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Saturday, October 17, 2015

रेलवे में 'रेल नीर' घोटाले का खुलासा, सीबीआई ने बरामद किए 20 करोड़ रुपये

रेलवे में 'रेल नीर' घोटाले का खुलासा, सीबीआई ने बरामद किए 20 करोड़ रुपये



सीबीआई ने रेलवे में बोतलबंद पानी 'रेल नीर' से जुड़े बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच एजेंसी ने इस मामलें में सप्लायरों से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है, जो यात्रियों को मनमाने दामों पर पानी बेचते थे। सीबीआई ने इस घोटाले में उत्तर रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों और 7 निजी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने इस घोटाले की छानबीन के लिए नोएडा और दिल्ली के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। एजेंसी ने उत्तर रेलवे के पीएस ऐंड कैटरिंग के पूर्व कमर्शल प्रमुखों एम.एस छलिया और संदीप सिलास के खिलाफ केस दर्ज किया है। संदीप सिलास पूर्व केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के तौर पर भी काम कर चुका है। सीबीआई ने जिन कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनमें आरके एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कैटरर्स, अंबुज होटल ऐंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएट्स, सनसाइन प्राइवेट लिमिटेड, वृंदावन फूड प्रॉडक्ट और फूड वर्ल्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया है।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स के मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल और उनके बेटों अभिषेक अग्रवाल एवं राहुल अग्रवाल के घर से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है। सीबीआई अफसरों ने बताया कि यह कंपनियां रेलवे अफसरों की मिलीभगत से यात्रियों और रेलवे को चूना लगाने का काम करते थे।

यह निजी कंपनियां 'रेल नीर' की बोतलबंद पानी की बोतलें तैयार करने में मोटा मुनाफा कमाते थे। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे अधिकारी इन निजी कंपनियों का पक्ष लेते थे। यह कंपनियां राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों समेत सभी गाड़ियों में 'रेल नीर' के नाम पर औसत दर्जे के पानी की आपूर्ति करते थे।

बताते चलें कि रेलवे बोर्ड IRCTC द्वारा मुहैया कराए गए रेल नीर को ट्रेनों में बेचने की इजाजत देता है. इसे वेंडर को 10.50 रुपये प्रति बोतल दिया जाता है, जिसे वे 15 रुपये प्रति बोतल बेचते हैं. लेकिन ट्रेनों में रेल अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा नहीं हो रहा था. इनकी जगह पानी की सस्ती बोतलें बेची जा रही थीं. इनकी कीमत 5 से 7 रुपये तक होती है, जिसे 15 से 20 रुपये के बीच बेचा जाता था. सीबीआई की कार्रवाई पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया है.


सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उत्तर रेलवे के तत्कालीन मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों (पीएस एवं कैटरिंग) एम एस चालिया और संदीप सिलस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने निजी कंपनियों आर के एसोसिएटस प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कैटरर्स प्राइवेट लिमिटेड, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएटस प्राइवेट लिमिटेड, सनशाइन प्राइवेट लिमिटेड, वंदावन फूड प्रॉडक्ट और फूड वर्ल्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। सिलस एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।



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