 1305 रुपये
सेकेंड एसी 1855 रुपये 1870 रुपये
फर्स्ट एसी 3160 रुपये 3180 रुपये 

नोट: राजधानी एक्सप्रेस छोड़ सभी ट्रेनों में एक समान किराया लागू्

रेलवे ने सर्विस टैक्स बढ़ा दिया है. इसी को देखते हुए एसी क्लास का किराया 15 नवंबर से बढ़ाया जा रहा है. पहले 14 प्रतिशत टैक्स लिया जाता था. अब 14.35 प्रतिशत हो गया है. बढ़ा किराया पूर्व मध्य रेलवे के सभी मंडलों को जारी कर दिया गया है.
अरविंद कुमार रजक, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूमरे

कितना महंगा होगा सफर
दिल्ली से मुंबई जाने वाली मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी फर्स्ट का किराया करीब 206 रुपए बढ़ेगा। दिल्ली से हावड़ा जाने वाली इन्हीं ट्रेनों में थर्ड एसी का किराया करीब 102 रुपए बढ़ेगा। इसी तरह, दिल्ली-चेन्नई रूट पर सेकंड एसी में सफर करने पर सर्विस टैक्स और स्वच्छ भारत सेस मिलाकर 140 रुपए ज्यादा देने होंगे।


सेस बढ़ने से ट्रैवल, फोन पर बात, बाहर खाना सब महंगा
क्लीन इंडिया सेस 15 नवंबर से लागू हो रहा है, इसका रेट 0.5% होगा। यह सेस उन सभी सर्विसेस पर लागू होगा, जिन पर अभी सर्विस टैक्स लगता है। इससे रेल टिकट, फोन बिल, सिनेमा टिकट, होटल में खाना समेत सभी सर्विस महंगी हो जाएंगी। हालांकि जिन सर्विसेस का पेमेंट 15 नवंबर से पहले हो चुका है उनके लिए अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। यानी अगर आपने 15 नवंबर या इसके बाद रेल या हवाई यात्रा के लिए पहले से टिकट ले रखा है तो आपको ज्यादा पैसे नहीं चुकाने पड़ेंगे।
सर्विस टैक्स की ही तरह क्लीन इंडिया सेस पर भी अबेटमेंट या छूट के नियम लागू होंगे। जैसे रेस्तरां बिल में 60% हिस्से पर छूट मिलती है। यानी बिल के 40% हिस्से पर ही सर्विस टैक्स लगता है। यह पूरे बिल का 5.6% बैठता है। सेस समेत यह 5.8% हो जाएगा। इसी तरह पेनाल्टी के जो नियम सर्विस टैक्स पर लागू होते हैं, वे स्वच्छ भारत सेस पर भी लागू होंगे। हालांकि सर्विस टैक्स की तरह कारोबारियों को इस पर सेनवैट क्रेडिट नहीं मिलेगा।





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पीएम मोदी की तारीफ से रातों रात दुनिया में छा गया इमरान खान

पीएम मोदी की तारीफ से रातों रात दुनिया में छा गया इमरान खान
Last Updated: Saturday, November 14, 2015 - 21:12


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पीएम मोदी की तारीफ से रातों रात दुनिया में छा गया इमरान खान

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एक मुस्लमान ये भी हैं , और नरेंद्र मोदी जी की तारीफ के हक़दार बने 
अच्छा काम करो , अच्छाई ही फैलेगी 
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अलवर : राजस्थान का मेवात क्षेत्र के अलवर के 37 वर्षीय शिक्षक इमरान खान की लगन और कार्य की वजह से दुनिया में छा गया जब शुक्रवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के वेम्बले स्टेडियम में दिये सम्बोधन में इमरान खान की जमकर तारीफ की।



प्रधानमंत्री द्वारा इमरान खान की उपलब्धियों का जिक्र करने के बाद तो उसकी दुनिया ही बदल गयी। इमरान खान आज सुबह से अधिकारियों एवं मीडियाकर्मियों से घिरा हुआ है। केन्द्र और राजस्थान सरकार ने इमरान खान का सम्मान किया है।

केन्द्रीय संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इमरान खान से करीब दस मिनट तक फोन पर बातचीत की और शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किये गये एप के लिए बधाई दी। भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने इमरान खान को जीवनभर के लिए फ्री डाटा कनेक्शन उसके घर पर शुरू भी कर दिया है।

भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड (अलवर) के महाप्रबंधक अरूण कुमार ने कहा कि केन्द्रीय संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इमरान खान की उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और करीब दस मिनट तक बातचीत की है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने इमरान खान को ताजिदंगी मुफ्त बीएसएनएल ब्राडबैंड कनेक्शन प्रदान किया है यह कनेक्शन आज उसके घर पर शुरू भी हो गया है। बीएसएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव और अलवर जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने इमरान खान को बधाई दी और उनका सम्मान किया।

अलवर के लक्ष्मीनगर इलाके में एक छोटे से मकान में जीवन बसर कर रहे जून 1978 में जन्मे शिक्षक इमरान खान की जिदंगी उसके छोटे भाई के कम्प्यूटर ने बदल दी और इसको आगे पहुंचाया। अलवर के तत्कालीन जिला कलेक्टर आशुतोष ए पंडेण्कर ने जब उन्हें अलवर जिले को लेकर बनने वाले एप को लेकर बातचीत की और जिम्मेदारी सौंपी।

इमरान खान ने बातचीत करते हुए कहा, ‘तत्कालीन जिला कलेक्टर आशुतोष जी ने कहा अब वेबसाइट का नहीं एप का जमाना है, तुम इस पर काम करो।’

इमरान खान ने कहा, ‘‘मैंने कभी भी कम्प्यूटर की प्राथमिक प्रशिक्षण नहीं लिया, न ही किसी संस्थान में प्रशिक्षण लेने गया। मैं शुरू में कम्प्यूटर पर गेम खेलता था और फिर मैंने गुगल की मदद से वेबसाइट बनाना सीख लिया। गुगल पर सब कुछ मिल जाता है और मैंने इसका भरपूर उपयोग किया।’’ खान ने कहा कि शिक्षा पर आधारित अब तक बावन एप बना चुके है और दावा किया कि इन एप को करीब तीस लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है।

किसान सूलेमान खान के चार पुत्रों में तीसरे नम्बर के पुत्र इमरान खान ने कहा, ‘‘मैने प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, प्रतियोगी परीक्षाओं और एनसीईआरटी का एप बनाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा दौर में अंग्रेजी भाषा में तो भरपूर एप है लेकिन हिन्दी, स्थानीय भाषा और ग्रामीण क्षेत्र पर आधारित एप बहुत कम है। मैने यही सोच कर हिन्दी और स्थानीय भाषा में एप बनाने का काम आरंभ किया अब तक बावन एप बना चुका हूं। इमरान खान का सबसे बडा भाई व्याख्याता, दूसरा भाई मैकेनिकल इंजीनियर और छोटा भाई कम्प्यूटर इंजीनियर है।’’ खान के अनुसार केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी कुछ समय पहले उन्हें दिल्ली बुलाकर उनके द्वारा बनाये गये एप अधिकारियों को दिखाये थे।

इमरान खान ने कहा, ‘मैंने शुक्रवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन को नहीं सुना था लेकिन उसके बाद एक परिचित का फोन आया जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा मेरे नाम करने की जानकारी देने के बाद यू ट्यूब से सम्बोधन को सुना। इसके बाद तो फोन आने का सिलसिला शुरू हो गया जो दिन निकलने के साथ व्यक्तिगत रूप से मिलकर और फोन पर बधाईयां देने का क्रम तेज हो गया।’


Last night at London's Wembley Stadium while talking about his idea of India, Prime Minister Narendra Modi gave a shout out to Imran Khan, a teacher from Rajasthan. The reason? Mr Khan is a 37-year-old teacher tirelessly pursuing the task of making education more accessible to everyone. While he teaches Sanskrit and is an employee of Rajasthan government, he has also created over 50 free apps on subjects such as general knowledge and English for Android users.

"In Rajasthan's Alwar there is a man called Imran Khan. He has made 50 mobile apps. And Alwar's Imran Khan dedicated those apps to the students for free," Modi said in London. "My India is in that Imran Khan from Alwar."

As for Khan, he says on his portal that his intent is to help Hindi medium students. "I am Imran Khan, a teacher in Sanskrit Education Department from Rajasthan. GKTalk is my web portal for educational purpose to provide a support to Hindi medium students," he writes on his web portal.

While Khan's apps have basic design and fairly basic content, it is apparent that the app users like them. Almost all of his apps on the Play store have a rating of four stars or more. Sunil Kumavat, who tried the app called RAS Tutor, writes in his review, "Very impressive and useful for all competitive exam. Really thanks... Imaran sir."

Khan's apps have been downloaded by over two millions of Android users.

Imran apparently started the software development in 2005. , Khan read some of the IT books left behind at home by his brother and he found interesting. "My younger brother, Idrees, left his books at home after he bagged a job at a Gurgaon software firm. He had completed his B Tech in Computer Science from the Institute of Engineering and Technology in Alwar. As I was free after school, I began looking up those books. I learnt HTML and designed a website," he told the newspaper.





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अखिलेश बोले, डिम्पल से शादी के बाद खुल गई किस्मत

अखिलेश बोले, डिम्पल से शादी के बाद खुल गई किस्मत


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ब्लॉग विचार - खानदानी वारिस होने की वजह से खुली किस्मत , जैसे लालू यादव के 9 वीं पास पुत्र तेजस्‍वी के पास  लाखों की संपत्ति 91,52,500 रुपए ,  85,000 रुपए का लैपटॉप है , 2.60 लाख रुपए की ज्वैलरी भी है.
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उनका भाग्य डिम्पल यादव से शादी के बाद खुला। नवंबर 1999 में उनकी शादी हुई और फरवरी 2000 में सांसद चुने गए। वह सबसे कम उम्र के सांसद थे। ऐसी किस्मत खुली कि मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच गए




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Breaking News :तय करें आतंकवाद पर कौन साथ है और कौन खिलाफ: मोदी केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है

Breaking News :तय करें आतंकवाद पर कौन साथ है और कौन खिलाफ: मोदी
केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है


पेरिस में हुए बर्बर आतंकवादी हमले को ‘मानवता पर हमला’ बताते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मांग की कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे दुनिया यह जान सके कि कौन आतंक का समर्थन कर रहा है और कौन उसके खिलाफ है.




150 से अधिक लोगों की जान लेने वाले पेरिस आतंकी हमले की निंदा करते हुए मोदी ने कहा, ‘पेरिस में कल जो हुआ, वह मानवता पर हमला है और दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह केवल पेरिस पर हमला नहीं है, केवल फ्रांस के नागरिकों पर हमला नहीं है और न ही केवल फ्रांस पर हमला है बल्कि मानवता पर हमला है.’

मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए
12वीं शताब्दी के भारत के महान दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मानवतावादी सिद्धांतों पर हमला है, इसलिए मानवता में जो भी ताकतें विश्वास रखती है, उन्हें एकसाथ आकर ऐसे हमलों की निंदा करनी चाहिए. मानवता विरोधी शक्तिओं को शिकस्त देने के लिए सभी मानवता समर्थक शक्तियों को एकजुट हो जाना चाहिए.’

मोदी ने कहा कि जब भी दुष्ट ताकतें सिर उठाती है, बसवेश्वर जैसे लोग उनके खिलाफ मुख्य भूमिका में सामने आ जाते हैं. ब्रिटेन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसे समय में बसवेश्वर की प्रतिमा का आनावरण कर रहा हूं. जब मेरा हृदय सदमे में हैं.’ मोदी ने मांग की कि इससे पहले बहुत देर हो जाये, संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन इस बुराई से लड़ रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को मंजूरी देने की अपील की .

समय न गंवाएं 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि अपनी 70वीं वषर्गांठ मनाते समय संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने को लेकर और समय न गंवाएं. प्रस्ताव उसके समक्ष है. जिससे कि हमें यह पता लग सके कि कौन आतंकवाद के साथ है, कौन आतंकवाद की मदद कर रहा है, कौन आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और कौन आतंकवाद का शिकार है, कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन मानवतावाद के साथ रहकर कुर्बानी देने को तैयार है.’ उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, दुनिया की मानवता समर्थक शक्तियां एकजुट हो जायें और ये एकजुट होकर ऐसी रणनीति बनाये जो मानवता विरोधी शक्तियों को परास्त कर दें.

इस आतंकी हमले पर मोदी ने जारी एक अलग बयान में कहा, ‘पेरिस में हुए इस बर्बर आतंकी हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. 100 से अधिक लोग उस समय मारे गए जो क्षण उनके बेहद प्रिय थे या जिन क्षणों को वे अपने प्रियजनों के साथ बिता रहे थे.’

मोदी ने कहा कि बसवेश्वर (1134-1168) के विचार और मूल्य लोगों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में ही महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगाई थी । भारतीय प्रधानमंत्री को ‘मैग्नाकार्टा’ की एक प्रति भेंट की गई है। उन्होंने ‘मैग्नाकार्टा’ का उललेख करते हुए बताया कि इस महान दस्तावेज में जिन अधिकारों और सिद्धांतों की बात की गयी है, उन सभी अधिकारों और सिद्धांतों को बसवेश्वर बहुत पहले ही लिख गए। बसवेश्वर को लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का पैरोकार बताते हुए मोदी ने कहा,‘‘ जब भी हम नागरिकों के समानता के अधिकार की बात करते हैं तो सबसे पहले अब्राहम लिंकन का नाम याद आता है लेकिन बसवेश्वर ने 700 वर्ष पहले ही इन सिद्धातों की स्थापना की थी। ’’  

महान भारतीय दार्शनिक की प्रतिमा की स्थापना को भारत के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों को लोकतांत्रिक सिद्धातों के प्रति आकर्षित भी करेगी। बसवेश्वर ने अछूतों के प्रति अपनाये जाने वाले भेदभावपूर्ण रवैये का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां समय समय पर कई समाज सुधारक सामने आये। इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ नीरज पाटिल भी उपस्थित थे



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Friday, November 13, 2015

Was Tipu Sultan a secular king or a murderer of Hindus? The answer isn’t very simple

Was Tipu Sultan a secular king or a murderer of Hindus? The answer isn’t very simple


News : DNA India
Tuesday, 10 November 2015 - 9:00pm IST | Agency: dna webdesk


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Tipu Sultan’s "secular" or "religious" actions, while important from a historical perspective, should not be the reason for anyone’s death in this day and age.
Tipu Sultan Wikimedia Commons
On Tuesday, things in Karnataka turned ugly when a Vishwa Hindu Parishad (VHP) activist named DS Kuttappa was allegedly killed in Madikeri, after clashes broke out over the birth anniversary celebrations of 18th century Mysore ruler Tipu Sultan. According to the police, Kuttappa suffered head injuries and died on the spot.




The violence erupted after the ruling Congress government in the state announced statewide celebrations for Tipu Jayanti for the first time, which were boycotted by the BJP and their ideological brethren, who see Sultan as a religious bigot. However, Karnataka CM Siddaramaiah defended the move, saying Tipu was a secular leader. “Tipu Sultan was a secular ruler. He was a model king in the entire country. A section of people criticise him out of prejudice,” he said.

Tipu Sultan’s actions in history are up for debate, and it’s impossible to place him into comfortable modern brackets like 'secular leader' or 'Hindu killer' or 'freedom fighter'.

So was Tipu a secular king or a murderer of Hindus?

While some consider Tipu a national hero, others paint him as a Hindu-killing king who forced people to convert to Islam. The latter was a view backed by the British, who he fought against after allying with the French.

In a Guardian article, William Dalrymple says it was the British who painted Tipu as a tyrant. He writes: “There was no doubt who would be the first to be targeted: a Muslim dictator whose family had usurped power in a military coup. According to British sources, this chief of state was an "intolerant bigot", a "furious fanatic" with a "rooted and inveterate hatred of Europeans", who had "perpetually on his tongue the projects of jihad". He was also deemed to be "oppressive and unjust ... [a] sanguinary tyrant, [and a] perfidious negotiator".”

He adds that what worried the British was that Tipu was an able fighter who used ‘weapons of the West’ against their inventors, which at times were superior to the East India Company’s old matchlocks. He also claims that Tipu continued the Indo-Islamic tradition of syncretism, even though he did destroy Hindu temples conquered in war, while supporting temples which fell under his kingdom.

Meanwhile, in a Firstpost article, MA Deviah talks about why celebrating Tipu Jayanti is insulting to various people in the region, particularly in places like Coorg, Mangalore and Kerala. He writes: “…(they) regard Tipu Sultan as a tyrant who destroyed temples, killed non-Muslims, and forcibly converted tens of thousands of conquered people. Various parties and organisations have already taken out protest processions and 10 November, is being observed across Coorg district as a black day.”

The article claims that people in Coorg were circumcised and forced to eat beef and that Tipu is also said to have destroyed temples in Coorg. He also quotes a Portuguese missionary who wrote that Tipu ‘tied naked Christians and Hindus to the legs of elephants and made the elephants move around till the bodies of the helpless victims were torn to pieces.’

There are several claims of other atrocities by Tipu Sultan, but then similar things could be said about any ruler, including Akbar or Aurangzeb or even king Ashoka, if we were to judge them by modern standards of governance.

How long will we fight about history?

To the cynical viewer, celebrating Tipu Jayanti was a move by the Congress to antagonise the right-wing, and they fell for it hook, line and sinker to further bolster the image that the BJP and their ideological brethren are anti-Islam, with communal elements waiting for a flare-up. It also gave Siddaramaiah the opportunity to accuse the RSS and "other communal forces" of making it a communal issue and opposing it. Tipu Sultan’s "secular" or "religious" actions, while important from a historical perspective, should not be the reason for anyone’s death in this day and age. How long will we keep fighting about what happened in the past, instead of dealing with the many, many issues that plague modern-day India




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राम नाम की अंगूठी पहनता था टीपू सुल्तान, मौत के बाद अंग्रेज ने थी उतारी

राम नाम की अंगूठी पहनता था टीपू सुल्तान, मौत के बाद अंग्रेज ने थी उतारी


टीपू सुल्तान की सोने की वह अंगूठी लंदन में नीलाम कर दी गई जिस पर 'राम' लिखा था. क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने सोने की इस अंगूठी को एक लाख 45 हजार पाउंड में बेचा.

मुसलमान राजा टीपू सुल्तान की ये अंगूठी खास इसलिए है कि क्योंकि इस पर राम का नाम लिखा है.

(टीपू सुल्तान की ये सोने की अंगूठी मई 2014 में लंदन में नीलाम हुई थी. ये ख़बर उस नीलामी के बीद बीबीसी हिंदी पर छपी थी)

टीपू सुल्तान को भारत में ब्रिटिश शासन से लोहा लेने के लिए जाना जाता है. माना जाता है कि उनकी मौत के बाद एक ब्रिटिश जनरल ने ये अंगूठी उनके शव से निकाल ली थी.




क्रिस्टी की वेबसाइट के अनुसार, 41 ग्राम की ये अंगूठी अनुमानित मूल्य से दस गुना ज्यादा कीमत पर सेंट्रल लंदन में नीलाम की गई. इसके खरीददार की पहचान उजागर नहीं की गई.

आरोप है कि ये अंगूठी उनके मृत शरीर से तब निकाली गई थी, जब वे 1799 में श्रीरंगापट्टनम की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के हाथों मारे गए थे.

नीलामी सूची में अंगूठी के बारे में लिखा है, ''हैरानी की बात है कि एक महान मुस्लिम योद्धा राजा हिन्दू भगवान के नाम की अंगूठी पहनता था.''

अपने पिता हैदर अली के बाद उन्होंने 17 साल तक मैसूर पर शासन किया. उन्हें 'टाइगर ऑफ मैसूर' के रूप में जाना जाता था.

विरोध -
भारत के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के प्रोफेसर एस शेट्टार ने इस महीने की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि अगर ये अंगूठी किसी प्राइवेट बोली लगाने वाले को बेची गई तो ये जनता की निगाह से ओझल हो सकती है.

उन्होंने भारतीय सरकार से अपील की थी कि वह इस अंगूठी को हासिल करने के लिए सभी तरह के कानूनी और राजनयिक तरीक़े अपनाए.

उन्होंने कहा कि अगर अंगूठी की नीलामी नहीं रोकी जा सकती है तो भारतीय अमीरों को देश की इस धरोहर को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. वैसे पता नहीं चल सका है कि अंगूठी का नया मालिक भारतीय है या नहीं.

'टीपू सुल्तान यूनाइटेड फ्रंट' के एक संगठन ने भारतीय अधिकारियों से अपील की थी कि वो इस अंगूठी की बिकने से रोकें. इस अंगूठी को क्रिस्टीज़ ने दो साल पहले भी नीलाम करने की बात की थी लेकिन बाद में नीलामी रोक दी गई थी.






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